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कानपुर: चट्टा हटाओ अभियान के तहत नगर निगम ने की बड़ी कार्रवाई

यूपी के कानपुर में नगर निगम ने मंगलवार को चट्टा हटवाने की बड़ी कार्रवाई की है. इसके लिए खुद मेयर प्रमिला पांडेय गांव पहुंची हुई थीं. इस दौरान चट्टा संचालकों ने भी जमकर हंगामा किया. नगर निगम द्वारा शहर के बाहर चट्टा शिफ्ट करवाए जाने के बावजूद बस्तियों में चट्टे संचालित किए जा रहे थे.

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प्रमिला पांडेय और नगर निगम की टीम.
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Published : Oct 1, 2020, 8:39 PM IST

कानपुर: जिले के बर्रा गांव में मेयर प्रमिला पांडेय और नगर निगम की टीम द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई. इस दौरान कई चट्टों में छापेमारी की गई. लगभग दो दर्जन से अधिक मवेशियों को नगर निगम की टीम द्वारा कब्जे में लिया गया है. इस दौरान चट्टा संचालकों की नगर निगम कर्मचारियों से धक्का मुक्की भी हुई.

वहीं मेयर प्रमिला पाण्डेय ने बताया की नगर निगम द्वारा शहर के बाहर चट्टा शिफ्ट करवा दिया गया है, उसके वाबजूद भी चट्टे बस्तियों में संचालित हो रहे हैं. मेयर ने ये भी बताया कि बस्तियों में चट्टा होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

यहां जानवरों का मल-मूत्र जो की चट्टा संचालक द्वारा एक जगह महीनों इकट्ठा किया जाता है, वह बहकर नालियों में जाता है, जिससे ज्यादातर नालियां चोक हो चुकी हैं. साथ ही इससे गलियों में गंदा पानी भरता है, जो बीमारी का कारण बनता है.

मेयर ने बताया कि कई बार चट्टा संचालकों को लिखित में नोटिस भी भेजी जा चुकी है, लेकिन संचालकों के कान में जूं तक नही रेंगी. दो दर्जन मवेशियों को कब्जे में लिया गया है. लोगों से कहा गया है कि चट्टा संचालक जुर्माना भरने के बाद मवेशी वापस ले जा सकते हैं, लेकिन बतौर शर्त अब वह दोबारा बस्तियों में चट्टा संचालित नहीं करेंगे.

कानपुर: जिले के बर्रा गांव में मेयर प्रमिला पांडेय और नगर निगम की टीम द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई. इस दौरान कई चट्टों में छापेमारी की गई. लगभग दो दर्जन से अधिक मवेशियों को नगर निगम की टीम द्वारा कब्जे में लिया गया है. इस दौरान चट्टा संचालकों की नगर निगम कर्मचारियों से धक्का मुक्की भी हुई.

वहीं मेयर प्रमिला पाण्डेय ने बताया की नगर निगम द्वारा शहर के बाहर चट्टा शिफ्ट करवा दिया गया है, उसके वाबजूद भी चट्टे बस्तियों में संचालित हो रहे हैं. मेयर ने ये भी बताया कि बस्तियों में चट्टा होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

यहां जानवरों का मल-मूत्र जो की चट्टा संचालक द्वारा एक जगह महीनों इकट्ठा किया जाता है, वह बहकर नालियों में जाता है, जिससे ज्यादातर नालियां चोक हो चुकी हैं. साथ ही इससे गलियों में गंदा पानी भरता है, जो बीमारी का कारण बनता है.

मेयर ने बताया कि कई बार चट्टा संचालकों को लिखित में नोटिस भी भेजी जा चुकी है, लेकिन संचालकों के कान में जूं तक नही रेंगी. दो दर्जन मवेशियों को कब्जे में लिया गया है. लोगों से कहा गया है कि चट्टा संचालक जुर्माना भरने के बाद मवेशी वापस ले जा सकते हैं, लेकिन बतौर शर्त अब वह दोबारा बस्तियों में चट्टा संचालित नहीं करेंगे.

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