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'दावत-ए-इस्लामी' पर बड़ा दावा, पाकिस्तानी संगठन के कानपुर से जुड़े हैं तार

राजस्थान के उदयपुर जिले में कन्हैया लाल की गला काटकर हत्या करने वालों के तार पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी से जुड़े पाए गए थे. जिसके बाद दावत-ए-इस्लामी संगठन पर जांच शुरू हुई तो कई जगहों पर इनके ऑफिस पाए गए. सूत्रों की मानें तो कानपुर में दावत-ए-इस्लामी का एक ऑफिस कर्नलगंज में बना हुआ है. बताया जा रहा है कि ये ऑफिस नगर निगम के 2 स्कूलों पर कब्जा कर बनाया गया है.

दावत ए इस्लामी.
दावत ए इस्लामी.
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Published : Jul 8, 2022, 12:44 PM IST

कानपुर: बीते दिनों राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की गला काटकर हत्या करने वालों के तार पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी से जुड़े पाए गए थे. जिसके बाद दावत-ए-इस्लामी संगठन पर जांच शुरू हुई और कई जगहों पर इनके ऑफिस में समाज विरोधी गतिविधियां पाई गई. इसके बाद लगातार इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई जारी है.

कानपुर में दावत-ए-इस्लामी का एक ऑफिस कर्नलगंज में बना हुआ है. बताया जा रहा है कि ये ऑफिस नगर निगम के 2 स्कूलों पर कब्जा कर बनाया गया है. सूत्रों की मानें तो बिल्डरों की सांठगांठ से इस जमीन पर कब्जा किया गया है और नगर निगम द्वारा संचालित स्कूलों पर कब्जा कर यहां पर दावत-ए-इस्लामी के ऑफिस की 5 मंजिला इमारत बना दी गई है. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है और वह इस मामले को लेकर गंभीरता से जांच कर रहे हैं.

दरअसल, 3 जून की घटना के बाद शहर के परेड चौराहा पर हुई हिंसा के बाद से ही दावत-ए-इस्लामी व पीएफआई जैसे संगठनों के नाम पुलिस के सामने आए थे. पुलिस ने जब इस संगठन की गतिविधियों को लेकर पड़ताल की, तो सामने आया की पीएफआई के सदस्य शहर में हुई हिंसा की साजिश में शामिल थे.

पीएफआई के कुछ सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया. हालांकि दावत-ए-इस्लामी को लेकर पुलिस के आला अफसरों का कहना था कि इस संगठन के सदस्य शहर में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन जिस तरह कर्नलगंज में दावत-ए-इस्लामी के संचालन की जानकारी सामने आई है. उससे पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं. अब नगर निगम की जांच में ये बात सामने आएगी कि आखिर उक्त संगठन का संचालन कौन कर रहा था. पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने बताया कि वह अपने स्तर से इस मामले की जांच कराएंगे.

इसे भी पढे़ं- जमीयत ने की उदयपुर कांड की निंदा, ईद के फोटो वायरल न करने की भी की अपील

कानपुर: बीते दिनों राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की गला काटकर हत्या करने वालों के तार पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी से जुड़े पाए गए थे. जिसके बाद दावत-ए-इस्लामी संगठन पर जांच शुरू हुई और कई जगहों पर इनके ऑफिस में समाज विरोधी गतिविधियां पाई गई. इसके बाद लगातार इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई जारी है.

कानपुर में दावत-ए-इस्लामी का एक ऑफिस कर्नलगंज में बना हुआ है. बताया जा रहा है कि ये ऑफिस नगर निगम के 2 स्कूलों पर कब्जा कर बनाया गया है. सूत्रों की मानें तो बिल्डरों की सांठगांठ से इस जमीन पर कब्जा किया गया है और नगर निगम द्वारा संचालित स्कूलों पर कब्जा कर यहां पर दावत-ए-इस्लामी के ऑफिस की 5 मंजिला इमारत बना दी गई है. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है और वह इस मामले को लेकर गंभीरता से जांच कर रहे हैं.

दरअसल, 3 जून की घटना के बाद शहर के परेड चौराहा पर हुई हिंसा के बाद से ही दावत-ए-इस्लामी व पीएफआई जैसे संगठनों के नाम पुलिस के सामने आए थे. पुलिस ने जब इस संगठन की गतिविधियों को लेकर पड़ताल की, तो सामने आया की पीएफआई के सदस्य शहर में हुई हिंसा की साजिश में शामिल थे.

पीएफआई के कुछ सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया. हालांकि दावत-ए-इस्लामी को लेकर पुलिस के आला अफसरों का कहना था कि इस संगठन के सदस्य शहर में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन जिस तरह कर्नलगंज में दावत-ए-इस्लामी के संचालन की जानकारी सामने आई है. उससे पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं. अब नगर निगम की जांच में ये बात सामने आएगी कि आखिर उक्त संगठन का संचालन कौन कर रहा था. पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने बताया कि वह अपने स्तर से इस मामले की जांच कराएंगे.

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