वाराणसीः एक फर्म के कैशियर ने बड़े ही शातिर अंदाज में साइबर फ्राड को अंजाम दे डाला. उसने मोबाइल ऐप के जरिए अपनी फर्म को आठ लाख रुपये का चूना लगा दिया. इसकी शिकायत जब फर्म के मालिक ने पुलिस से की तो उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
फर्म के मालिक ने फर्म के खाते से 1 अप्रैल 2021 को अचानक गायब हुए 79,450 रुपये को लेकर साइबर क्राइम पुलिस थाने में नौ जून को शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद प्रार्थना पत्र की जांच उपनिरीक्षक सुनील कुमार यादव को सौंपी गई. चूंकि सभी ट्रांजैक्शन नेटबैकिंग के माध्यम से किए गए थे, अतः बैंक से लगातार संपर्क कर विवरण प्राप्त कर अन्य साक्ष्य जुटाए गए. पता चला कि पूरी घटना में फर्म के कर्मचारी सौरव कुमार सिंह का ही हाथ है. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर 17,900 रुपये बरामद कर लिए.
इंटर तक पढ़ा, अंदाज बेहद शातिर
गिरफ्तार सौरव कुमार सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसने इंटर तक पढ़ाई की है. उसे कंप्यूटर की भी जानकारी है. उसने बाबतपुर की अकेला ट्रेडर्स फर्म में बीते वर्ष से काम शुरू किया था. उसके जिम्मे गाड़ियों की फिटनेस फीस, इन्श्योरेन्स फीस, रजिस्ट्रेशन फीस, परमिट फीस आदि को ऑनलाइन जमा करने का काम था. उसे फर्म की आईडी और खाते का पासवर्ड आदि मालूम था. वह ऑनलाइन पैसा जमा करता था और कैश का हिसाब-किताब रखता था. इस बीच कर्ज और देनदारी के कारण उसे साइबर फ्रॉड के लिए मजबूर होना पड़ा.
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उसने बताया कि फर्म की आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल करते हुए उसने फर्म के खाते से रुपये उड़ाना शुरू कर दिए. इसके लिए उसने एक खास ऐप का इस्तेमाल किया. वह चुपचाप फर्म की रकम अपने खाते में आनलाइन ट्रांसफर करता रहा. इसके बाद अपने परिचितों के खाते/वालेट मे भेजे गये पैसे के बदले वह नकद ले लेता था. कई बार वह अपने खाते में रकम ट्रांसफर करा लेता था. कई बार वह इन्श्योरेन्स का नगद जमा रुपया भी अपने पास रख लेता था. उसने बताया कि यह रकम उसने ऑनलाइन गेम खेलने, खाने-पीने और कर्ज चुकाने में खर्च कर दी. उसने स्वीकार किया उसने आठ लाख रुपये पार किए हैं. पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है.