वाराणसी: महादेव की नगरी काशी में करवा चौथ का व्रत बड़े ही धूमधाम के साथ बनाए जाने की तैयारी चल रही है. कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ या करत चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. पति की लंबी उम्र की कामना के लिए यह व्रत महिलाएं रखती हैं. रात में चांद के निकलने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं. इन नियमों के पालन से ही लाभ की प्राप्ति होती है.
ज्योतिषाचार्य और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष पंडित विनय पांडेय के मुताबिक 31 अक्टूबर की रात्रि 11 बजे चतुर्थी तिथि लगेगी, जो अगले दिन यानी 1 नवंबर की रात्रि 10 बजकर 59 तक मान्य रहेगी. इस दौरान ही महिलाओं को करवा चौथ का पूजन और चंद्रमा को अर्क देना होगा. चंद्र उदय रात्रि 8 बजे से 8 बजकर 20 के बीच में होगी.
राशि के अनुसार करें परिधान धारण
करवा चौथ के पर्व को और अधिक खुशनुमा बनाने के लिए राशियों के रंग के मुताबिक महिलाएं परिधान धारण करें तो सौभाग्य में वृद्धि तो होगी ही साथ ही उनको अन्य लाभ भी मिलेगा. सामान्यतः सुनहरा, पीला और लाल रंग के परिधान धारण करना शुभ माना गया है. लाल रंग से ऊष्मा और ऊर्जा का संचार होता है. वहीं पर सुनहरे और पीले रंगों से जीवन में प्रसन्नता मिलती है. आजकल राशि के अनुसार आभूषण और परिधान धारण करने का प्रचलन बढ़ रहा है.
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