कानपुर: जिले की बन्द पड़ी लाल इमली मिल के कर्मचारियों का दर्द एक बार फिर से सड़कों पर देखने को मिला. मिल के खुलने का इंतजार कर रहे कर्मचारी अनूप यादव की आंखें हमेशा के लिए बंद हो गई. उनकी मौत की सूचना मिलते ही लाल इमली से जुड़ी कमेटी और यूनियन के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं की भीड़ अनूप यादव के काकादेव स्थित घर जा पहुंची. यहां से यूनियन के नेता अनूप यादव के शव को लाल इमली गेट ले गए. यूनियन के कर्मचारियों ने मृतक की अर्थी को बीच सड़क पर रखते हुए जाम लगा दिया और सरकार से परिवार को मुआवजा देने की मांग की.
पिछले 28 माह से नहीं मिला वेतन
मृतक अनूप यादव लाल इमली में बतौर सेफ्टी अधिकारी के पद पर कार्यरत थे, लेकिन पिछले 28 महीनों से किसी भी प्रकार का कोई वेतन उन्हें नहीं दिया गया था. तभी बीती 3 दिसम्बर की शाम को दिल्ली से आई वर्कलोड बढ़ने की सूचना ने उन्हें हैरान कर दिया. इसका शारीरिक दवाब ऐसा पड़ा कि हार्ट अटैक आने से अनूप यादव की मौत हो गई. वहीं सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा कि अनूप यादव के निधन की खबर को विधानसभा के सदन में रखा जाएगा.
400 से ज्यादा कर्मचारी कर रहे वेतन मिलने का इंतजार
लाल इमली मिल के 400 से ज्यादा कर्मचारी 28 माह से वेतन मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मिल प्रबंधन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. मिल प्रबंधन के लोग वार्ता के लिए भी आगे नहीं आ रहे हैं. इसलिए कर्मचारियों को अनूप के शव को लाल इमली चौराहे पर लाकर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा.