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पुलिस आयुक्त अखिल कुमार बोले- अपराधी बिल में घुस गए हैं, माफिया दिखाई नहीं दे रहे हैं

कानपुर के नवागत पुलिस आयुक्त अखिल कुमार (Police Commissioner Akhil Kumar ) ने कार्यभार संभाल लिया है. गुरुवार को उन्होंने सर्किट हाउस में मीडिया से कई मुद्दों पर बातचीत की.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 5, 2024, 11:30 AM IST

नवागत पुलिस आयुक्त ने संभाला कार्यभार.

कानपुर : कानपुर औद्योगिक नगरी के रूप में जाना जाता है. यहां पर गंगा का तट भी है. मैं भी गंगा के किनारे पैदा हुआ हूं. इस वजह से मेरा इन सबसे भावात्मक जुड़ाव भी है. गुरुवार को देर रात ये बातें सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में नवागत पुलिस आयुक्त 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी अखिल कुमार ने कही. उन्होंने कहा कि कानपुर में किस तरह की समस्याएं हैं, और किस तरह से हम उनका समाधान कर सकते हैं, इन सब पर प्राथमिकता के साथ काम किया जाएगा.

लॉ एंड ऑर्डर काफी हद तक हुआ है बेहतर : नवागत पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने कहा कि प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर काफी हद तक बेहतर हुआ है. अपराधी बिल में घुस गए हैं. माफिया तो दिखाई तक नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि, मेरा ऐसा मानना है जो जन मानस गरीब हैं, असहाय हैं, जिनकी थानों में सुनवाई नहीं हो पाती है ऐसे लोगों की सुनवाई होनी चाहिए. इस पर मेरा ज्यादा से ज्यादा ध्यान रहेगा. आने वाले समय में लोगों को इन चीजों में परिवर्तन भी देखने को मिलेगा.

ट्रैफिक व्यवस्था होगी पहले से बेहतर : पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने बताया कि कानपुर में उनकी पहली नियुक्ति नहीं है. इससे पहले भी में एसपी इंटेलीजेंस के रूप में वर्ष 2001 में काम कर चुके हैं. क्रिकेट मेरा शौक है, इसलिए मैं यहां पर एक खिलाड़ी के रूप में भी आया था. शहर को मैंने एक खिलाड़ी व इंटेलीजेंस ऑफिसर के रूप में देखा हुआ है. ऐसे में मुझे ट्रैफिक यहां पर सबसे बड़ा चैलेंज लगा और इसलिए ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हम क्या कुछ नई कवायद कर सकते हैं, इस पर काम किया जाएगा.

अब आंकड़ों के आधार पर नही होगा मूल्यांकन : पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने कहा कि अब आंकड़ो के आधार पर मूल्यांकन नहीं होगा. अब कार्रवाई के आधार पर मूल्यांकन होगा. जनता का क्या कहना है, इस पर भी ध्यान दिया जाएगा. थानेदारों के मूल्यांकन के मजबूत आधार होंगे. डीसीपी के मूल्यांकन का एक मजबूत आधार होगा. इतना ही नहीं हम उनका पब्लिक पोल भी कराएंगे. फिर जानेंगे कि आखिर पब्लिक का क्या कहना है. ट्वीट पर पोल कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि, जब मैं गोरखपुर में था, तब हमने पब्लिक अप्रूवल रेटिंग कि शुरुवात की थी. इसमें हम जानते थे कि आखिर पब्लिक की क्या राय है और उसको हम कैप्चर करते थे.

यह भी पढ़ें : गोरखपुर के गैंगस्टर विनोद उपाध्याय को यूपी एसटीएफ ने सुलतानपुर में किया ढेर, एक लाख रुपए का था इनाम

नवागत पुलिस आयुक्त ने संभाला कार्यभार.

कानपुर : कानपुर औद्योगिक नगरी के रूप में जाना जाता है. यहां पर गंगा का तट भी है. मैं भी गंगा के किनारे पैदा हुआ हूं. इस वजह से मेरा इन सबसे भावात्मक जुड़ाव भी है. गुरुवार को देर रात ये बातें सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में नवागत पुलिस आयुक्त 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी अखिल कुमार ने कही. उन्होंने कहा कि कानपुर में किस तरह की समस्याएं हैं, और किस तरह से हम उनका समाधान कर सकते हैं, इन सब पर प्राथमिकता के साथ काम किया जाएगा.

लॉ एंड ऑर्डर काफी हद तक हुआ है बेहतर : नवागत पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने कहा कि प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर काफी हद तक बेहतर हुआ है. अपराधी बिल में घुस गए हैं. माफिया तो दिखाई तक नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि, मेरा ऐसा मानना है जो जन मानस गरीब हैं, असहाय हैं, जिनकी थानों में सुनवाई नहीं हो पाती है ऐसे लोगों की सुनवाई होनी चाहिए. इस पर मेरा ज्यादा से ज्यादा ध्यान रहेगा. आने वाले समय में लोगों को इन चीजों में परिवर्तन भी देखने को मिलेगा.

ट्रैफिक व्यवस्था होगी पहले से बेहतर : पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने बताया कि कानपुर में उनकी पहली नियुक्ति नहीं है. इससे पहले भी में एसपी इंटेलीजेंस के रूप में वर्ष 2001 में काम कर चुके हैं. क्रिकेट मेरा शौक है, इसलिए मैं यहां पर एक खिलाड़ी के रूप में भी आया था. शहर को मैंने एक खिलाड़ी व इंटेलीजेंस ऑफिसर के रूप में देखा हुआ है. ऐसे में मुझे ट्रैफिक यहां पर सबसे बड़ा चैलेंज लगा और इसलिए ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हम क्या कुछ नई कवायद कर सकते हैं, इस पर काम किया जाएगा.

अब आंकड़ों के आधार पर नही होगा मूल्यांकन : पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने कहा कि अब आंकड़ो के आधार पर मूल्यांकन नहीं होगा. अब कार्रवाई के आधार पर मूल्यांकन होगा. जनता का क्या कहना है, इस पर भी ध्यान दिया जाएगा. थानेदारों के मूल्यांकन के मजबूत आधार होंगे. डीसीपी के मूल्यांकन का एक मजबूत आधार होगा. इतना ही नहीं हम उनका पब्लिक पोल भी कराएंगे. फिर जानेंगे कि आखिर पब्लिक का क्या कहना है. ट्वीट पर पोल कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि, जब मैं गोरखपुर में था, तब हमने पब्लिक अप्रूवल रेटिंग कि शुरुवात की थी. इसमें हम जानते थे कि आखिर पब्लिक की क्या राय है और उसको हम कैप्चर करते थे.

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