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कोरोना से रिकवर हुए मरीजों के सामने आ रही ये परेशानियां - कोरोना से रिकवर हुए मरीजों को परेशानियां

यूपी के कानपुर में लगातार कोरोना से रिकवरी संख्या बढ़ रही है, लेकिन इस बीच कोरोना से जो मरीज रिकवर हो रहे हैं, उनमें कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं. मरीजों की मानें तो सबसे ज्यादा दिक्कत उन्हें नींद को लेकर आ रही है.

कोरोना से रिकवर हुए मरीजों के सामने आ रही ये परेशानियां
कोरोना से रिकवर हुए मरीजों के सामने आ रही ये परेशानियां
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Published : Oct 24, 2020, 3:31 PM IST

Updated : Oct 24, 2020, 3:42 PM IST

कानपुर: जिले में लगातार कोरोना रिकवरी रेट बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसी बीच जो लोग कोरोना से रिकवर हो रहे हैं, उनमें कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं. वहीं मरीजों को सबसे सामान्य दिक्कत नींद को लेकर आ रही है. कोरोना से रिकवर हुए मरीजों का फॉलो अप कर रहे डॉक्टर और मनोरोग विशेषज्ञ का कहना है कि रिकवर मरीजों में दिन में तो नींद आ रही है, लेकिन रात को नींद न आने की शिकायत आ रही हैं, जिसकी वजह मरीजों का लंबे समय तक आईसीयू और होम आइसोलेट होना है. क्योंकि इस दौरान मरीज धूप हवा से कट गया और उसकी स्लीप वेक चक्र प्रभावित हुई है, जिस वजह से यह दिक्कत सामने आ रही है. वहीं लोगों में एंजाइटी और स्ट्रेस डिसऑर्डर की समस्या भी देखी जा रही है.

जानकारी देते संवाददाता.



आईसीयू में रहने की वजह हो रही दिक्कत
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. मालविका पांडेय ने बताया कि कोरोना की वजह से लोग आईसीयू में रहे. आईसीयू में सूर्य की रोशनी न होने की वजह दिन रात का पता नहीं चलता है. ऐसे में कुछ मरीजों में रात को निकलने वाले हॉर्मोन्स में दिक्कत आ रही है, जिस वजह से लोगों को नींद को लेकर समस्याएं हो रही है. वैसे भी अक्सर इलाज के दौरान मरीजों को नींद की दवा लेनी पड़ रही है, लेकिन अपने डेली रूटीन में कुछ बदलाव से यह ठीक भी हो जाता है.

जेट लैग सिंड्रोम की हो रही शिकायत
डॉ. मालविका ने बताया कि जेट लैग सिंड्रोम आमतौर पर यह बीमारी अधिक हवाई यात्रा करने वालों को होती है, क्योंकि यात्रा के चलते उन्हें नींद की दिक्कत होने लगती है. ठीक वैसे की कोरोना के चलते लंबे समय तक बंद कमरे में रहने की वजह से यह दिक्कत मरीजों को हो रही है.

बिगड़ गया स्लीप वेक क्लॉक का शेड्यूल
डॉ. मालविका ने बताया कि व्यक्ति के दिमाग में एक क्लॉक काम कर रही होती है और इसी के अनुसार किसी की भी दिनचर्या सेट होती है, लेकिन कोरोना के चलते कोरोना मरीजों का स्लीप वेक चक्र बिगड़ गया, जिस वजह से उन्हें नींद न आने की शिकायत हो रही है.

एंजाइटी और स्ट्रेस डिसऑर्डर के मरीज बढ़े
डॉ. मालविका का कहना है कोरोना काल में ओपीडी खुलने के बाद से ही सबसे ज्यादा एंजाइटी और स्ट्रेस डिसऑर्डर के मरीज बढ़े हैं. इसके पीछे की वजह यह कि कोरोना को लेकर हर व्यक्ति में स्ट्रेस बढ़ गया और इधर जो भी मरीज हैं, उन्हें यही शिकायत आ रही है.

