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कानपुर की हवा हुई जहरीली, पटाखों ने किया महानगर की आबोहवा को प्रदूषित

उत्तर प्रदेश के कानपुर में सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा रिकॉर्ड की गई. रविवार को रात 11 बजे कानपुर का प्रदूषण स्तर 600 एक्यूआई दर्ज किया गया. दीपावली के बाद जिले में प्रदूषण के स्तर में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गई.

जहरीली हुई हवा
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Published : Oct 29, 2019, 6:59 AM IST

कानपुर : जनपद में दीवाली पर बिके 165 करोड़ के पटाखों ने शहर की आबोहवा को प्रदूषित कर दिया है. पर्यावरण में इतना जहर घुल गया कि शहर का एक्यूआई 6 से 10 गुना अधिक हो गई. रात ग्यारह बजे से लेकर सुबह तक वायुमंडल में दूषित गैसों की धुंध सी छा गई. दीपावली से पहले कानपुर के प्रदूषण स्तर में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

कानपुर की हवा हुई जहरीली.

धुआं-धुआं हुआ शहर
हल्की ठंड के बीच आतिशबाजी और पटाखों ने फिजा का रंग काला कर दिया. हवा में हानिकारक गैसों की मात्रा मानक से कई गुना अधिक हो गई है. रविवार को दीपावाली पर फोड़े गए पटाखों की वजह से जनपद का माहौल दूषित हो गया है. कानपुर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत प्रमुख सड़कों पर लगे प्रदूषण मापक यंत्रो में हवा की खतरनाक स्थिति दिखाई दी. केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड द्धारा (सीपीसीबी) मॉनिटरिंग डाटा जारी हुआ, जिसमे एयर क्वालिटी इंडेक्स 600 एक्यूआई तक पहुंच गया है.

महानगर के लोगों का मानना है कि केवल पटाखों पर रोक लगाने से वायू प्रदूषण कंट्रोल नहीं किया जा सकता है. नगर निगम समेत आम नागरिकों को भी इसमें अपना सहयोग देने की जरुरत है.

कानपुर : जनपद में दीवाली पर बिके 165 करोड़ के पटाखों ने शहर की आबोहवा को प्रदूषित कर दिया है. पर्यावरण में इतना जहर घुल गया कि शहर का एक्यूआई 6 से 10 गुना अधिक हो गई. रात ग्यारह बजे से लेकर सुबह तक वायुमंडल में दूषित गैसों की धुंध सी छा गई. दीपावली से पहले कानपुर के प्रदूषण स्तर में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

कानपुर की हवा हुई जहरीली.

धुआं-धुआं हुआ शहर
हल्की ठंड के बीच आतिशबाजी और पटाखों ने फिजा का रंग काला कर दिया. हवा में हानिकारक गैसों की मात्रा मानक से कई गुना अधिक हो गई है. रविवार को दीपावाली पर फोड़े गए पटाखों की वजह से जनपद का माहौल दूषित हो गया है. कानपुर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत प्रमुख सड़कों पर लगे प्रदूषण मापक यंत्रो में हवा की खतरनाक स्थिति दिखाई दी. केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड द्धारा (सीपीसीबी) मॉनिटरिंग डाटा जारी हुआ, जिसमे एयर क्वालिटी इंडेक्स 600 एक्यूआई तक पहुंच गया है.

महानगर के लोगों का मानना है कि केवल पटाखों पर रोक लगाने से वायू प्रदूषण कंट्रोल नहीं किया जा सकता है. नगर निगम समेत आम नागरिकों को भी इसमें अपना सहयोग देने की जरुरत है.

Intro:कानपुर :- पटाकों ने किया महानगर की हाबो हवा को प्रदूषित ।

कानपुर में दीवाली पर बिके 165 करोड़ के पटाखो ने शहर की आबो-हवा को प्रदूषित कर दिया है | आबो-हवा में इतना ज़हर घुल गया कि शहर का एक्यूआई 6 से 10 गुना अधिक हो गया | रात ग्यारह बजे से लेकर सुबह तक वायुमंडल में दूषित गैसो की धुंध सी छा गई,जिससे सड़को पर गुबार सा नजर आने लगा | 




Body:हल्की ठंड के बीच आतिशबाजी और पटाखो ने "फिजा का रंग काला"कर दिया | हवा में हानिकारक गैसों की मात्रा मानक से कई गुणा अधिक हो गई | रविवार को दीवाली पर फोड़े गए पटाखो की वजह से कानपुर की आबो-हवा ज़हरीली हो गई | रात 11 बजे ले बाद वायुमंडल दूषित गैसों की धुंध सी छा गई और सुबह तक सड़को पर गुबार नजर आता रहा | कानपुर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत प्रमुख सड़को पर लगे प्रदुषण मापक यंत्रो ने हवा की खतरनाक स्थिति दिखाई दी | केंद्रीय प्रदुषण बोर्ड द्धारा लगाए गए (सीपीसीबी) मॉनिटरिंग डाटा जारी हुआ जिसमे एयर क्वालिटी इंडेक्स 600 तक पहुंच गया है | 

कानपुर के आम नागरिको का मानना है कि केवल पटाखो पर रोक लगाने से वायू प्रदुषण कंट्रोल नहीं किया जा सकता | नगर निगम समेत आम नागरिको को भी इसमें अपना सहयोग देने की जरुरत है | 




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