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जासूसी के संदेह में  पाकिस्तानी नागरिक हुआ था गिरफ्तार, दस साल बाद होगी वतन वापसी - waqas will return to pakistan on tuesday

जासूसी के आरोप में गिरफ्तार पाक नागरिक वकास अब दस साल बाद अपने वतन वापस जाएगा. मंगलवार को वकास को वाघा बॉर्डर ले जाया जाएगा, जहां उसे पाकिस्तान को सौंप दिया जाएगा.

वकास, रिहा पाक नागरिक.
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Published : May 13, 2019, 1:23 PM IST

कानपुर: जासूसी के संदेह में गिरफ्तार पाक नागरिक अब 10 साल की सजा काटने के बाद अपने वतन वापस जाएगा. मंगलवार को बाघा बार्डर पर वकास को पाक अधिकारियों को सौंपा जाएगा.

जासूसी के संदेह में गिरफ्तार पाक नागरिक अब जाएगा अपने वतन वापस.

क्या है पूरा मामला

  • साल 2009 में भारत-पकिस्तान मैच देखने के लिए वकास भारत आया था.
  • यहां वकास को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था, जब वो ग्रीन पार्क स्टेडियम में आयोजित मैच को देख रहा था, लेकिन इसके बाद वो पकिस्तान वापस नहीं गया.
  • खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और टूरिस्ट वीजा से ज्यादा अवधि पर रुकने का वो कोई कारण नहीं बता सका.
  • उस समय संदेह किया गया कि वो मैच के बहाने भारत में जासूसी करने के इरादे से घुसा है.
  • अदालत में मुकदमे के दौरान अभियोग पक्ष इस बात को साबित नहीं कर सका कि वकास वास्तव में जासूस है अथवा नहीं, लेकिन उसपर वीजा अधिनियमो के उल्लंघन के आरोप साबित हुए.

दस माह पहले हुई है रिहाई

  • वीजा अवधि बीतने के बावजूद भी वकास ने स्वदेश वापसी नहीं की और न ही एलआईयू के विदेश अनुभाग विभाग को सूचना दी थी.
  • दस साल तक उसे कानपुर के जिला कारागार में रखा गया.
  • कुछ माह पूर्व जब उसकी रिहाई हुई, तब पाकिस्तान को उसके दस्तावेज भेजे गए.
  • पकिस्तान से ग्रीन सिग्नल मिलने में देरी होने पर इस दौरान उसे कानपुर के बिठूर थाने में निगरानी में रखा गया.
  • अब पकिस्तान से दस्तावेज आ गए है और पकिस्तान उसे वापस लेने को तैयार हो गया है.

14 तारीख यानी मंगलवार के दिन वकास को बाघा बार्डर ले जाया जाएगा, जहां से उसे अपने वतन वापस भेज दिया जाएगा.

-संजीव सुमन, पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी क्षेत्र, कानपुर

बता दें कि, इस तरह का एक और मामला है, जिसमें एक पाकिस्तानी नागरिक इदरीस अपने पिता की मौत पर भारत आया था, लेकिन वापस नहीं गया. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उसके खिलाफ भी कोई अभियोग सिद्ध नहीं हुआ तो उसे निगरानी में पिछले बीस साल से रखा गया है.

कानपुर: जासूसी के संदेह में गिरफ्तार पाक नागरिक अब 10 साल की सजा काटने के बाद अपने वतन वापस जाएगा. मंगलवार को बाघा बार्डर पर वकास को पाक अधिकारियों को सौंपा जाएगा.

जासूसी के संदेह में गिरफ्तार पाक नागरिक अब जाएगा अपने वतन वापस.

क्या है पूरा मामला

  • साल 2009 में भारत-पकिस्तान मैच देखने के लिए वकास भारत आया था.
  • यहां वकास को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था, जब वो ग्रीन पार्क स्टेडियम में आयोजित मैच को देख रहा था, लेकिन इसके बाद वो पकिस्तान वापस नहीं गया.
  • खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और टूरिस्ट वीजा से ज्यादा अवधि पर रुकने का वो कोई कारण नहीं बता सका.
  • उस समय संदेह किया गया कि वो मैच के बहाने भारत में जासूसी करने के इरादे से घुसा है.
  • अदालत में मुकदमे के दौरान अभियोग पक्ष इस बात को साबित नहीं कर सका कि वकास वास्तव में जासूस है अथवा नहीं, लेकिन उसपर वीजा अधिनियमो के उल्लंघन के आरोप साबित हुए.

