कानपुर : कहा जाता है, शौक बड़ी चीज है. शौक को पूरा करने के लिए इंसान किसी भी हद तक गुजर जाता है. फिर चाहे बात महंगी गाड़ियों को खरदीने की हो या फिर गाड़ी की नंबर प्लेट पर दिखने वाले वीवीआइपी(VVIP) नंबरों की. इस प्रकार के शौकीनों की दुनियां भर में कमी नहीं है.
कानपुर के आरटीओ विभाग में भी शौक पूरा करने वालों की भीड़ लगी है. शौकीन लोग लाखों रुपये के नंबर लेने के लिए बोली लगा रहे हैं और फैंसी नंबर आवंटित करने के एवज में विभाग को हर साल करोड़ों रुपये की कमाई हो रही है. एआरटीओ प्रशासन सुधीर वर्मा ने बताया कि कुछ वीवीआइपी(VVIP) नंबर की कैटेगरी है. जिनमें 0001 से लेकर 0009, 0786, 1111, 2222, 3333, 4444, 5555, 6666, 7777, 8888, 9999 नंबरों की श्रंखला है. इन नंबरों के लिए चौपहिया वाहन पर फीस एक लाख रुपये है. हालांकि, नंबर लेने के लिए बोली लगती है. वहीं, दोपहिया वाहनों पर इन नंबरों के लिए 20 हजार रुपये फीस देनी पड़ती है.
वीवीआइपी नंबरों के लिए डेढ़ साल में छह गुना से अधिक बड़ी फीस: एआरटीओ प्रशासन सुधीर वर्मा ने बताया कि जो वीवीआइपी(VVIP) नंबर हैं, उनके लिए फीस में पिछले डेढ़ साल के अंदर छह गुना से अधिक की वृद्धि हो चुकी है. डेढ़ साल पहले फीस 15 हजार रुपये थी, जो अब बढ़कर एक लाख रुपये हो चुकी है.
आरटीओ को पिछले साल फीस में मिले 2 करोड़ 42 लाख रुपये:
माह | फीस मिली (लाखों रुपये में ) |
अप्रैल 2021 | 16.86 लाख |
मई 2021 | 6.67 लाख |
जून 2021 | 19.17 लाख |
जुलाई 2021 | 22.47 लाख |
अगस्त 2021 | 11.63 लाख |
सितंबर 2021 | 22.69 लाख |
अक्टूबर 2021 | 22.11 लाख |
नवंबर 2021 | 20.78 लाख |
दिसंबर 2021 | 23.15 लाख |
जनवरी 2022 | 27.00 लाख |
फरवरी 2022 | 22.65 लाख |
मार्च 2022 | 26.99 लाख |
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