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संजीत के परिवार से मिलने पहुंचे कानपुर के नए डीआईजी, कहा-जल्द ही ढूंढ लिया जाएगा शव

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Published : Jul 27, 2020, 11:03 PM IST

कानपुर में आए नए कप्तान डीआईजी प्रीतिंदर सिंह संजीत यादव के परिवार से मिलने पहुंचे. यहां उन्होंने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द संजीत के शव को ढूंढ लिया जाएगा और पुलिस द्वारा हुई पुरानी चूक नहीं दोहरायी जाएगी.

new dig of kanpur arrived to meet family of sanjeet yadav
संजीत के परिवार से मिलने पहुंचे कानपुर के नए डीआईजी.

कानपुर: सोमवार को संजीत यादव के परिवार से मिलने कानपुर के नए कप्तान डीआईजी प्रीतिंदर सिंह पहुंचे. उन्होंने पीड़ित परिवार से करीब आधे घंटे तक बातचीत की. उन्होंने पीड़ित परिवार को आश्वस्त दिया कि जल्द ही संजीत के शव को ढूंढ लिया जाएगा और बाकी के 30 लाख रुपये की फिरौती वाली बात को भी जल्द से जल्द हल कर लिया जाएगा.

जानकारी देते डीआईजी.

संजीत के परिवार से मिलने के बाद डीआईजी प्रीतिंदर सिंह मीडिया से रूबरू हुए. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जितनी भी पुलिस से चूक हुई है, वह सब पूरी की जाएगी. साक्ष्यों को जुटाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो जो गिरफ्तार अभियुक्त हैं, कोर्ट से परमिशन लेकर उनसे फिर से पूछताछ की जाएगी.

क्या है पूरा मामला
22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण हो गया था. संजीत 22 जून की रात नौबस्ता स्थित हॉस्पिटल से बर्रा पटेल चौक के पास स्थित पैथोलॉजी में सैंपल देने निकला था. सैंपल देकर उसे घर जाना था, लेकिन रास्ते से ही वह लापता हो गया.

पीड़ित परिवार ने न्याय की गुहार के लिए कई दिनों तक थानों के चक्कर लगाए, लेकिन एफआईआर नहीं लिखी गई, जिसके बाद पीड़ित परिवार ने चौराहों पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया, तब जाकर एफआईआर लिखी गई. एफआईआर लिखने के बाद जांच कछुए की चाल की तरह धीरे-धीरे चलती रही. वहीं न्याय मिलने में देरी होती देख पीड़ित परिवार एसएसपी ऑफिस पहुंचा, जहां परिवार को न्याय का आश्वासन तो मिला, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की गई.

संजीत की गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस ने कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि संजीत की बात राहुल नामक एक युवक और एक युवती सहित कई अन्य लोगों से हुई थी. पिता चमनलाल ने राहुल के खिलाफ बेटे के अपहरण का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. 13 जुलाई को पिता ने पुलिस के कहने पर फिरौती के 30 लाख रुपयों से भरा बैग भी अपहरणकर्ताओं के कहने पर गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया था. इसके बावजूद अपहृत बेटा नहीं मिला. इसके बाद संजीत की हत्या होने की पुष्टि पुलिस ने कर दी.

ये भी पढ़ें: कानपुर अपहरण हत्याकांड : मुझे है भरोसा, मेरा भाई मरा नहीं है- संजीत की बहन

पुलिस प्रशासन पर गिरी गाज
योगी सरकार ने कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव हत्याकांड में 11 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है. इसमें आईपीएस अपर्णा गुप्ता, डीएसपी मनोज कुमार गुप्ता, इंस्पेक्टर रणजीत राय, दो दारोगा राजेश और योगेंद्र प्रताप सिंह सहित छह सिपाही अवधेश, दिशु भारती, विनोद कुमार, सौरभ पांडे, मनीष और शिवप्रसाद को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया है.

कानपुर: सोमवार को संजीत यादव के परिवार से मिलने कानपुर के नए कप्तान डीआईजी प्रीतिंदर सिंह पहुंचे. उन्होंने पीड़ित परिवार से करीब आधे घंटे तक बातचीत की. उन्होंने पीड़ित परिवार को आश्वस्त दिया कि जल्द ही संजीत के शव को ढूंढ लिया जाएगा और बाकी के 30 लाख रुपये की फिरौती वाली बात को भी जल्द से जल्द हल कर लिया जाएगा.

जानकारी देते डीआईजी.

संजीत के परिवार से मिलने के बाद डीआईजी प्रीतिंदर सिंह मीडिया से रूबरू हुए. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जितनी भी पुलिस से चूक हुई है, वह सब पूरी की जाएगी. साक्ष्यों को जुटाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो जो गिरफ्तार अभियुक्त हैं, कोर्ट से परमिशन लेकर उनसे फिर से पूछताछ की जाएगी.

क्या है पूरा मामला
22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण हो गया था. संजीत 22 जून की रात नौबस्ता स्थित हॉस्पिटल से बर्रा पटेल चौक के पास स्थित पैथोलॉजी में सैंपल देने निकला था. सैंपल देकर उसे घर जाना था, लेकिन रास्ते से ही वह लापता हो गया.

पीड़ित परिवार ने न्याय की गुहार के लिए कई दिनों तक थानों के चक्कर लगाए, लेकिन एफआईआर नहीं लिखी गई, जिसके बाद पीड़ित परिवार ने चौराहों पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया, तब जाकर एफआईआर लिखी गई. एफआईआर लिखने के बाद जांच कछुए की चाल की तरह धीरे-धीरे चलती रही. वहीं न्याय मिलने में देरी होती देख पीड़ित परिवार एसएसपी ऑफिस पहुंचा, जहां परिवार को न्याय का आश्वासन तो मिला, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की गई.

संजीत की गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस ने कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि संजीत की बात राहुल नामक एक युवक और एक युवती सहित कई अन्य लोगों से हुई थी. पिता चमनलाल ने राहुल के खिलाफ बेटे के अपहरण का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. 13 जुलाई को पिता ने पुलिस के कहने पर फिरौती के 30 लाख रुपयों से भरा बैग भी अपहरणकर्ताओं के कहने पर गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया था. इसके बावजूद अपहृत बेटा नहीं मिला. इसके बाद संजीत की हत्या होने की पुष्टि पुलिस ने कर दी.

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पुलिस प्रशासन पर गिरी गाज
योगी सरकार ने कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव हत्याकांड में 11 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है. इसमें आईपीएस अपर्णा गुप्ता, डीएसपी मनोज कुमार गुप्ता, इंस्पेक्टर रणजीत राय, दो दारोगा राजेश और योगेंद्र प्रताप सिंह सहित छह सिपाही अवधेश, दिशु भारती, विनोद कुमार, सौरभ पांडे, मनीष और शिवप्रसाद को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया है.

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