कानपुरः भले ही केस्को के अफसर ये दावा करते हों कि शहरों में निर्बाध रूप से बिजली की सप्लाई 20 घंटे से अधिक हो रही है. लेकिन असली हकीकत इसके विपरीत है. दिन हो या रात जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे जमकर बिजली कटौती हो रही है. शहर का आलम ये है कि केस्को के पास एक साल में 18 हजार से अधिक शिकायतें केस्को के हेल्पलाइन नंबर-1912 पर दर्ज की गई है.
वहीं अब कुछ ही दिनों में आंधी-बारिश का दौर शुरू हो जायेगा और फिर लाखों लोगों को बिजली संकट से जूझने के लिए तैयार रहना होगा. गौर करने वाली बात ये भी है कि ऐसी स्थिति तब है जब विभागीय अफसर दिन-रात मेहनत करके सिस्टम को मजबूत करने की दिशा में काम करते हैं. इन कार्यों पर करोड़ों रुपये बजट के तौर पर खर्च होते हैं. लेकिन अफसरों से जब पूछा जाता है कि आखिर इतनी बिजली कटौती क्यों होती है, तो उनका रटा-रटाया जवाब होता है फाल्ट को हम रोक नहीं सकते. इसके अलावा कभी फीडर में खराबी, कभी ट्रांसफॉर्मर में आग, कभी फेस की समस्या जैसे सेकड़ों वजह हैं.
एक साल में सप्लाई से जुड़ी 13367 शिकायतें दर्जः केस्को कार्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2021 से लेकर मार्च 2022 तक सप्लाई से जुड़ीं 13367 शिकायतें दर्ज की गईं. इसी तरह बिल से संबंधित 5188 शिकायतें सामने आईं. वहीं, एक मई से लेकर 16 मई तक केस्को कार्यालय से सप्लाई फेल से संबंधित 109 शिकायतों को दर्ज कराया गया. लोगों का कहना है कि जब वह सबस्टेशन पर कॉल करते हैं तो घंटों कॉल रिसीव नहीं होती.
आंधी-बारिश के दौरान लाइट न जाए, इसके लिए पेड़ों की छंटाई, ओवरलोडिंग समेत जो अन्य जरूरी काम थे, उन्हें पूरा कर लिया गया है. हमारी सारी तैयारियां हैं. बहुत मुश्किल हालात होंगे तो ही बिजली कटौती होगी. इसके अलावा पूरी कोशिश होगी कि अधिक से अधिक बिजली की आपूर्ति जनता तक पहुंचे.