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कानपुर में ऑनलाइन पकड़े जाएंगे मीटर से छेड़छाड़ करने वाले, कंप्यूटर बताएगा कब हुआ फॉल्ट - केस्को

कानपुर में बिजली के मीटर से छेड़छाड़ करने वाले ऑनलाइन ही पकड़ लिए जाएंगे. साथ ही कंप्यूटर बताएगा कि कब और कहां फॉल्ट हुआ है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Aug 12, 2023, 9:33 AM IST

केस्को एमडी ने दी यह जानकारी.

कानपुर: कई साल पहले शहर में लाखों उपभोक्ताओं के घरों में जो पुराने मीटर लगे थे, उनमें क्षेत्रीय बिजली कर्मी या सबस्टेशन के कर्मी चोरीछिपे आकर मीटर रीडिंग को कम कर देते थे. इसके बाद जब कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड (केस्को) की ओर से नए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए तो भी मीटर रीडिंग में फेरबदल करने का काम जारी है.

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एक नजर.


हालांकि, अब केस्को ने स्मार्ट सिटी कानपुर में एक एेसा स्मार्ट सिस्टम-स्काडा डेवलप कर दिया है जिसकी मदद से केस्को के अफसर बिजली चोरी पर तो लगाम लगा ही सकेंगे, साथ ही मीटर रीडिंग में बदलाव करने वालों को भी ऑनलाइन पकड़ सकेंगे. यही नहीं, इस सिस्टम पर रोजाना इनपुट एनर्जी का आंकड़ा दर्ज होगा और कितनी बिजली का उपयोग एक सबस्टेशन पर हो रहा है, यह जानकारी भी महज एक क्लिक पर सामने आ जाएगी. इस स्मार्ट वर्किंग से अफसर व कर्मी यह जान सकेंगे, कि आखिर बिजली चोरी कहां पर हो रही है.

पहले चरण में 14 सबस्टेशन जुडेंगे: केस्को एमडी सैमुअल पॉल ने बताया, कि 15 अगस्त से हम शहर के 14 सबस्टेशनों की वर्किंग को स्काडा सिस्टम ( सुपरवाइजिंग कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन) से जोड़ेंगे. इसके बाद हमें सबस्टेशन पर बैठे-बैठे कंप्यूटर से ही पता लग जाएगा, कि फाल्ट कहां हुआ है. यहां तक कि फाल्ट को ठीक करने का जो रिस्पांस टाइम रहा एक क्लिक पर वह भी मालूम हो जाएगा. केस्को एमडी ने बताया कि आरडीएसएस स्कीम के तहत शहर में अब मॉर्डनाइज कंपोनेंट का उपयोग ही किया जाएगा. बहुत जल्द 94 सबस्टेशन स्काडा सिस्टम की वर्किंग से जुड़ जाएंगे.


केस्को की हर संपत्ति का तैयार होगा डाटा: केस्को के जो शहर में खंभे स्थापित हैं, ट्रांसफार्मर लगे हैं और जो अन्य संपत्तियां हैं उन सभी का डाटा अब जीआइएस तकनीक से हम तैयार करा रहे हैं. भविष्य में केस्को के पास जब संपत्तियों की पूरी जानकारी होगी, तो किसी योजना को क्रियान्वित करने में काफी हद तक मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ेंः मणिपुर की घटना अडानी को फायदा दिलाने का प्लेटफार्म, सीएम-पीएम की चुप्पी इसका बड़ा सबूत: मेधा पाटकर

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केस्को एमडी ने दी यह जानकारी.

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एक नजर.


हालांकि, अब केस्को ने स्मार्ट सिटी कानपुर में एक एेसा स्मार्ट सिस्टम-स्काडा डेवलप कर दिया है जिसकी मदद से केस्को के अफसर बिजली चोरी पर तो लगाम लगा ही सकेंगे, साथ ही मीटर रीडिंग में बदलाव करने वालों को भी ऑनलाइन पकड़ सकेंगे. यही नहीं, इस सिस्टम पर रोजाना इनपुट एनर्जी का आंकड़ा दर्ज होगा और कितनी बिजली का उपयोग एक सबस्टेशन पर हो रहा है, यह जानकारी भी महज एक क्लिक पर सामने आ जाएगी. इस स्मार्ट वर्किंग से अफसर व कर्मी यह जान सकेंगे, कि आखिर बिजली चोरी कहां पर हो रही है.

पहले चरण में 14 सबस्टेशन जुडेंगे: केस्को एमडी सैमुअल पॉल ने बताया, कि 15 अगस्त से हम शहर के 14 सबस्टेशनों की वर्किंग को स्काडा सिस्टम ( सुपरवाइजिंग कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन) से जोड़ेंगे. इसके बाद हमें सबस्टेशन पर बैठे-बैठे कंप्यूटर से ही पता लग जाएगा, कि फाल्ट कहां हुआ है. यहां तक कि फाल्ट को ठीक करने का जो रिस्पांस टाइम रहा एक क्लिक पर वह भी मालूम हो जाएगा. केस्को एमडी ने बताया कि आरडीएसएस स्कीम के तहत शहर में अब मॉर्डनाइज कंपोनेंट का उपयोग ही किया जाएगा. बहुत जल्द 94 सबस्टेशन स्काडा सिस्टम की वर्किंग से जुड़ जाएंगे.


केस्को की हर संपत्ति का तैयार होगा डाटा: केस्को के जो शहर में खंभे स्थापित हैं, ट्रांसफार्मर लगे हैं और जो अन्य संपत्तियां हैं उन सभी का डाटा अब जीआइएस तकनीक से हम तैयार करा रहे हैं. भविष्य में केस्को के पास जब संपत्तियों की पूरी जानकारी होगी, तो किसी योजना को क्रियान्वित करने में काफी हद तक मदद मिलेगी.

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