ये दिक्कतें आ रहीं सामने

  • दिन में नींद आना
  • रात में नींद न आना
  • दिनभर थकान और तनाव महसूस होना
  • किसी काम में मन न लगना
  • पेट में दर्द, कब्ज और डायरिया
  • अस्वस्थ महसूस होना

    ऐसा होने पर करें इस तरह बचाव
  • खुले कमरे में रहे, जहां रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था हो.
  • धूप और खुली हवा में नियमित निकलें.
  • दिनचर्या को नियमित करें.
  • नियमित डॉक्टर से लें परामर्श.

कानपुर: जिले में लगातार कोरोना रिकवरी रेट बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसी बीच जो लोग कोरोना से रिकवर हो रहे हैं, उनमें कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं. वहीं मरीजों को सबसे सामान्य दिक्कत नींद को लेकर आ रही है. कोरोना से रिकवर हुए मरीजों का फॉलो अप कर रहे डॉक्टर और मनोरोग विशेषज्ञ का कहना है कि रिकवर मरीजों में दिन में तो नींद आ रही है, लेकिन रात को नींद न आने की शिकायत आ रही हैं, जिसकी वजह मरीजों का लंबे समय तक आईसीयू और होम आइसोलेट होना है. क्योंकि इस दौरान मरीज धूप हवा से कट गया और उसकी स्लीप वेक चक्र प्रभावित हुई है, जिस वजह से यह दिक्कत सामने आ रही है. वहीं लोगों में एंजाइटी और स्ट्रेस डिसऑर्डर की समस्या भी देखी जा रही है.

जानकारी देते संवाददाता.



आईसीयू में रहने की वजह हो रही दिक्कत
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. मालविका पांडेय ने बताया कि कोरोना की वजह से लोग आईसीयू में रहे. आईसीयू में सूर्य की रोशनी न होने की वजह दिन रात का पता नहीं चलता है. ऐसे में कुछ मरीजों में रात को निकलने वाले हॉर्मोन्स में दिक्कत आ रही है, जिस वजह से लोगों को नींद को लेकर समस्याएं हो रही है. वैसे भी अक्सर इलाज के दौरान मरीजों को नींद की दवा लेनी पड़ रही है, लेकिन अपने डेली रूटीन में कुछ बदलाव से यह ठीक भी हो जाता है.

जेट लैग सिंड्रोम की हो रही शिकायत
डॉ. मालविका ने बताया कि जेट लैग सिंड्रोम आमतौर पर यह बीमारी अधिक हवाई यात्रा करने वालों को होती है, क्योंकि यात्रा के चलते उन्हें नींद की दिक्कत होने लगती है. ठीक वैसे की कोरोना के चलते लंबे समय तक बंद कमरे में रहने की वजह से यह दिक्कत मरीजों को हो रही है.

बिगड़ गया स्लीप वेक क्लॉक का शेड्यूल
डॉ. मालविका ने बताया कि व्यक्ति के दिमाग में एक क्लॉक काम कर रही होती है और इसी के अनुसार किसी की भी दिनचर्या सेट होती है, लेकिन कोरोना के चलते कोरोना मरीजों का स्लीप वेक चक्र बिगड़ गया, जिस वजह से उन्हें नींद न आने की शिकायत हो रही है.

एंजाइटी और स्ट्रेस डिसऑर्डर के मरीज बढ़े
डॉ. मालविका का कहना है कोरोना काल में ओपीडी खुलने के बाद से ही सबसे ज्यादा एंजाइटी और स्ट्रेस डिसऑर्डर के मरीज बढ़े हैं. इसके पीछे की वजह यह कि कोरोना को लेकर हर व्यक्ति में स्ट्रेस बढ़ गया और इधर जो भी मरीज हैं, उन्हें यही शिकायत आ रही है.

ये दिक्कतें आ रहीं सामने

  • दिन में नींद आना
  • रात में नींद न आना
  • दिनभर थकान और तनाव महसूस होना
  • किसी काम में मन न लगना
  • पेट में दर्द, कब्ज और डायरिया
  • अस्वस्थ महसूस होना

    ऐसा होने पर करें इस तरह बचाव
  • खुले कमरे में रहे, जहां रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था हो.
  • धूप और खुली हवा में नियमित निकलें.
  • दिनचर्या को नियमित करें.
  • नियमित डॉक्टर से लें परामर्श.

Last Updated : Oct 24, 2020, 3:42 PM IST
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