कानपुर : जिले में बेकाबू हो चुका कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना की दूसरी लहर में मृत्यु दर ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ कानपुर में कोरोना से 1 हजार 34 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि कोरोना संक्रमितों की संख्या 56 हजार 349 तक पहुंच गया है. जिसमें से 16 हजार 358 मरीज अभी भी एक्टिव हैं. ऐसे में रोजाना बढ़ रहे कोरोना के मरीज और ऑक्सीजन की किल्लत के बीच में मुनाफाखोरी और जमाखोरों ने अपना जाल फैलाना शुरू कर दिया है.
ऑक्सीजन की कालाबाजारी
आलम यह है कि ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए तीमारदार ना सिर्फ दर-दर भटक रहे हैं, बल्कि अपने मरीजों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के चंगुल में भी फंस रहे हैं. ऑक्सीजन की कालाबाजारी की पोल खोलने वाला एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दलाल एक लाख रुपये में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने की बात कह रहा है. जब तीमारदार कुछ मोलभाव करने की बात कहता है तो दलाल 60 हजार रुपये में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने के लिए तैयार हो जाता है. वह नौबस्ता के बम्बा इलाके में रकम लेकर पहुंचने पर सिलेंडर उपलब्ध कराने की बात कह रहा है. इस ऑडियो के वायरल होने के बाद पुलिस कालाबाजारी करने वालों को लेकर सतर्क हो गई है.
ऑक्सीजन के लिए लग रही लंबी लाइन
कानपुर में निजी और सरकारी मिलाकर 25 अस्पताल कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं, जिनकी निगरानी खुद सीएमओ कर रहे हैं. कई अधिकारी भी इस कार्य में लगाए गए हैं. वहीं प्राइवेट नर्सिंग होम में, जहां पर कोविड-19 का इलाज हो रहा है, वहां पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. इसके बावजूद ऑक्सीजन और बेड की कमी दूर नहीं हो पा रही है. अस्पताल प्रशासन तीमारदारों को सिलेंडर थमा कर खुद से ऑक्सीजन लाने के लिए कह रहा है.
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ऑक्सीजन के लिए जद्दोजहद
तीमारदार अपने मरीज को बचाने के लिए मजबूरी में सुबह से लाइनों में लगकर ऑक्सीजन के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. आलम यह है कि ऑक्सीजन सिलेंडर को भरवाने के लिए लगी लंबी लाइनों को मैनेज करने के लिए पुलिस तक लगानी पड़ रही है. सैकड़ों लोग सुबह से लाइनों में लगे हुए हैं. हालत यह है कि तीमारदारों को यह पता नहीं है कि रात तक उनको ऑक्सीजन मिलेगी भी कि नहीं.