ETV Bharat / state

26 दिन बीते, 30 लाख भी गए, आखिर कब वापस आएगा संजीत

उत्तर प्रदेश के कानपुर में संजीत अपहरण कांड के 26 दिन गुजर गए हैं. पीड़ित परिवार के 30 लाख रुपये भी चले गए लेकिन अभी तक संजीत का कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है. सवालों के घेरे में घिरे पुलिस प्रशासन के पास इस बात का फिलहाल कोई जवाब नहीं है कि संजीत वापस कब लौटेगा...

संजीत अपहरण कांड के 26 दिन पूरे.
संजीत अपहरण कांड के 26 दिन पूरे.
author img

By

Published : Jul 18, 2020, 10:17 PM IST

Updated : Jul 18, 2020, 11:11 PM IST

कानपुर: लैब टेक्नीशियन संजीत अपहरण कांड में 26 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस सिर्फ हाथ मलती नजर आ रही है. इस दौरान परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. परिजनों की आंखों में सिर्फ संजीत को देखने की आस नजर आ रही है. पुलिस की कार्यशैली से न सिर्फ परिजन नाराज हैं, बल्कि सिस्टम के खिलाफ भी उनमें गुस्सा है.

अपहरणकर्ता और संजीत के पिता की बातचीत.

जानकारी जुटा रही पुलिस

कानपुर के बर्रा 5 निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत का अपहरण पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट करने के बाद सियासी दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. इस मामले में शिथिलता बरतने को लेकर बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय को हटाकर सर्विलांस सेल के प्रभारी हरमीत सिंह को चार्ज दिया गया है. अब पुलिस अधिकारी पारिवारिक संपत्ति विवाद समेत तमाम बिंदुओं पर जानकारी जुटा रहे हैं.

जानकारी देती संजीत की बहन.

पुलिस ने बयान बदलने के लिए कहा था

परिजन बार-बार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. संजीत की बहन का कहना है कि पुलिस के द्वारा उसका बयान बदलवाने के लिए कहा गया था. भाई की सही सलामत बरामदगी कहकर पुलिसकर्मियों ने जबरन उससे 30 लाख की फिरौती वाला बयान बदलवाया था. फिर भी उसकी बहन अपने पहले वाले बयान पर कायम है. संजीत की बहन का कहना है कि पुलिस की नाक के नीचे से बदमाश 30 लाख फिरौती ले गए. रुचि ने कहा कि उसने पुलिसकर्मियों से कहा भी था कि बैग में लोकेशन की चिप लगवा दी जाए, जिससे अपराधियों की लोकेशन का पता चल सके, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसकी बात नहीं सुनी. इसके चलते बदमाश आसानी से 30 लाख लेकर फरार हो गए और भाई का कोई अता-पता नहीं है.

जानिए कब क्या हुआ था

22 जून की रात हॉस्पिटल से घर आने के दौरान संजीत का अपहरण हुआ.

23 जून को परिजनों ने जनता नगर चौकी में उसकी गुमशुदगी की तहरीर दी.

26 जून को एसएसपी के आदेश पर राहुल यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई.

29 जून को अपहरणकर्ता ने संजीत के परिजनों को 30 लाख की फिरौती के लिए फोन किया.

5 जुलाई को परिजनों ने शास्त्री चौक पर जाम लगाकर पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया.

12 जुलाई को एसपी साउथ कार्यालय में इस बाबत दोबारा प्रार्थना पत्र दिया गया.

13 जुलाई को परिजनों ने फिरौती की रकम 30 लाख से भरा बैग गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया, लेकिन फिर भी संजीत नहीं आया.

14 जुलाई को परिजनों ने एसएसपी और आईजी रेंज से शिकायत की, जिसके बाद संजीत को 4 दिन में बरामद करने का भरोसा दिया गया.

16 जुलाई को बर्रा इंस्पेक्टर रंजीत राय को सस्पेंड कर सर्विलांस सेल प्रभारी हरमीत सिंह को चार्ज दे दिया गया.

कानपुर: लैब टेक्नीशियन संजीत अपहरण कांड में 26 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस सिर्फ हाथ मलती नजर आ रही है. इस दौरान परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. परिजनों की आंखों में सिर्फ संजीत को देखने की आस नजर आ रही है. पुलिस की कार्यशैली से न सिर्फ परिजन नाराज हैं, बल्कि सिस्टम के खिलाफ भी उनमें गुस्सा है.

अपहरणकर्ता और संजीत के पिता की बातचीत.

जानकारी जुटा रही पुलिस

कानपुर के बर्रा 5 निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत का अपहरण पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट करने के बाद सियासी दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. इस मामले में शिथिलता बरतने को लेकर बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय को हटाकर सर्विलांस सेल के प्रभारी हरमीत सिंह को चार्ज दिया गया है. अब पुलिस अधिकारी पारिवारिक संपत्ति विवाद समेत तमाम बिंदुओं पर जानकारी जुटा रहे हैं.

जानकारी देती संजीत की बहन.

पुलिस ने बयान बदलने के लिए कहा था

परिजन बार-बार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. संजीत की बहन का कहना है कि पुलिस के द्वारा उसका बयान बदलवाने के लिए कहा गया था. भाई की सही सलामत बरामदगी कहकर पुलिसकर्मियों ने जबरन उससे 30 लाख की फिरौती वाला बयान बदलवाया था. फिर भी उसकी बहन अपने पहले वाले बयान पर कायम है. संजीत की बहन का कहना है कि पुलिस की नाक के नीचे से बदमाश 30 लाख फिरौती ले गए. रुचि ने कहा कि उसने पुलिसकर्मियों से कहा भी था कि बैग में लोकेशन की चिप लगवा दी जाए, जिससे अपराधियों की लोकेशन का पता चल सके, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसकी बात नहीं सुनी. इसके चलते बदमाश आसानी से 30 लाख लेकर फरार हो गए और भाई का कोई अता-पता नहीं है.

जानिए कब क्या हुआ था

22 जून की रात हॉस्पिटल से घर आने के दौरान संजीत का अपहरण हुआ.

23 जून को परिजनों ने जनता नगर चौकी में उसकी गुमशुदगी की तहरीर दी.

26 जून को एसएसपी के आदेश पर राहुल यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई.

29 जून को अपहरणकर्ता ने संजीत के परिजनों को 30 लाख की फिरौती के लिए फोन किया.

5 जुलाई को परिजनों ने शास्त्री चौक पर जाम लगाकर पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया.

12 जुलाई को एसपी साउथ कार्यालय में इस बाबत दोबारा प्रार्थना पत्र दिया गया.

13 जुलाई को परिजनों ने फिरौती की रकम 30 लाख से भरा बैग गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया, लेकिन फिर भी संजीत नहीं आया.

14 जुलाई को परिजनों ने एसएसपी और आईजी रेंज से शिकायत की, जिसके बाद संजीत को 4 दिन में बरामद करने का भरोसा दिया गया.

16 जुलाई को बर्रा इंस्पेक्टर रंजीत राय को सस्पेंड कर सर्विलांस सेल प्रभारी हरमीत सिंह को चार्ज दे दिया गया.

Last Updated : Jul 18, 2020, 11:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.