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कानपुर हिंसा मामला: एसआईटी की जांच में निर्दोष मिले शानू और शारिक, जेल से रिहा

कानपुर हिंसा मामले (Kanpur violence case) में एसआईटी की जांच में 6 लोग निर्दोष पाए गए हैं. इनमें से दो लोग रिहा कर दिए गए हैं. जेल प्रशासन की तरफ से चार अन्य को भी जल्द रिहा करने की तैयारी है.

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कानपुर जिला कारागार
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Published : Aug 4, 2022, 2:14 PM IST

Updated : Aug 4, 2022, 3:03 PM IST

कानपुर: कानपुर हिंसा (Kanpur violence case) में निर्दोष पाए गए परेड निवासी शानू लफ्फाज और शारिक को बुधवार को रिहा कर दिया गया. जिला कारागार से जब वो बाहर आए तो उनके चेहरों पर मुस्कान थी. पुलिस के मुताबिक 3 जून को हुई कानपुर हिंसा की जांच में 4 अन्य लोग निर्दोष पाए गए हैं, जिन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा.

दरअसल, 3 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर के परेड चौराहे पर हिंसा हुई थी. इस मामले में पुलिस ने पहले ही चरण में एक साथ 36 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद पुलिस के पास कुल 58 आरोपियों की रिपोर्ट तैयार हुई. हिंसा के बाद पुलिस आयुक्त ने एक एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) का गठन किया था, जो मामले की जांच कर रही थी.

इसके बाद एसआइटी की जांच में 6 लोग पूरी तरह से निर्दोष मिले. इनमें शानू और शारिक के अलावा 4 अन्य लोग भी शामिल हैं. एसआइटी को इनके खिलाफ हिंसा में संलिप्तता को लेकर कोई प्रमाण नहीं मिले, जिसके बाद आलाधिकारियों ने सभी को जेल से रिहा करने का फैसला किया. संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि शानू लफ्फाज और शारिक को रिहा कर दिया गया है. जल्द ही चार अन्य लोगों को रिहा कर दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें- कानपुर हिंसा: केस नंबर 42 में पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट, इन धाराओं में होगी कार्रवाई

मुस्लिम संगठनों और सपा विधायकों ने की थी पैरवी: 3 जून को हिंसा के बाद सपा विधायक इरफान सोलंकी, मो.हसन रूमी, अमिताभ बाजपेई समेत कई मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारियों ने इस मामले में पैरवी की थी. उन्होंने पुलिस आयुक्त और अन्य अधीनस्थ पुलिस अफसरों से हिंसा में निर्दोष लोगों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई न किए जाने की मांग की थी.

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कानपुर: कानपुर हिंसा (Kanpur violence case) में निर्दोष पाए गए परेड निवासी शानू लफ्फाज और शारिक को बुधवार को रिहा कर दिया गया. जिला कारागार से जब वो बाहर आए तो उनके चेहरों पर मुस्कान थी. पुलिस के मुताबिक 3 जून को हुई कानपुर हिंसा की जांच में 4 अन्य लोग निर्दोष पाए गए हैं, जिन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा.

दरअसल, 3 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर के परेड चौराहे पर हिंसा हुई थी. इस मामले में पुलिस ने पहले ही चरण में एक साथ 36 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद पुलिस के पास कुल 58 आरोपियों की रिपोर्ट तैयार हुई. हिंसा के बाद पुलिस आयुक्त ने एक एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) का गठन किया था, जो मामले की जांच कर रही थी.

इसके बाद एसआइटी की जांच में 6 लोग पूरी तरह से निर्दोष मिले. इनमें शानू और शारिक के अलावा 4 अन्य लोग भी शामिल हैं. एसआइटी को इनके खिलाफ हिंसा में संलिप्तता को लेकर कोई प्रमाण नहीं मिले, जिसके बाद आलाधिकारियों ने सभी को जेल से रिहा करने का फैसला किया. संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि शानू लफ्फाज और शारिक को रिहा कर दिया गया है. जल्द ही चार अन्य लोगों को रिहा कर दिया जाएगा.

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मुस्लिम संगठनों और सपा विधायकों ने की थी पैरवी: 3 जून को हिंसा के बाद सपा विधायक इरफान सोलंकी, मो.हसन रूमी, अमिताभ बाजपेई समेत कई मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारियों ने इस मामले में पैरवी की थी. उन्होंने पुलिस आयुक्त और अन्य अधीनस्थ पुलिस अफसरों से हिंसा में निर्दोष लोगों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई न किए जाने की मांग की थी.

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Last Updated : Aug 4, 2022, 3:03 PM IST
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