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ब्लैक फंगस के बाद आई ऑप्टिक न्यूराइटिस नाम की बीमारी, कानपुर में मिला पहला मामला - कानपुर ताजा खबर

जिस तरह कोरोना अपने स्वरूप को बदल रहा है. उसी तरह अब नई-नई बीमारियां भी लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं. वहीं अब कानपुर के हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस पीड़ित एक रोगी में ऑप्टिक न्यूराइटिस नाम की बीमारी पाई गई है. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का दुनिया भर में यह पहला केस है.

ब्लैक फंगस के बाद आई ऑप्टिक न्यूराइटिस नाम की बीमारी
ब्लैक फंगस के बाद आई ऑप्टिक न्यूराइटिस नाम की बीमारी
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Published : Jun 22, 2021, 12:58 PM IST

कानपुर: महानगर में कोरोना के बाद लगातार ब्लैक फंगस से आफत बनी हुई है. कानपुर में रोज नए मामले सामने आ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं अब कानपुर के हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस पीड़ित एक रोगी में ऑप्टिक न्यूराइटिस नाम की बीमारी पाई गई है. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का दुनिया भर में यह पहला केस है. मरीज को कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कानपुर के डॉक्टर मरीज की जान बचाने में जुटे हुए हैं.

ऑप्टिक न्यूराइटिस बीमारी का मिला पहला मरीज
कोरोना की दूसरी लहर में कानपुर बुरी तरीके से प्रभावित हुआ. वहीं अब इसके बाद ब्लैक फंगस ने भी बुरी तरीके से कानपुर को अपनी चपेट में ले लिया है. ब्लैक फंगस ने अब तक कई लोगों की आंखें खराब कर दी हैं. वहीं लोग अभी भी भीषण बीमारी से जूझ रहे हैं. अब कानपुर के हैलट अस्पताल में ऑप्टिक न्यूराइटिस बीमारी का पहला मरीज मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. डॉक्टर भी सकते में आ गए हैं. मरीज को हैलट अस्पताल में भर्ती किया गया है. जहां डॉक्टरों की टीम की मरीज की जान बचाने में जुटी हुई है.

आंखों की नसों में आ जाती है सूजन
यह युवक ब्लैक फंगस की चपेट में आया था, जिसकी वजह से इसकी आंखों में यह बीमारी हो गई. इस बीमारी में आंखों की नसों में सूजन आती है और रोशनी चली जाती है. यही इस मरीज के साथ हुआ है. इसकी आंखों की नसें सूज गई है. जिसकी वजह से इसको दिखाई नहीं दे रहा है. अब डॉक्टर इसकी जान बचाने में जुटे हुए हैं. हैलट अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञों की टीम लगातार इसकी निगरानी कर रही है और किस प्रकार से मरीज की जान बचाई जा सके उसके लिए लगी हुई है.

दावा है कि यह देश नहीं बल्कि दुनिया का पहला ऐसा केस है, जिसमें मरीजों की आंखों की नसों में सूजन आ जाती है. नसों में खराबी आने से मरीज की आंखों की रोशनी चली जाती है. हैलट में भर्ती मरीज के इलाज के साथ डॉक्टरों ने उस पर शोध भी शुरू कर दिया है.

इसे भी पढ़ें-हैलट हॉस्पिटल का हाल: मुर्दों के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग!

हैलट अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज खान ने बताया कि ब्लैक फंगस की वजह से आर्टरी में ब्लॉकेज के तो कई मरीज सामने आए, लेकिन इस ऑप्टिक न्यूरोइटिस का यह पहला मरीज है. इसमें आंखों की नसों में सूजन हो जाती है, जिस वजह से आंखों की रोशनी चली जाती है और उस में खून के थक्के जम जाते हैं. अभी मरीज भर्ती है. मरीज का इलाज किया जा रहा है. हम लोग मरीज की आंखें और जान बचाने में जुटे हुए हैं.

कानपुर: महानगर में कोरोना के बाद लगातार ब्लैक फंगस से आफत बनी हुई है. कानपुर में रोज नए मामले सामने आ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं अब कानपुर के हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस पीड़ित एक रोगी में ऑप्टिक न्यूराइटिस नाम की बीमारी पाई गई है. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का दुनिया भर में यह पहला केस है. मरीज को कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कानपुर के डॉक्टर मरीज की जान बचाने में जुटे हुए हैं.

ऑप्टिक न्यूराइटिस बीमारी का मिला पहला मरीज
कोरोना की दूसरी लहर में कानपुर बुरी तरीके से प्रभावित हुआ. वहीं अब इसके बाद ब्लैक फंगस ने भी बुरी तरीके से कानपुर को अपनी चपेट में ले लिया है. ब्लैक फंगस ने अब तक कई लोगों की आंखें खराब कर दी हैं. वहीं लोग अभी भी भीषण बीमारी से जूझ रहे हैं. अब कानपुर के हैलट अस्पताल में ऑप्टिक न्यूराइटिस बीमारी का पहला मरीज मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. डॉक्टर भी सकते में आ गए हैं. मरीज को हैलट अस्पताल में भर्ती किया गया है. जहां डॉक्टरों की टीम की मरीज की जान बचाने में जुटी हुई है.

आंखों की नसों में आ जाती है सूजन
यह युवक ब्लैक फंगस की चपेट में आया था, जिसकी वजह से इसकी आंखों में यह बीमारी हो गई. इस बीमारी में आंखों की नसों में सूजन आती है और रोशनी चली जाती है. यही इस मरीज के साथ हुआ है. इसकी आंखों की नसें सूज गई है. जिसकी वजह से इसको दिखाई नहीं दे रहा है. अब डॉक्टर इसकी जान बचाने में जुटे हुए हैं. हैलट अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञों की टीम लगातार इसकी निगरानी कर रही है और किस प्रकार से मरीज की जान बचाई जा सके उसके लिए लगी हुई है.

दावा है कि यह देश नहीं बल्कि दुनिया का पहला ऐसा केस है, जिसमें मरीजों की आंखों की नसों में सूजन आ जाती है. नसों में खराबी आने से मरीज की आंखों की रोशनी चली जाती है. हैलट में भर्ती मरीज के इलाज के साथ डॉक्टरों ने उस पर शोध भी शुरू कर दिया है.

इसे भी पढ़ें-हैलट हॉस्पिटल का हाल: मुर्दों के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग!

हैलट अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज खान ने बताया कि ब्लैक फंगस की वजह से आर्टरी में ब्लॉकेज के तो कई मरीज सामने आए, लेकिन इस ऑप्टिक न्यूरोइटिस का यह पहला मरीज है. इसमें आंखों की नसों में सूजन हो जाती है, जिस वजह से आंखों की रोशनी चली जाती है और उस में खून के थक्के जम जाते हैं. अभी मरीज भर्ती है. मरीज का इलाज किया जा रहा है. हम लोग मरीज की आंखें और जान बचाने में जुटे हुए हैं.

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