कानपुर: निजी स्कूलों में आरटीई के तहत गरीब बच्चों का प्रवेश तो हो जा रहा है, लेकिन सालों से प्रवेश को लेकर सरकार की ओर से स्कूलों की दी जाने वाली फीस नहीं मिल पा रही. इस समस्या से ग्रस्त होकर कानपुर स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह से मुलाकात की और उनसे कहा कि मंत्री जी, आरटीई से दाखिले तो हर साल हो जाते हैं, लेकिन स्कूल संचालकों को फीस नहीं मिल रही. आंकड़ों की जानकारी देते हुए पदाधिकारियों ने कहा कि साल 2021-22 में एक माह की फीस मिली, जोकि बकाया राशि का 10 फीसदी हिस्सा भी नहीं है.
पदाधिकारियों ने कहा कि पिछले दो सालों में स्कूलों की जो स्थिति रही है, उसकी हकीकत यह है कि प्रदेश के 20 से 30 फीसदी स्कूलों में ताला पड़ गया. अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल तो भेज देते हैं, लेकिन फीस नहीं देते. बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि जल्द से जल्द फीस को लेकर विभाग बजट जारी करेगा.
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इस मौके पर भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी ने कहा कि वह अपनी विधानसभा में बेसिक शिक्षा में 'नई शिक्षा नीति का प्रभाव' विषय पर संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित कराएंगे. इसके लिए उन्होंने बेसिक शिक्षा मंत्री को आमंत्रित किया. बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह कार्यक्रम में जरूर आएंगे. इस मौके पर कानपुर स्कूल्स वेलफेयर एसोसिशएन की ओर से अध्यक्ष अजित अग्रवाल, मीडिया प्रभारी केके दुबे व कोषाध्यक्ष प्रतीक श्रीवास्तव उपस्थित रहे.
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