ETV Bharat / state

गुनाहों की सजा के बदले बंदर को मिली उम्रकैद

author img

By

Published : Jun 19, 2020, 9:37 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले स्थित प्राणी उद्यान में एक बंदर सलाखों के पीछे उम्र कैद की सजा काट रहा है. इस बंदर ने मिर्जापुर जिले में 250 से अधिक लोगों को काटकर घायल कर दिया था, जिसके बाद इसे पकड़कर प्राणी उद्यान लाया गया है.

etv bharat
प्राणी उद्यान में सलाखों में बंद बंदर.

कानपुर: इंसान को उसके गुनाहों की सजा मिलने की बात तो आपने काफी बार सुनी होगी, लेकिन यह बात आपको हैरत में डाल देगी कि एक बंदर को उसके गुनाह के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. कालिया नाम का यह बंदर कानपुर प्राणी उद्यान में बंद अपनी उम्र कैद की सजा काट रहा है. दरअसल इस बंदर ने 250 से अधिक लोगों को काटकर घायल कर दिया था, जिसके बाद इसे प्राणी उद्यान में लाकर उम्र कैद की सजा दी गई है.

चिड़ियाघर में उम्र कैद काट रहा है बंदर.

'कालिया' के आतंक की कहानी
कालिया नाम के इस बंदर को अब पूरी जिंदगी सलाखों के पीछे ही काटनी पड़ेगी. कानपुर प्राणी उद्यान में लोहे की मजबूत सलाखों में कैद इस बंदर की कहानी कुछ गजब ही है. दरअसल उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में इस बंदर के आतंक के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया था. इसने 250 से अधिक महिलाओं और बच्चों को काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था.

कुछ यूं गिरफ्त में आया काट खाने वाला 'कालिया'
साल 2017 में बंदर के आतंक से परेशान होकर लोगों ने हाई-वे पर जाम लगा दिया. सूचना पर पहुंचे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने बंदर को जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया, जिसके बाद लोगों ने हाई-वे खाली किया. इसके बाद कानपुर चिड़ियाघर के पशु चिकित्सकों की टीम ने कई दिनों तक कड़ी मशक्कत के बाद कालिया को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने में कामयाबी हासिल की.

...और ऐसे मिली 'कालिया' को उम्र कैद
चिकित्सकों की टीम कालिया नाम के बंदर को पकड़कर कानपुर चिड़ियाघर ले आई और कुछ महीनों तक एकांत में एक पिंजड़े में बंद रखा, जिससे की उसके स्वभाव में परिवर्तन आ सके. कुछ महीनों के बाद उसे पिंजरे से बाहर निकाला गया. पिंजरे से बाहर निकलते ही उसने फिर से आतंक मचाना शुरू कर दिया. कालिया का आतंक इस कदर बढ़ा कि गया कि चिड़ियाघर में घूमने आने वाले लोगों को वह अपना शिकार बनाने लगा और उन्हें काटकर घायल करने लगा. इससे परेशान प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सकों ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाने का फैसला किया और बंदर को एक कटघरे में बंद कर दिया गया. प्राणी उद्यान के चिकित्सकों का कहना है कि अब कालिया को मरते दम तक सलाखों में ही रहना पड़ेगा.

कानपुर: इंसान को उसके गुनाहों की सजा मिलने की बात तो आपने काफी बार सुनी होगी, लेकिन यह बात आपको हैरत में डाल देगी कि एक बंदर को उसके गुनाह के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. कालिया नाम का यह बंदर कानपुर प्राणी उद्यान में बंद अपनी उम्र कैद की सजा काट रहा है. दरअसल इस बंदर ने 250 से अधिक लोगों को काटकर घायल कर दिया था, जिसके बाद इसे प्राणी उद्यान में लाकर उम्र कैद की सजा दी गई है.

चिड़ियाघर में उम्र कैद काट रहा है बंदर.

'कालिया' के आतंक की कहानी
कालिया नाम के इस बंदर को अब पूरी जिंदगी सलाखों के पीछे ही काटनी पड़ेगी. कानपुर प्राणी उद्यान में लोहे की मजबूत सलाखों में कैद इस बंदर की कहानी कुछ गजब ही है. दरअसल उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में इस बंदर के आतंक के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया था. इसने 250 से अधिक महिलाओं और बच्चों को काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था.

कुछ यूं गिरफ्त में आया काट खाने वाला 'कालिया'
साल 2017 में बंदर के आतंक से परेशान होकर लोगों ने हाई-वे पर जाम लगा दिया. सूचना पर पहुंचे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने बंदर को जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया, जिसके बाद लोगों ने हाई-वे खाली किया. इसके बाद कानपुर चिड़ियाघर के पशु चिकित्सकों की टीम ने कई दिनों तक कड़ी मशक्कत के बाद कालिया को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने में कामयाबी हासिल की.

...और ऐसे मिली 'कालिया' को उम्र कैद
चिकित्सकों की टीम कालिया नाम के बंदर को पकड़कर कानपुर चिड़ियाघर ले आई और कुछ महीनों तक एकांत में एक पिंजड़े में बंद रखा, जिससे की उसके स्वभाव में परिवर्तन आ सके. कुछ महीनों के बाद उसे पिंजरे से बाहर निकाला गया. पिंजरे से बाहर निकलते ही उसने फिर से आतंक मचाना शुरू कर दिया. कालिया का आतंक इस कदर बढ़ा कि गया कि चिड़ियाघर में घूमने आने वाले लोगों को वह अपना शिकार बनाने लगा और उन्हें काटकर घायल करने लगा. इससे परेशान प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सकों ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाने का फैसला किया और बंदर को एक कटघरे में बंद कर दिया गया. प्राणी उद्यान के चिकित्सकों का कहना है कि अब कालिया को मरते दम तक सलाखों में ही रहना पड़ेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.