कानपुर: शहर के साड़ी कारोबारी मनीष कानोडिया के बेटे कुशाग्र का अपहरण करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने दर्शनपुरवा निवासी मुख्य आरोपी प्रभात शुक्ला और उसकी प्रेमिका रचिता वत्स और दोस्त शिवा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. वहीं, तीन दिनों पहले कोर्ट के आदेश पर सभी हत्यारों को जो रिमांड दी गई थी, वह अब खत्म हो गई है. सभी आरोपियों को वापस जेल भेज दिया गया है.
तीन दिनों तक पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों ने सभी आरोपियों से हत्या को लेकर हर छोटी-छोटी गतिविधि पर बात की. आला अफसरों का कहना है कि इस मामले में पुलिस अपनी केस डायरी और चार्जशीट इतनी ठोस तैयार करेगी (साक्ष्यों के आधार पर), जिसके आधार पर मुख्य आरोपी को फांसी की सजा और दो अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई जा सके. इस पूरे मामले पर संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि 10 से 15 दिनों के अंदर पुलिस अपनी ओर से कोर्ट में चार्जशीट सब्मिट कर देगी.
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सभी आरोपियों के मोबाइल जब्त किए गए: पुलिस ने जहां एक ओर मृतक कुशाग्र के परिजनों के बयान दर्ज किए. वहीं, दूसरी ओर सभी आरोपियों के मोबाइल जब्त किए है. जिन-जिन सवालों के जवाब आरोपियों ने दिए, उन्हें विवेचना में शामिल किया गया. पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसरों ने कहा, कि जिस रजिस्टर के पन्ने का प्रयोग फिरौती के लिए हुआ था, वह रजिस्टर, पेन समेत अन्य दस्तावेज को भी जांच के लिए फोरेंसिक टीम के पास भेजा गया है. वहीं, परीक्षण के लिए बिसरा भी भेजा गया है.
फिरौती और मोटी रकम एंठने के लिए हुई हत्या: सभी आरोपियों की तीन दिनों की रिमांड के बाद अब पुलिस ने मान लिया कि कुशाग्र की हत्या फिरौती के लिए हुई थी. साथ ही सभी आरोपी चाहते थे कि उनसे मोटी रकम एंठ ली जाए.