कानपुर: शहर में मेट्रो लाइन के दोनों ओर जिन लोगों के आवास हैं, अब उन्हें केडीए की ओर से अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (अतिरिक्त जगह) दिया जाएगा. केडीए की 139वीं बोर्ड बैठक में इस अहम प्रस्ताव पर सभी सदस्यों ने अंतिम रुप से मुहर लगा दी. लोग अपनी अतिरिक्त जमीन को बेच भी सकेंगे. यानी अब केडीए की ओर से ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट नीति को क्रियान्वित किया जाएगा. यही नहीं, उप्र डाटा सेंटर नीति के तहत शहर में 40 मेगावाट का डाटा सेंटर पार्क बनेगा. इसके अलावा कानपुर की सीमा में आसपास के शहरों के 84 गांवों को शामिल किया गया है. जिसमें आने वाले समय में आवासीय योजनाओं को लाने के साथ ही औद्योगिक इकाइयों को बसाया जाएगा. मंगलवार को बोर्ड बैठक के बाद यह जानकारी केडीए वीसी विशाख जी और सचिव शत्रोहन वैश्य ने संयुक्त रूप से दी.
15 दिन के अंदर मानचित्र प्रस्तुत करना होगा : केडीए सचिव शत्रोहन वैश्य ने बताया कि अगर कोई आवेदक अब मानचित्र प्रस्तुत कर रहा है तो उसे इस बात का ध्यान रखना होगा कि मानचित्र स्वीकृत किए जाने के संबंध में लगाए गए शॉट-फॉल को 15 दिनों के अंदर ठीक कर संशोधित मानचित्र प्रस्तुत करे. मानचित्र स्वीकृति के बाद और डिमांड शुल्क जारी करने के बाद 30 दिनों में आवेक द्वारा शुल्क जमा न करने पर मानचित्र स्वत: निरस्त हो जाएगा. वहीं, अगर आवेदक द्वारा निरस्तीकरण की तिथि से 3 माह की अवधि के अंदर आवेदन किया जाता है तो आवेदन पुर्नजीवित हो जाएगा.
रिंग रोड के चारों ओर केडीए कराएगा विकास कार्य : रिंग रोड मामले को लेकर केडीए वीसी विशाख जी ने बताया कि केडीए की ओर से रिंग रोड के चारों ओर विकास कार्य कराया जाएगा. हमने इसके लिए जो प्लान बनाया है, उसके तहत जो उद्यमी हैं, उनको जमीन देकर औद्योगिक इकाइयों का संचालन, लॉजिस्टिक हब या वेयर हाउस की स्थापना समेत कई अन्य कार्य कराए जाएंगे. जिससे उद्यमिता को बढ़ावा मिले और आमजन को रोजगार.