ETV Bharat / state

12 हजार अमेरिकियों से ठगी करने वाले गैंग का सरगना गिरफ्तार

फर्जी कॉल सेंटर बनाकर 12 अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले गिरोह के सरगना जसराज को कानपुर पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि काकादेव में चल रहे अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर को बीती 14 जुलाई को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था. मामले में चार अभियुक्त पकड़े गये थे.

12 हजार अमेरिकियों से ठगी करने वाले गैंग का सरगना गिरफ्तार
12 हजार अमेरिकियों से ठगी करने वाले गैंग का सरगना गिरफ्तार
author img

By

Published : Jul 20, 2021, 4:55 PM IST

कानपुर: अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर द्वारा अमेरिका के 12 हजार लोगों से ठगी करने वाले गैंग का मुख्य व वांछित अभियुक्त सोमवार देर रात क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गया. पकड़ा गया अभियुक्त विदेशी लोगों के खातों से निकाले गए पैसे को भारत और फिर कानपुर में कॉल सेंटर चलाने वाले मोहिंदर को देता था. अभियुक्त के पास से लैपटॉप, पास बुक, एटीएम आदि ठगी करने के काम आने वाला सामान बरामद हुआ है.

सोमवार रात क्राइम ब्रांच को सूचना मिली की थाना काकादेव में 419/420/467/468/120 BIPC व 66D IT ACT में वांछित व मुख्य अभियुक्त जसराज सिंह शहर में आया हुआ है. कॉल सेंटर पकड़े जाने के बाद वह यहां का माहौल भांपने के लिए सफेद रंग की बीएमडब्लू कार से घूम रहा है. इस पर क्राइम ब्रांच ने जाल बिछाया और गीता नगर से अभियुक्त को दबोच लिया.

दिल्ली का रहने वाला है अभियुक्त
जसराज सिंह मुकेश पुत्र सुरेश सिंह C5A/34 फर्स्ट फ्लोर जनकपुरी थाना जनकपुरी जिला वेस्ट दिल्ली का रहने वाला है. उसने बताया कि वह जे.आर.एस हाट कोचर के नाम से कंपनी खोलकर डिजाइनर कपड़ों का विदेशों से व्यापार करता है. उसकी मुलाकात मोहिंदर शर्मा से हुई, जिससे उसे आकाशमणि त्रिपाठी ने मिलवाया था, जो कि नोएडा में रहता है. मोहिंदर शर्मा के द्वारा बताया गया कि वह लोग फर्जी कॉल सेंटर खोलकर विदेश में सॉफ्टवेयर मेंटेनेंस के नाम पर विदेशों से लोगों के मोबाइल का डाटा चोरी करते हैं. फिर लोगों के एटीएम कार्ड व उनका पिन नंबर व सीवीवी नंबर प्राप्त कर लेते हैं और उनका पैसा मनचाहे खाते में ट्रांसफर करा लेते हैं.

गेटवे का काम करता था जसराज
जसराज ने बताया कि मोहिंदर ने कहा था कि हमें वह पैसा अपने पास लाने के लिए ऑनलाइन एक गेटवे की आवश्यकता है. जिस पर जसराज ने लालच में आकर टोड. एल थॉमस के जरिये mipldigitalonline.com गेटवे से पैसे मंगाने की व्यवस्था की. इसके बाद डेबिट कार्ड के जरिये वह बैंक ऑफ अमेरिका के डेबिट कार्ड से पैसा निकाल कर मोहिंदर शर्मा को देता था, जो टीम के अन्य सदस्य जिकरुल्लाह, संजीव गुप्ता और सूरज सुमन को उनके हिस्से की धनराशि देता था. जसराज ने बताया कि वह अपना हिस्सा पहले ही पैसा निकालते समय ले लेता था. उसके पास से बरामद हुए एटीएम कार्डों में बैंक ऑफ अमेरिका का भी एटीएम कार्ड है, जिससे वह अमेरिका से जालसाजी करके मंगाए गए पैसों को निकाल कर अपना हिस्सा लेने के बाद टीम के अन्य सदस्यों को देने के लिए मोहिंदर शर्मा को दे देता था.

