कानपुर : भारतीय स्टार्टअप को बढ़ावा मिल सके, इसके लिए अब आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञों की मदद कोरिया के विशेषज्ञ (Korean experts help IIT Kanpur experts) करेंगे. दक्षिण कोरिया के सियोल में आयोजित तीन दिवसीय स्टार्टअप उत्सव कम यूपी 2022 इवेंट का गुरूवार को समापन हो गया.
इस दौरान आइआइटी कानपुर की ओर से स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) के सीईओ निखिल अग्रवाल और सीईओ कोरिया स्टार्टअप फोरम सुंगजिन चोई ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. दोनों ही देशों के विशेषज्ञों ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी के लिए सहयोग करने की दृष्टि से एशियाई बाजारों के लिए विकास के लिए स्टार्टअप फेस्टिवल एक बेहतर मंच है. वहीं, इस समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में, एसआइआइसी, आइआइटी कानपुर कोरियाई स्टार्टअप्स को, को-इन्क्यूबेशन और प्रौद्योगिकी विनिमय के अवसर प्रदान करेगा. इससे कई तरह के लाभ होंगे. इसके तहत भारतीय घरेलू बाजार कोरियाई स्टार्टअप्स को अपने उत्पादों को लॉन्च करने के लिए अब पूरी तरह से तैयार हो जाएगा. इसी तरह, भारतीय स्टार्टअप्स को भी अभिनव कोरियाई प्रौद्योगिकी समाधानों से लाभ होने और वैश्विक ग्राहकों के लिए विश्व स्तरीय उत्पाद विकसित करने की उम्मीद है. दरअसल, डॉ. निखिल अग्रवाल कमअप इवेंट में ग्लोबल स्टार्टअप इकोसिस्टम की अन्य प्रमुख हस्तियों के साथ एक जूरी चर्चा का हिस्सा थे, जिसमें दुनिया भर से 20,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया था.
प्रोफेसर-इन-चार्ज, इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन, आइआइटी कानपुर प्रो. अंकुश शर्मा ने भी इस एमओयू के तहत होने वाली गतिविधियों को सराहा. उन्होंने कहा, "मैं कोरियाई स्टार्टअप्स के सहयोग से उनके व्यवसाय को 'सॉफ्ट-लॉन्च' करने के लिए गर्मजोशी से सभी का स्वागत करता हूं. मुझे उम्मीद है कि यह समझौता ज्ञापन न केवल हमारे अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करेगा, बल्कि दोनों देशों में स्टार्टअप इकोसिस्टम में भी सकारात्मक रूप से लाभदायक होगा".
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