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छठ पूजा के 'नहाय खाय' से लेकर 'सूर्योदय के अर्घ्य' के बारे में जानिए सब कुछ - तीसरे दिन 'उगते हुए सूर्य को अर्घ्य'

उत्तर प्रदेश के कानपुर में छठ पूजा की तैयारी जोरों पर है. छठ की शुरुआत दीवाली के छठे दिन होती है. आइए जानते हैं छठ पूजा की तिथि और मुहूर्त.

छठ पूजा की तैयारी जोरों पर.
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Published : Oct 30, 2019, 8:44 PM IST

कानपुरः तीन दिनों का महापर्व छठ दिवाली के छठे दिन मनाया जाता है. छठ की शुरुआत 'नहाय खाय' से होती है. इस साल 31 अक्टूबर को 'नहाय खाय' मनाया जाएगा. इस दिन छठ करने वाला व्यक्ति स्नान करने के बाद नए कपड़े पहनता हैं. 'नहाय खाय' के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि खाने में किसी भी प्रकार के मसाले, लहसुन और प्याज का उपयोग न हो.

पहला दिन होता है खरना
छठ के पहले दिन 'खरना' होता है. खरना के दिन छठ करने वाला व्यक्ति पूरे दिन का उपवास रखकर शाम के वक्त खीर और रोटी बनाता है. इस बार खरना एक नवंबर को मनाया जाएगा. खरने के प्रसाद में चावल, दूध के पकवान, ठेकुआ बनाया जाता है, जिसके साथ ही फल सब्जियों से पूजा भी की जाती है.

छठ पूजा की तैयारी जोरों पर.
दूसरे दिन 'अस्त होते सूर्य को अर्घ्य'
छठ के दूसरे दिन यानी शाम के वक्त अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस बार शाम का अर्घ्य 2 नवंबर को किया जाएगा. छठ व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत कर शाम को अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देती है. इस दिन नदी या तालाब में सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है.

तीसरे दिन 'उगते हुए सूर्य को अर्घ्य'
तीसरे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. अर्घ्य देने के बाद लोग घाट पर बैठकर विधिवत तरीके से पूजा पाठ करते हैं, फिर आसपास के लोगों को प्रसाद वितरण करते हैं. इस बार 3 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

कानपुरः तीन दिनों का महापर्व छठ दिवाली के छठे दिन मनाया जाता है. छठ की शुरुआत 'नहाय खाय' से होती है. इस साल 31 अक्टूबर को 'नहाय खाय' मनाया जाएगा. इस दिन छठ करने वाला व्यक्ति स्नान करने के बाद नए कपड़े पहनता हैं. 'नहाय खाय' के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि खाने में किसी भी प्रकार के मसाले, लहसुन और प्याज का उपयोग न हो.

पहला दिन होता है खरना
छठ के पहले दिन 'खरना' होता है. खरना के दिन छठ करने वाला व्यक्ति पूरे दिन का उपवास रखकर शाम के वक्त खीर और रोटी बनाता है. इस बार खरना एक नवंबर को मनाया जाएगा. खरने के प्रसाद में चावल, दूध के पकवान, ठेकुआ बनाया जाता है, जिसके साथ ही फल सब्जियों से पूजा भी की जाती है.

छठ पूजा की तैयारी जोरों पर.
दूसरे दिन 'अस्त होते सूर्य को अर्घ्य'
छठ के दूसरे दिन यानी शाम के वक्त अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस बार शाम का अर्घ्य 2 नवंबर को किया जाएगा. छठ व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत कर शाम को अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देती है. इस दिन नदी या तालाब में सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है.

तीसरे दिन 'उगते हुए सूर्य को अर्घ्य'
तीसरे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. अर्घ्य देने के बाद लोग घाट पर बैठकर विधिवत तरीके से पूजा पाठ करते हैं, फिर आसपास के लोगों को प्रसाद वितरण करते हैं. इस बार 3 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.
Intro:एंकर-तीन दिनों का महापर्व छठ दिवाली के छठे दिन मनाया जाता है। दिवाली खत्म होते ही लोग छठ की तैयारी में लग जाते हैं।
तीन दिनों का महापर्व छठ दिवाली के छठे दिन मनाया जाता है। दिवाली खत्म होते ही लोग छठ की तैयारी में लग जाते हैं।

Body:वीओ -की शुरुआत 'नहाय खाय' से होती है आपको बता दें कि इस साल 31 अक्टूबर को 'नहाय खाय' मनाया जाएगा। इस दिन जो भी छठ करने वाले व्यक्ति हैं वह स्नान करने के बाद नए कपड़े पहनते हैं और उसके बाद भी खाना खाते है। 'नहाय खाय' के दिन एक बात का खास ध्यान रखा जाता है वह यह कि खाना में किसी भी प्रकार के मसाला और लहसन और प्याज न मिलाया जाए। इसका साफ अर्थ यह है कि काफी साधारण तरीके से आज के दिन खाना बनाया जाता है।

पहला दिन खरना

दूसरे दिन 'खरना' होता है। खरना के दिन छठ करने वाले व्यक्ति पूरे दिन का उपवास रखकर शाम के वक्त खीर और रोटी बनाते है। इस बार खरना 1 नवंबर को मनाया जाएगा। खरना के शाम को रोटी और गुड़ के खीर का प्रसाद बनाया जाता है। प्रसाद में चावल, दूध के पकवान, ठेकुआ बनाया जाता है। साथ ही फल सब्जियों से पूजा की जाती है।

दूसरे दिन 'अस्त होते सूर्य को अर्घ्य'

छठ के दूसरे दिन यानी शाम के वक्त अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य दी जाती है। इस बार शाम का अर्घ्य 2 नवंबर को है। छठ व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत करते हुए शाम को अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देती है। इस दिन नदी या तालाब में सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है।

तीसरे दिन 'उगते हुए सूर्य को अर्घ्य'

तीसरे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दी जाती है। अर्घ्य देने के बाद लोग घाट पर बैठकर विधिवत तरीके से पूजा करते हैं फिर आसपास के लोगों को प्रसाद दिया जाता है। इस बार 3 नवंबर को मनाया जाएगा।

छठ पूजा तिथि व मुहूर्त
2 नवंबर 2019
छठ पूजा के दिन सूर्योदय – सुबह 6 बजकर 33 मिनट
छठ पूजा के दिन सूर्यास्त – शाम 5 बजकर 35 मिनट



बाइट महिला मंजू सिंह

बाइट। महिला श्वेता सिंह
कानपुर कल्याणपुर विधानसभा आशीष साहू
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