वाट्सऐप और लैपटॉप में मिला डेटा
जसराज ने पूछताछ में बताया कि मोहिंद्र शर्मा और अन्य अभियुक्तगणों के द्वारा विदेश में जालसाजी, धोखाधड़ी कर प्राप्त किए गए पैसों को लेने के लालच में पड़कर वह इनका साथ दे रहा था. जालसाजी का कई लाख रुपया विदेश से आया हुआ. उसने बैंक ऑफ अमेरिका के डेबिट कार्ड के जरिये इन रुपयों को निकाला था. साथ ही मोहिंदर शर्मा के जरिये टीम में वितरित कराया किया था और अपना हिस्सा भी लिया था. अभियुक्त के पास से बरामद मोबाइल फोन के वाट्सऐप की चैटिंग को चेक किया गया तो इसके द्वारा मोहिंदर शर्मा आदि से धनराशि के लेनदेन को लेकर वार्ता की गई है. लैपटॉप में मुकदमे से संबंधित किए गए अपराध के बाबत डाटा पाया गया, जिसमें विदेशी कस्टमर की प्राइवेट जानकारी मिली. मोबाइल से अर्श बरार व सूरज सुमन से, आकाश भाटिया कार्ल्स नाम एक ग्रुप पर और आकाश गुप्ता से दोनों लैपटॉप की डाउनलोड लिस्ट में खाते से पैसे के ट्रांसफर व नकद निकासी से संबंधी जानकारी प्राप्त हुई.

दो विदेशी खातों से ट्रांसफर होता था पैसा
आकाश भाटिया कार्ल्स से विदेशी कस्टमरों की पाप-अप कॉल मोहिंदर शर्मा के कॉल सेंचर के टोल फ्री नंबर पर भेजने की जानकारी मिली और नितिन शर्मा नाम के व्यक्ति के एकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने की चैट भी मिली. आगे की पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि धोखाधड़ी व जालसाजी करके ऑनलाइन धनराशि विदेशों से मंगाई गई है, जिसे आपस में बांटकर हम लोगों द्वारा ले लिया गया है. जसराज के पास से विभिन्न बैंकों के चैक बुक व एटीएम कार्ड मिले हैं. इन खातों में उसने अपने हिस्से की धनराशि जमा की है. विदेशों से पैसा अपने खाते में मंगाने के लिए टोड. एल थॉमस के खाते व उसके फ्रेंड हर्ष बरार का खाता प्रयोग में लाया जाता था. टोड. एल थॉमस को गेटवे बैंक के द्वारा ब्लॉक कर दिया गया. तब जसराज सिंह ने एक फ्रेंड अर्श बरार जो की कनाडा में रहती है, उसकी कंपनी Kuarky एंटरप्राइजेज लिमिटेड के अकाउंट के माध्यम से Indusind Bank में Fake Invoice Generator कर के पैसे मंगवा लेता था.

14 जुलाई को पकड़ा गया था कॉल सेंटर
काकादेव में चल रहे अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर को बीती 14 जुलाई को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था. मामले में चार अभियुक्त पकड़े गये थे, जिनसे अमेरिका के 12 हजार लोगों से करीब 9 लाख डॉलर का लेनदेन किये जाने का बैंक प्रमाण मिला था. तभी से क्राइम ब्रांच विदेशी पैसा गेटवे द्वारा शहर लाने वाले अभियुक्त की तलाश कर रही थी.

कानपुर: अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर द्वारा अमेरिका के 12 हजार लोगों से ठगी करने वाले गैंग का मुख्य व वांछित अभियुक्त सोमवार देर रात क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गया. पकड़ा गया अभियुक्त विदेशी लोगों के खातों से निकाले गए पैसे को भारत और फिर कानपुर में कॉल सेंटर चलाने वाले मोहिंदर को देता था. अभियुक्त के पास से लैपटॉप, पास बुक, एटीएम आदि ठगी करने के काम आने वाला सामान बरामद हुआ है.

सोमवार रात क्राइम ब्रांच को सूचना मिली की थाना काकादेव में 419/420/467/468/120 BIPC व 66D IT ACT में वांछित व मुख्य अभियुक्त जसराज सिंह शहर में आया हुआ है. कॉल सेंटर पकड़े जाने के बाद वह यहां का माहौल भांपने के लिए सफेद रंग की बीएमडब्लू कार से घूम रहा है. इस पर क्राइम ब्रांच ने जाल बिछाया और गीता नगर से अभियुक्त को दबोच लिया.

दिल्ली का रहने वाला है अभियुक्त
जसराज सिंह मुकेश पुत्र सुरेश सिंह C5A/34 फर्स्ट फ्लोर जनकपुरी थाना जनकपुरी जिला वेस्ट दिल्ली का रहने वाला है. उसने बताया कि वह जे.आर.एस हाट कोचर के नाम से कंपनी खोलकर डिजाइनर कपड़ों का विदेशों से व्यापार करता है. उसकी मुलाकात मोहिंदर शर्मा से हुई, जिससे उसे आकाशमणि त्रिपाठी ने मिलवाया था, जो कि नोएडा में रहता है. मोहिंदर शर्मा के द्वारा बताया गया कि वह लोग फर्जी कॉल सेंटर खोलकर विदेश में सॉफ्टवेयर मेंटेनेंस के नाम पर विदेशों से लोगों के मोबाइल का डाटा चोरी करते हैं. फिर लोगों के एटीएम कार्ड व उनका पिन नंबर व सीवीवी नंबर प्राप्त कर लेते हैं और उनका पैसा मनचाहे खाते में ट्रांसफर करा लेते हैं.