दस माह पहले हुई है रिहाई

  • वीजा अवधि बीतने के बावजूद भी वकास ने स्वदेश वापसी नहीं की और न ही एलआईयू के विदेश अनुभाग विभाग को सूचना दी थी.
  • दस साल तक उसे कानपुर के जिला कारागार में रखा गया.
  • कुछ माह पूर्व जब उसकी रिहाई हुई, तब पाकिस्तान को उसके दस्तावेज भेजे गए.
  • पकिस्तान से ग्रीन सिग्नल मिलने में देरी होने पर इस दौरान उसे कानपुर के बिठूर थाने में निगरानी में रखा गया.
  • अब पकिस्तान से दस्तावेज आ गए है और पकिस्तान उसे वापस लेने को तैयार हो गया है.

14 तारीख यानी मंगलवार के दिन वकास को बाघा बार्डर ले जाया जाएगा, जहां से उसे अपने वतन वापस भेज दिया जाएगा.

-संजीव सुमन, पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी क्षेत्र, कानपुर

बता दें कि, इस तरह का एक और मामला है, जिसमें एक पाकिस्तानी नागरिक इदरीस अपने पिता की मौत पर भारत आया था, लेकिन वापस नहीं गया. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उसके खिलाफ भी कोई अभियोग सिद्ध नहीं हुआ तो उसे निगरानी में पिछले बीस साल से रखा गया है.

Intro:कानपुर :- जासूसी के संदेह में गिरफ्तार पाक नागरिक 10 साल की सजा काटने के बाद अब जाएगा अपने वतन वापस

जासूसी के संदेह में गिरफ्तार पाक नागरिक वकास दस साल की सजा काटने के बाद अब अपने वतन वापस जाएगा | मंगलवार को बाघा बार्डर पर पाक अधिकारियो के सुपुर्द किया जाएगा | 
     आपको याद दिला दे की 2009 में भारत पकिस्तान मैच देखने के लिए वकास भारत आया था | यंहा वकास को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था जब वो कानपुर ग्रीन पार्क मैदान में आयोजित मैच को देखा लेकिन इसके बाद वो पकिस्तान वापस नहीं गया |  खुफिया सुचना के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और टूरिस्ट वीजा से ज्यादा अवधि पर रुकने का वो कोई कारण नहीं बता सका | उस समय संदेह किया गया कि वो मैच के बहाने भारत में जासूसी करने के इरादे से घुसा है | अदालत में मुकदमे के दौरान अभियोग पक्ष इस बात को साबित नहीं कर सका कि वकास वास्तव में जासूस है अथवा नहीं लेकिन उसपर वीजा अधिनियमो के उल्लंघन के आरोप साबित हुए क्योकि वीजा अवधि बीतने के बावजूद भी उसने स्वदेश वापसी नहीं की थी और ना ही एलआईयू के विदेश अनुभाग बिभाग को सुचना दी थी | दस साल तक उसे कानपुर के जिला कारागार में रक्खा गया  | कुछ माह पूर्व जब उसकी रिहाई हुयी तब पकिस्तान को उसके दस्तावेज भेजे गए पकिस्तान से ग्रीन सिग्नल मिलने में देरी हुयी इस दौरान उसे कानपुर के बिठूर थाने में निगरानी में रक्खा गया | 




Body:कानपुर के पुलिस अधीक्षक पश्चिमी क्षेत्र संजीव सुमन का कहना है की अब पकिस्तान से दस्तावेज आ गए है और पकिस्तान उसे वापस लेने को तैयार हो गया है | 14 तारीख यानी मंगलवार के दिन वकास को बाघा बार्डर ले जाया जाएगा जंहा से उसे अपने वतन वापस भेज दिया जाएगा |     

आपको बता दे कि इस तरह का और एक मामला है जिसमे एक पाकिस्तानी नागरिक इदरीस अपने पिता की मौत पर भारत आया था लेकिन वापस नहीं गया था | जिसके बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन उसके खिलाफ भी कोई अभियोग सिद्ध नहीं हुआ था तो उसे निगरानी में आज भी पिछले बीस साल से रक्खा गया है |

 निश्चित तौर पर भारत पाक सम्बन्धो के लिए आवश्यक है कि ऐसे कैदी जिनपर जासूसी के आरोप साबित नहीं हुए है उन्हें अपने स्वदेश वापसी का रास्ता दिखाया जाय जिस तरह अब वकास पर जासूसी का आरोप साबित ना होने पर वापस अपने वतन भेजा जा रहा है वैसे ही पकिस्तान को भी चाहिए कि भारत के ऐसे कई कैदी है जो पकिस्तान की जेल में बंद है | पकिस्तान को भी बड़ा दिल दिखाना चाहिए और हमारे ऐसे कैदी जिनपर जासूसी का आरोप सिद्ध ना होने के बाद भी पकिस्तान की जेलों में बंद है उनकी रिहाई सुनिश्चित करनी चाहिए | 
बाईट - संजीव सुमन 

                     पुलिस अधीक्षक पश्चिमी क्षेत्र 




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