कानपुरः जिले की किडनी कांड में अहम भूमिका निभाने वाली संगीता के शव को पुलिस ने कब्र से निकलवाया है. बीते 6 अक्टूबर को संगीता की मौत हुई थी. वहीं संगीता के पति ने मौत की सूचना पुलिस को न देते हुए शव को दफना दिया था. जब संगीता की मौत पर सवाल उठने शुरू हुए तो पुलिस ने शव को बाहर निकलवाकर पोस्टमार्मटम के लिए भेज दिया.
किडनी कांड की थीं प्रमुख गवाह
डब्लू वन ब्लॉक साकेत नगर में रहने वाली संगीता को दिल्ली के एक अस्पताल में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ले जाया गया. वहां नौकरी देने से पहले खून की जांच को जरूरी बताकर कई प्रकार की जांचे हुई. इस पर संगीता को शक हो गया. बस यहीं से संगीता और उसके पति राजेश कश्यप बहाना बनाकर दिल्ली से वापस कानपुर आ गए थे. कानपुर में उन्हें धमिकयाॅ मिलने लगी तो उन्होंने पहली फरवरी को थाना बर्रा में रिपोर्ट दर्ज करा दी. इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और कुछ दिन की छानबीन में मानव अंग तस्करी के बड़े रैकेट का खुलासा हुआ. साथ ही संगीता की निशानदेही पर 17 फरवरी 2019 को पुलिस ने किडनी कांड से जुड़े 6 आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दिया था.
पढे़ं- कानपुर देहात: 25 सालों से छत के लिए भटक रहा परिवार, नहीं मिला आवास योजना का लाभ
मेरी पत्नी की मौत 6 अक्टूबर को स्वभाभिक हुई थी, जिसके बाद उसके शव को कब्रिस्तान में दफन कर दिया था, लेकिन पुलिस को कुछ शक था. इसलिए शव को कब्रिस्तान से निकालकर पोस्टमार्टम कराया जा रहा है.
-राजेश कश्यप, मृतिका के पतिसंगीता के पति राजेश कश्यप ने उसकी मौत होने की जानकारी पुलिस को नहीं दी, जिससे कई तरह के सवाल खड़े होने लगे. मामला मानव अंग की तस्करी से जुड़ा था और संगीता मुख्य गवाह थीं. इसलिए उसके शव को कब्रिस्तान से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.
-अनंत देव तिवारी, एसएसपी