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कमर्शियल टैक्स को लेकर मेयर व निजी स्कूल संचालक आमने-सामने, जानें क्या हो रही बात

कानपुर में कमर्शियल टैक्स को लेकर मेयर व निजी स्कूल संचालक आमने-सामने आ गए है. महापौर ने बुधवार को कार्यकारिणी में निजी स्कूलों से कमर्शियल टैक्स वसूलने का फैसला किया है.

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महापौर
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Published : May 5, 2022, 5:13 PM IST

कानपुर : पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के चलते शहर के तमाम निजी स्कूलों में ताले पड़ गए थे. वहीं कुछ स्कुलों में छात्रों की संख्या में कमी देखने को मिली थी. बुधवार को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक हुई. इस बैठक में महापौर प्रमिला पांडेय ने सभी निजी स्कूलों से कमर्शियल टैक्स वसूलने का एलान किया है.

कामर्शियल टैक्स वसूलने की जानकारी मिलते ही स्कूल संचालकों ने मेयर के इस आदेश को लेकर अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. संचालकों का कहना है कि पिछले दो सालों से सबसे अधिक परेशान निजी स्कूल संचालक हैं. बावजूद इसके उन पर अब कर की मार लगा दी गई है. कानपुर प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के सचिव बलविंदर सिंह ने कहा कि वह इस मामले पर शुक्रवार को सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और फिर तय करेंगे कि कर देना है या नहीं.

इसे भी पढ़े-वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना ने किया चिड़ियाघर का निरीक्षण

दरअसल, पदाधिकारियों का कहना है कि कमर्शियल टैक्स उन संस्थाओं से लिया जाना चाहिए जहां किसी तरह का व्यवसाय हो. स्कूलों के लिए नगर निगम का यह नियम मान्य नहीं हो सकता. वहीं मेयर प्रमिला पांडेय ने कहा कि नगर निगम ने अभी तक निजी स्कूलों से कमर्शियल टैक्स नहीं लिया. पर अब नियमों का ध्यान रखते हुए कर वसूला जाएगा. फिलहाल नगर निगम कार्यकारिणी के इस फैसले की चर्चा पूरे शहर में जोरों पर है.

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कानपुर : पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के चलते शहर के तमाम निजी स्कूलों में ताले पड़ गए थे. वहीं कुछ स्कुलों में छात्रों की संख्या में कमी देखने को मिली थी. बुधवार को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक हुई. इस बैठक में महापौर प्रमिला पांडेय ने सभी निजी स्कूलों से कमर्शियल टैक्स वसूलने का एलान किया है.

कामर्शियल टैक्स वसूलने की जानकारी मिलते ही स्कूल संचालकों ने मेयर के इस आदेश को लेकर अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. संचालकों का कहना है कि पिछले दो सालों से सबसे अधिक परेशान निजी स्कूल संचालक हैं. बावजूद इसके उन पर अब कर की मार लगा दी गई है. कानपुर प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के सचिव बलविंदर सिंह ने कहा कि वह इस मामले पर शुक्रवार को सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और फिर तय करेंगे कि कर देना है या नहीं.

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दरअसल, पदाधिकारियों का कहना है कि कमर्शियल टैक्स उन संस्थाओं से लिया जाना चाहिए जहां किसी तरह का व्यवसाय हो. स्कूलों के लिए नगर निगम का यह नियम मान्य नहीं हो सकता. वहीं मेयर प्रमिला पांडेय ने कहा कि नगर निगम ने अभी तक निजी स्कूलों से कमर्शियल टैक्स नहीं लिया. पर अब नियमों का ध्यान रखते हुए कर वसूला जाएगा. फिलहाल नगर निगम कार्यकारिणी के इस फैसले की चर्चा पूरे शहर में जोरों पर है.

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