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कानपुर में 32 वर्षों से रह रहा पाकिस्तानी परिवार, जांच में जुटी पुलिस

कानपुर में एक पाकिस्तानी परिवार बीते 32 वर्षों से रह रहा है. यह आरोप लगाया है कानपुर के ही एक शिकायतकर्ता ने. यह मामला कोर्ट में पहुंच गया है. कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच में जुट गई है.

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शिकायतकर्ता ने ये आरोप लगाए.
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Published : Jul 2, 2022, 3:24 PM IST

कानपुर: शहर में एक पाकिस्तानी परिवार 32 वर्षों से रह रहा है. आरोप है कि परिवार ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बनवा लिया है. यह मामला कोर्ट में भी पहुंच गया है. कोर्ट के आदेश पर जूही थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज की गई है. जूही थानाध्यक्ष का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.

यह मामला उठाने वाले शिकायतकर्ता आलोक सिंह का आरोप है कि 1990 में आलम चंद्र इसरानी का परिवार बर्रा दो में रहने आया था. यह परिवार भारत में लंबी अवधि का वीजा लेकर आया था. इसके बाद यह परिवार यही बस गया. आरोप है कि आलम चंद्र ने फर्जी कागजों की मदद से आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड समेत नागरिकता से संबंधित दस्तावेज भी हासिल कर लिए.

शिकायतकर्ता ने ये आरोप लगाए.

इन्हीं कागजों के आधार पर आलम चंद्र के बड़े बेटे ने एयरफोर्स में नौकरी हासिल कर ली और दूसरा बेटा सरकारी शिक्षक बन गया. यही नहीं आलम चंद्र ने देश की कई सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठाया. कोर्ट में जब यह मामला पहुंचा तो जांच के आदेश हुए. कोर्ट के आदेश पर जूही थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज हुई है. आलोक सिंह के मुताबिक उन्होंने थाने से लेकर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से भी पत्र के जरिए शिकायत की लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई, इस वजह से उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी. वहीं, इस मामले को लेकर जूही थानाध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस जांच कर रही है.

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कानपुर: शहर में एक पाकिस्तानी परिवार 32 वर्षों से रह रहा है. आरोप है कि परिवार ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बनवा लिया है. यह मामला कोर्ट में भी पहुंच गया है. कोर्ट के आदेश पर जूही थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज की गई है. जूही थानाध्यक्ष का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.

यह मामला उठाने वाले शिकायतकर्ता आलोक सिंह का आरोप है कि 1990 में आलम चंद्र इसरानी का परिवार बर्रा दो में रहने आया था. यह परिवार भारत में लंबी अवधि का वीजा लेकर आया था. इसके बाद यह परिवार यही बस गया. आरोप है कि आलम चंद्र ने फर्जी कागजों की मदद से आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड समेत नागरिकता से संबंधित दस्तावेज भी हासिल कर लिए.

शिकायतकर्ता ने ये आरोप लगाए.

इन्हीं कागजों के आधार पर आलम चंद्र के बड़े बेटे ने एयरफोर्स में नौकरी हासिल कर ली और दूसरा बेटा सरकारी शिक्षक बन गया. यही नहीं आलम चंद्र ने देश की कई सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठाया. कोर्ट में जब यह मामला पहुंचा तो जांच के आदेश हुए. कोर्ट के आदेश पर जूही थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज हुई है. आलोक सिंह के मुताबिक उन्होंने थाने से लेकर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से भी पत्र के जरिए शिकायत की लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई, इस वजह से उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी. वहीं, इस मामले को लेकर जूही थानाध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस जांच कर रही है.

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