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मेगा लेदर क्लस्टर: 650 करोड़ रुपये से रमईपुर में बनेगा क्लस्टर, एक लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

केंद्र सरकार ने जनपद के चमड़ा कारोबारियों को एक नई सौगात दी है. अब छोटे उद्यमियों को भी अपने कारोबार को बढ़ाने और चमकाने का मौका मिलेगा. कानपुर के रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर (mega leather cluster) बनेगा.

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मेगा लेदर क्लस्टर की सौगात
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Published : Jun 5, 2022, 1:24 PM IST

Updated : Jun 5, 2022, 2:16 PM IST

कानपुर: जनपद के चमड़ा कारोबारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने शहर से कुछ दूर स्थित रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर (mega leather cluster) बनाने को हरी झंडी दे दी है. अभी तक चमड़ा कारोबारी शहर में ही सीमित था. लेकिन, अब उसका दायरा बढ़ जाएगा. इसको बनाने में करीब 650 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इससे चमड़ा करोबार बेहतर ढंग से फल-फूल जाएगा. साथ ही नौकरी के लिए भटक रहे युवाओं को भी रोजगार मिलेगा.

विदेशों में चमड़ा की डिमांड
विदेशों में कानपुर से चमड़े की काफी मात्रा में सप्लाई होती है. यूरोप, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और एशिया के कई देशों में शहर के चमड़ा उत्पादों की जबरदस्त मांग है. आंकड़ों के अनुसार जिले से एक्सपोर्ट के तौर पर करीब आठ हजार करोड़ का सालाना कारोबार होता है. वहीं, कई सालों से चमड़ा कारोबारी सरकारी से मांग कर रहे थे कि उन्हें एक ऐसा स्थान दिया जाए, जहां उनके कारोबार की हर समस्या का समाधान हो सके. तभी केंद्र सरकार की ओर से जिले के रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर बनाने का फैसला लिया गया.

मेगा लेदर क्लस्टर के बारे में जानकारी देते हुए चेयरमैन मुख्तारुल अमीन

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की थीम पर काम करेंगे उद्यमी
काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (council for leather export) के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने बताया कि मेगा लेदर क्लस्टर बनने से चमड़ा कारोबारी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की थीम पर काम करेंगे. मेगा लेदर क्लस्टर के पास से ही रिंग रोड निर्माण का कार्य चल रहा है. इसके चलते कारोबारियों को अपना माल अन्य शहरों तक भेजने में कोई दिक्कत नहीं होगी. वहीं, जो छोटे उद्यमी हैं, उन्हें एक स्थान पर रॉ-मटेरियल, उत्पाद तैयार करने वाले कंपोनेंट समेत कई अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी.

यह भी पढ़ें: बिल्हौर नौगजापीर दरगाह कमेटी ने किया तीन दिवसीय उर्स का ऐलान

400 से अधिक फ्लैटेड फैक्ट्री बनेंगी
मेगा लेदर क्लस्टर के चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने बताया कि क्लस्टर में 400 से अधिक फ्लैटेड फैक्ट्री और टेनरियां संचालित होंगी. इससे करीब पांच हजार करोड़ रुपये का सालाना कारोबार बढ़ने की पूरी उम्मीद है. उन्होंने कहा कि शहर से जूता, बेल्ट, बैग समेत कई अन्य चमड़े के उत्पाद विदेशों में भेजे जाते हैं. चमड़ा कारोबारियों को इस क्लस्टर से तमाम सहूलियतें मिल सकेंगी.

उद्यमियों को लाभ मिलेगा
काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (council for leather export) सीएलई के रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल ने कहा कि मेगा लेदर क्लस्टर बनने से चमड़ा कारोबारियों को जरूर लाभ होगा. अगर उद्योग के स्थान का निर्माण होगा तभी मार्केट भी बढे़गी, जहां उद्यमी अपना कारोबार कर सकेंगे.

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काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल

कारोबार का आंकड़ा

आंकड़ों के अनुसार शरह से एक्सपोर्ट और डोमेस्टिक बिजनेस को मिलाकर करीब 15 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होता है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का जूता कारोबार करीब 6 बिलियन डॉलर का होता है. वहीं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के कुल कारोबार का नया लक्ष्य करीब 10 बिलियन डॉलर है. इसके साथ ही जिले में मेगा लेदर क्लस्टर (mega leather cluster) बनने से पांच हजार करोड़ रुपये का कारोबार बढ़ेगा. फिलहाल अभी कानपुर में 200 टेनरियां संचालित हैं.

