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कानपुर: NGT ने प्रदेश सरकार पर लगाया 10 करोड़ रुपये का जुर्माना - गंजाजल दूषित

नमामि गंगे योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन न होने पर NGT ने प्रदेश सरकार पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया है. साथ ही NGT ने 22 टेनरियों पर 220 करोड़ का जुर्माना लगाया है.

एनजीटी ने यूपी सरकार पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया
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Published : Nov 19, 2019, 8:56 PM IST

कानपुरः एनजीटी ने पर्यावरण सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए सख्त रुख अपनाया है. गंगा को स्वच्छ करने के लिए अरबों रुपये खर्च किए, लेकिन अभी तक गंगा का जल स्वच्छ नहीं हो पाया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया है. वहीं एनजीटी ने जल निगम को दोषी मानते हुए 1 करोड़ का जुर्माना लगाया है.

एनजीटी ने यूपी सरकार पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया


एनजीटी द्वारा 22 टेनरियों पर 220 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. एनजीटी द्वारा वसूली गई जुर्माने की राशि को पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ में इस्तेमाल किया जाएगा. जानकारी के अनुसार, एनजीटी की जांच टीम ने कानपुर के बाबा घाट का दौरा किया. जांच टीम को बाबा घाट पर बनाई गई एसटीपी पूरी तरह से बंद मिली.

सीवरेज का पानी सीधे गंगा में गिर रहा था. गंदे नाले के पानी का संपर्क सीधे नदी के पानी से होने के कारण नदी का जल लगातार दूषित हो रहा है. एनजीटी प्रमुख की अगुवाई वाली पीठ ने बढ़ते जल प्रदूषण के लिए यूपी सरकार को जिम्मेदार माना है. पीठ ने कहा है कि पिछले 43 सालों से समस्या का निदान नहीं किया गया है. जिसके चलते भूजल दूषित हो गया है.इसके आसपास रहने वाले लाखों लोगों का स्वास्थ व जीवन प्रभावित हो रहा है. ट्रिब्यूनल ने यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पेश रिपोर्ट पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया है.

कानपुरः एनजीटी ने पर्यावरण सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए सख्त रुख अपनाया है. गंगा को स्वच्छ करने के लिए अरबों रुपये खर्च किए, लेकिन अभी तक गंगा का जल स्वच्छ नहीं हो पाया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया है. वहीं एनजीटी ने जल निगम को दोषी मानते हुए 1 करोड़ का जुर्माना लगाया है.

एनजीटी ने यूपी सरकार पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया


एनजीटी द्वारा 22 टेनरियों पर 220 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. एनजीटी द्वारा वसूली गई जुर्माने की राशि को पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ में इस्तेमाल किया जाएगा. जानकारी के अनुसार, एनजीटी की जांच टीम ने कानपुर के बाबा घाट का दौरा किया. जांच टीम को बाबा घाट पर बनाई गई एसटीपी पूरी तरह से बंद मिली.

सीवरेज का पानी सीधे गंगा में गिर रहा था. गंदे नाले के पानी का संपर्क सीधे नदी के पानी से होने के कारण नदी का जल लगातार दूषित हो रहा है. एनजीटी प्रमुख की अगुवाई वाली पीठ ने बढ़ते जल प्रदूषण के लिए यूपी सरकार को जिम्मेदार माना है. पीठ ने कहा है कि पिछले 43 सालों से समस्या का निदान नहीं किया गया है. जिसके चलते भूजल दूषित हो गया है.इसके आसपास रहने वाले लाखों लोगों का स्वास्थ व जीवन प्रभावित हो रहा है. ट्रिब्यूनल ने यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पेश रिपोर्ट पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया है.

Intro:कानपुर :- एनजीटी ने 22 टेनरियों पर लगाया 220 करोड़ का जुर्माना ।

मोक्षदायनी माँ गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए तमाम प्रयाश किए गए,,माँ गंगा को स्वच्छ करने के लिए अरबो रुपए खर्च हुए,लेकिन नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अधिकारियो की हिला हावली के चलते स्थिति जस की तस बनी है | नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने इसको गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाया है | नेशन ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जल निगम को भी दोषी पाते हुए एक करोड़ जुर्माना लगाने के साथ ही 22 टेनरियों पर 220 करोड़ का जुर्माना लगाया | जुर्माने की इस राशि को पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ में इस्तेमाल किया जाएगा | 




Body:जब माँ गंगा की स्वच्छता और निर्मलता का जायजा लेने कानपुर के बाबा घाट पहुंची तो वंहा पर बनाई गई एसटीपी पूरी तरह से बंद थी | सीवरेज वाटर सीधे गंगा में गिर रहा था,जिससे गंगा का जल दूषित हो रहा है | एनजीटी प्रमुख की अगुवाई वाली पीठ ने यूपी सरकार को जिम्मेदार मानते हुए जुर्माना लगाया है | पीठ ने कहा है कि पिछले 43 सालो से समस्या का निदान है किया गया है जिसके चलते भूजल दूषित हो गया है | इसके आसपास रहने वाले लाखो लोगो का स्वास्थ व जीवन प्रभावित हो रहा है | ट्रिब्यूनल ने यूपी प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पेश रिपोर्ट पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया है |  

बाईट - विष्णु दयाल (एसटीपी के कर्मचारी).





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