कानपुर: नगर निकाय चुनाव की घोषणा हो चुकी है और उसी के साथ भाजपा में अब महापौर सीट को लेकर दावेदारों ने ताल ठोंकनी शुरू कर दी है. अपने आकाओं से लखनऊ-दिल्ली की मुलाकात करनी हो या फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में वरिष्ठ पदाधिकारियों के पास बैठकर गुफ्तगू. पार्टी के पदाधिकारी रात-दिन बस अपनी टिकट के जुगाड़ में एड़ी-चोटी की ताकत लगाकर जुट गए हैं.
शहर में अभी तक महापौर की सीट पर मेयर प्रमिला पांडेय का कार्यकाल रहा. उससे पहले शहर में लंबे समय तक उत्तर जिले से ही रवींद्र पाटनी, जगतवीर सिंह द्रोण भी मेयर बने हैं. ऐसे में इस साल के चुनाव में उत्तर के बजाय महापौर सीट दक्षिण को दी जाए, इसके लिए भाजपाइयों ने संगठन के आला पदाधिकारियों के पास अपनी बात रख दी है. उत्तर से अधिक ही दक्षिण में दावेदार सक्रिय भी हो गए हैं. मौजूदा समय में दक्षिण जिलाध्यक्ष डॉ.वीना आर्या, भाजपा में वरिष्ठ पदाधिकारी रीता शास्त्री, महिला मोर्चा की क्षेत्रीय अध्यक्ष पूनम द्विवेदी समेत कई ऐसे नाम हैं, जो अपनी टिकट का दावा करने से गुरेज नहीं कर रहे. पार्टी की वरिष्ठ पदाधिकारी अनीता गुप्ता भी टिकट मांग रही हैं, यह पदाधिकारी दबी जुबां में बोल रहे हैं. जबकि बात उत्तर की करें तो यहां भाजपा सांसद की बेटी नीतू सिंह, पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष कमलावती सिंह, निवर्तमान महापौर प्रमिला पांडेय समेत अन्य नाम भी हैं, ताकि टिकट उन्हें मिले.
संगठन की गतिविधियां भी कर रहीं इशारा: भाजपा ने कुछ दिनों पहले ही प्रभावी मतदाता सम्मेलन कार्यक्रमों से नगर निकाय चुनाव का आगाज किया. ऐसे में पहले दिन डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जहां कार्यकर्ताओं में जोश भरा. वहीं, उनके जाने के कुछ घंटों बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधामोहन सिंह ने पहुंचकर मंथन किया. सोमवार को खुद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी कई घंटों तक पार्टी पदाधिकारियों के साथ नगर निकाय चुनाव की रणनीति तैयार करते रहे. वह भी दक्षिण स्थित पार्टी के क्षेत्रीय कार्यालय में पहुंचे थे. वहीं, कुछ दिनों पहले शहर के प्रभारी मंत्री व निकाय चुनाव के प्रभारी नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने भी दक्षिण जिले में पार्टी जिलाध्यक्ष के आवास पर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से निकाय चुनाव पर विस्तार से बात की थी.
कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी भाजपा मोहित पांडेय ने कहा कि भाजपा में प्रत्याशी का मतलब कमल होता है. उत्तर और दक्षिण जिले पार्टी की रीति-नीति के तहत बनाए गए हैं. संगठन जिसे टिकट देगा सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी उस प्रत्याशी को चुनाव लड़ाएंगे. हमारे लिए चुनाव एक उत्सव की तरह है.
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