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कानपुर: जनपद के चमड़ा कारोबारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने शहर से कुछ दूर स्थित रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर (mega leather cluster) बनाने को हरी झंडी दे दी है. अभी तक चमड़ा कारोबारी शहर में ही सीमित था. लेकिन, अब उसका दायरा बढ़ जाएगा. इसको बनाने में करीब 650 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इससे चमड़ा करोबार बेहतर ढंग से फल-फूल जाएगा. साथ ही नौकरी के लिए भटक रहे युवाओं को भी रोजगार मिलेगा.

विदेशों में चमड़ा की डिमांड
विदेशों में कानपुर से चमड़े की काफी मात्रा में सप्लाई होती है. यूरोप, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और एशिया के कई देशों में शहर के चमड़ा उत्पादों की जबरदस्त मांग है. आंकड़ों के अनुसार जिले से एक्सपोर्ट के तौर पर करीब आठ हजार करोड़ का सालाना कारोबार होता है. वहीं, कई सालों से चमड़ा कारोबारी सरकारी से मांग कर रहे थे कि उन्हें एक ऐसा स्थान दिया जाए, जहां उनके कारोबार की हर समस्या का समाधान हो सके. तभी केंद्र सरकार की ओर से जिले के रमईपुर में मेगा लेदर क्लस्टर बनाने का फैसला लिया गया.

मेगा लेदर क्लस्टर के बारे में जानकारी देते हुए चेयरमैन मुख्तारुल अमीन

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की थीम पर काम करेंगे उद्यमी
काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (council for leather export) के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने बताया कि मेगा लेदर क्लस्टर बनने से चमड़ा कारोबारी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की थीम पर काम करेंगे. मेगा लेदर क्लस्टर के पास से ही रिंग रोड निर्माण का कार्य चल रहा है. इसके चलते कारोबारियों को अपना माल अन्य शहरों तक भेजने में कोई दिक्कत नहीं होगी. वहीं, जो छोटे उद्यमी हैं, उन्हें एक स्थान पर रॉ-मटेरियल, उत्पाद तैयार करने वाले कंपोनेंट समेत कई अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी.

यह भी पढ़ें: बिल्हौर नौगजापीर दरगाह कमेटी ने किया तीन दिवसीय उर्स का ऐलान

400 से अधिक फ्लैटेड फैक्ट्री बनेंगी
मेगा लेदर क्लस्टर के चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने बताया कि क्लस्टर में 400 से अधिक फ्लैटेड फैक्ट्री और टेनरियां संचालित होंगी. इससे करीब पांच हजार करोड़ रुपये का सालाना कारोबार बढ़ने की पूरी उम्मीद है. उन्होंने कहा कि शहर से जूता, बेल्ट, बैग समेत कई अन्य चमड़े के उत्पाद विदेशों में भेजे जाते हैं. चमड़ा कारोबारियों को इस क्लस्टर से तमाम सहूलियतें मिल सकेंगी.

उद्यमियों को लाभ मिलेगा
काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (council for leather export) सीएलई के रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल ने कहा कि मेगा लेदर क्लस्टर बनने से चमड़ा कारोबारियों को जरूर लाभ होगा. अगर उद्योग के स्थान का निर्माण होगा तभी मार्केट भी बढे़गी, जहां उद्यमी अपना कारोबार कर सकेंगे.

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काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल

कारोबार का आंकड़ा

आंकड़ों के अनुसार शरह से एक्सपोर्ट और डोमेस्टिक बिजनेस को मिलाकर करीब 15 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होता है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का जूता कारोबार करीब 6 बिलियन डॉलर का होता है. वहीं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के कुल कारोबार का नया लक्ष्य करीब 10 बिलियन डॉलर है. इसके साथ ही जिले में मेगा लेदर क्लस्टर (mega leather cluster) बनने से पांच हजार करोड़ रुपये का कारोबार बढ़ेगा. फिलहाल अभी कानपुर में 200 टेनरियां संचालित हैं.

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Last Updated : Jun 5, 2022, 2:16 PM IST
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