गेटवे का काम करता था जसराज
जसराज ने बताया कि मोहिंदर ने कहा था कि हमें वह पैसा अपने पास लाने के लिए ऑनलाइन एक गेटवे की आवश्यकता है. जिस पर जसराज ने लालच में आकर टोड. एल थॉमस के जरिये mipldigitalonline.com गेटवे से पैसे मंगाने की व्यवस्था की. इसके बाद डेबिट कार्ड के जरिये वह बैंक ऑफ अमेरिका के डेबिट कार्ड से पैसा निकाल कर मोहिंदर शर्मा को देता था, जो टीम के अन्य सदस्य जिकरुल्लाह, संजीव गुप्ता और सूरज सुमन को उनके हिस्से की धनराशि देता था. जसराज ने बताया कि वह अपना हिस्सा पहले ही पैसा निकालते समय ले लेता था. उसके पास से बरामद हुए एटीएम कार्डों में बैंक ऑफ अमेरिका का भी एटीएम कार्ड है, जिससे वह अमेरिका से जालसाजी करके मंगाए गए पैसों को निकाल कर अपना हिस्सा लेने के बाद टीम के अन्य सदस्यों को देने के लिए मोहिंदर शर्मा को दे देता था.

वाट्सऐप और लैपटॉप में मिला डेटा
जसराज ने पूछताछ में बताया कि मोहिंद्र शर्मा और अन्य अभियुक्तगणों के द्वारा विदेश में जालसाजी, धोखाधड़ी कर प्राप्त किए गए पैसों को लेने के लालच में पड़कर वह इनका साथ दे रहा था. जालसाजी का कई लाख रुपया विदेश से आया हुआ. उसने बैंक ऑफ अमेरिका के डेबिट कार्ड के जरिये इन रुपयों को निकाला था. साथ ही मोहिंदर शर्मा के जरिये टीम में वितरित कराया किया था और अपना हिस्सा भी लिया था. अभियुक्त के पास से बरामद मोबाइल फोन के वाट्सऐप की चैटिंग को चेक किया गया तो इसके द्वारा मोहिंदर शर्मा आदि से धनराशि के लेनदेन को लेकर वार्ता की गई है. लैपटॉप में मुकदमे से संबंधित किए गए अपराध के बाबत डाटा पाया गया, जिसमें विदेशी कस्टमर की प्राइवेट जानकारी मिली. मोबाइल से अर्श बरार व सूरज सुमन से, आकाश भाटिया कार्ल्स नाम एक ग्रुप पर और आकाश गुप्ता से दोनों लैपटॉप की डाउनलोड लिस्ट में खाते से पैसे के ट्रांसफर व नकद निकासी से संबंधी जानकारी प्राप्त हुई.

दो विदेशी खातों से ट्रांसफर होता था पैसा
आकाश भाटिया कार्ल्स से विदेशी कस्टमरों की पाप-अप कॉल मोहिंदर शर्मा के कॉल सेंचर के टोल फ्री नंबर पर भेजने की जानकारी मिली और नितिन शर्मा नाम के व्यक्ति के एकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने की चैट भी मिली. आगे की पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि धोखाधड़ी व जालसाजी करके ऑनलाइन धनराशि विदेशों से मंगाई गई है, जिसे आपस में बांटकर हम लोगों द्वारा ले लिया गया है. जसराज के पास से विभिन्न बैंकों के चैक बुक व एटीएम कार्ड मिले हैं. इन खातों में उसने अपने हिस्से की धनराशि जमा की है. विदेशों से पैसा अपने खाते में मंगाने के लिए टोड. एल थॉमस के खाते व उसके फ्रेंड हर्ष बरार का खाता प्रयोग में लाया जाता था. टोड. एल थॉमस को गेटवे बैंक के द्वारा ब्लॉक कर दिया गया. तब जसराज सिंह ने एक फ्रेंड अर्श बरार जो की कनाडा में रहती है, उसकी कंपनी Kuarky एंटरप्राइजेज लिमिटेड के अकाउंट के माध्यम से Indusind Bank में Fake Invoice Generator कर के पैसे मंगवा लेता था.

14 जुलाई को पकड़ा गया था कॉल सेंटर
काकादेव में चल रहे अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर को बीती 14 जुलाई को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था. मामले में चार अभियुक्त पकड़े गये थे, जिनसे अमेरिका के 12 हजार लोगों से करीब 9 लाख डॉलर का लेनदेन किये जाने का बैंक प्रमाण मिला था. तभी से क्राइम ब्रांच विदेशी पैसा गेटवे द्वारा शहर लाने वाले अभियुक्त की तलाश कर रही थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.