कानपुर: जासूसी के संदेह में गिरफ्तार पाक नागरिक अब 10 साल की सजा काटने के बाद अपने वतन वापस जाएगा. मंगलवार को बाघा बार्डर पर वकास को पाक अधिकारियों को सौंपा जाएगा.
क्या है पूरा मामला
- साल 2009 में भारत-पकिस्तान मैच देखने के लिए वकास भारत आया था.
- यहां वकास को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था, जब वो ग्रीन पार्क स्टेडियम में आयोजित मैच को देख रहा था, लेकिन इसके बाद वो पकिस्तान वापस नहीं गया.
- खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और टूरिस्ट वीजा से ज्यादा अवधि पर रुकने का वो कोई कारण नहीं बता सका.
- उस समय संदेह किया गया कि वो मैच के बहाने भारत में जासूसी करने के इरादे से घुसा है.
- अदालत में मुकदमे के दौरान अभियोग पक्ष इस बात को साबित नहीं कर सका कि वकास वास्तव में जासूस है अथवा नहीं, लेकिन उसपर वीजा अधिनियमो के उल्लंघन के आरोप साबित हुए.
दस माह पहले हुई है रिहाई
- वीजा अवधि बीतने के बावजूद भी वकास ने स्वदेश वापसी नहीं की और न ही एलआईयू के विदेश अनुभाग विभाग को सूचना दी थी.
- दस साल तक उसे कानपुर के जिला कारागार में रखा गया.
- कुछ माह पूर्व जब उसकी रिहाई हुई, तब पाकिस्तान को उसके दस्तावेज भेजे गए.
- पकिस्तान से ग्रीन सिग्नल मिलने में देरी होने पर इस दौरान उसे कानपुर के बिठूर थाने में निगरानी में रखा गया.
- अब पकिस्तान से दस्तावेज आ गए है और पकिस्तान उसे वापस लेने को तैयार हो गया है.
14 तारीख यानी मंगलवार के दिन वकास को बाघा बार्डर ले जाया जाएगा, जहां से उसे अपने वतन वापस भेज दिया जाएगा.
-संजीव सुमन, पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी क्षेत्र, कानपुर
बता दें कि, इस तरह का एक और मामला है, जिसमें एक पाकिस्तानी नागरिक इदरीस अपने पिता की मौत पर भारत आया था, लेकिन वापस नहीं गया. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उसके खिलाफ भी कोई अभियोग सिद्ध नहीं हुआ तो उसे निगरानी में पिछले बीस साल से रखा गया है.