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बिकरू कांड: कानपुर पुलिस ने 36 आरोपियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

यूपी के कानपुर के बिकरू कांड में पुलिस ने 36 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में दाखिल चार्जशीट की है. इस कांड में कानपुर पुलिस के आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी.

बिकरु कांड में 36 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल.
बिकरु कांड में 36 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल.
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Published : Oct 1, 2020, 6:55 PM IST

Updated : Oct 1, 2020, 9:06 PM IST

कानपुर: यूपी के कानपुर में 2 जुलाई को हुए बहुचर्चित बिकरू कांड में पुलिस ने 36 आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट की है. इसकी जानकारी एसपी ग्रामीण ब्रजेश श्रीवास्तव ने दी है. बता दें कि 2 जुलाई 2020 को कानपुर पुलिस कुख्यात बदमाश विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए दबिश देने गई थी. इस दौरान पुलिस और बदमाशों में हुई मुठभेड़ में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए थे.

जानकारी देते एसपी ग्रामीण ब्रजेश श्रीवास्तव.

इस मामले के बाद हरकत में आई यूपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरु किया. इस मामले के मुख्य आरोपी विकास दुबे को एसपी पुलिस ने एमपी उज्जैन के महाकालेश्वर से गिरफ्तार किया था. इसके बाद आरोपी को यूपी पुलिस को सौंप दिया गया था. पुलिस आरोपी को कानपुर ला रही थी, लेकिन कानपुर से कुछ पहले पुलिस एनकाउंटर में विकास दुबे की मौत हो गई. इसके बाद पुलिस ने मामले के ज्यादातर आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया.

1600 पन्नों की चार्जशीट की दाखिल
कानपुर पुलिस ने अब इस मामले में 36 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश दाखिल की है. पुलिस ने तत्कालीन एसओ रहे विनय तिवारी और बीट इंचार्ज दरोगा के. के. शर्मा के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया है. बिकरू कांड की चार्जशीट में केस डायरी और साक्ष्य को मिलाकर 1600 पन्ने का आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया गया. साथ ही इस केस के इनवेस्टिगेशन ऑफिस ने सोशल मीडिया पर वॉयरल हुई ऑडियो और फोटो को भी परीक्षण के बाद सलंग्न किया है.

एसपी ग्रामीण ब्रजेश श्रीवास्तव ने बताया सभी 36 आरोपियों को कठोर सजा दिलवाने के लिए पुलिस ने हर पहलू को विवेचना में शामिल किया है. इसमें सीडीआर, साइंटिफिक एविडेंस के साथ हर तरह के साक्ष्य में पुलिस ने अपने आरोप पत्र में शामिल किया है. इसको समय से पहले विवेचक ने चार्टशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है. हालांकि पुलिस के पास 6 अक्टूबर तक चार्जशीट दाखिल करने का पुलिस के पास समय था.

पुलिस के आरोपपत्र यानी चार्जशीट में खाकी के दामन पर लगे दाग पर मुहर लग गई है. पुलिस ने सीडीआर रिपोर्ट के आधार पर पाया कि विनय तिवारी ने दबिश की सूचना दरोगा के. के. शर्मा से विकास दुबे तक पहुंचाई थी. बिकरु कांड के समय थाना चौबेपुर के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और बीट दरोगा के. के. शर्मा पर कुख्यात विकास दुबे को न सिर्फ संरक्षण देने के आरोप तय हुए हैं. बल्कि बिकरु कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे के अपराधों पर लगातार पर्दा डालने के भी आरोप लगे हैं.

इसी के चलते विकास दुबे का नाम टॉप 10 अपराधियों की सूची से गायब था. दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ विवेचक ने पर्याप्त साक्ष्य जुटाए हैं. इतना ही नहीं तत्कालीन थानेदार विनय तिवारी को कुख्यात विकास दुबे के आपराधिक गतिविधियों और गैंग की पूरी जानकारी थी. इसकों छिपाकर एक ओर वो विकास दुबे की मदद कर रहा था. यदि वह आलाधिकारियों को समय रहते अवगत करवा देता तो 2 जुलाई की रात दबिश के दौरान मारे गए 8 पुलिस कर्मियों की जान बचाई जा सकती थी.

बता दें कि उस रात विकास और उसके गुर्गों ने सुनियोजित ढंग से ताबड़तोड़ फायरिंग कर डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्याकांड को अंजाम दिया था. इसमें 6 अन्य पुलिसकर्मी घायल भी हो गए थे. जबकि दबिश के दौरान फायरिंग के वक्त थाना चौबेपुर के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी दौरान सबसे पीछे चल रही थे जिनको पता था विकास दुबे के खतरनाक मंसूबो के बारे में पहले से ही पता था.

एसपी ने दर्ज किए आरोपियों के बयान
एसपी ग्रामीण ने दोनों पुलिसकर्मियों के बयान जेल में जाकर दर्ज किए थे. पुलिस की विवेचना के दौरान कुल 44 आरोपितों को चिन्हित किया गया था. इसमें से 36 आरोपी जेल में है जबकि विकास दुबे समेत 6 आरोपी एनकाउंटर में मार गिराए गए है. सभी 36 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने पुख्ता सबूत जुटा कर चार्जशीट दाखिल की है.

152 गवाहों के बयान किए दर्ज
1600 से 1700 पन्नों की चार्जशीट में पुलिस ने 152 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं. पुलिस अब तक अपनी चार्जशीट में चश्मदीद पुलिसकर्मियों समेत 152 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है. इन पुलिस टीम ने की विवेचना पुलिस ने बिकरू कांड की चार्जशीट में कही कोई खामी न रह जाए, इसके लिए बाकायदा 5 थानेदारों को लगाया गया है. इसमें मुख्य विवेचक की भूमिका निभाने वाले थाना रेलबाजार प्रभारी दधिबल तिवारी ने गुरुवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की.

कानपुर: यूपी के कानपुर में 2 जुलाई को हुए बहुचर्चित बिकरू कांड में पुलिस ने 36 आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट की है. इसकी जानकारी एसपी ग्रामीण ब्रजेश श्रीवास्तव ने दी है. बता दें कि 2 जुलाई 2020 को कानपुर पुलिस कुख्यात बदमाश विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए दबिश देने गई थी. इस दौरान पुलिस और बदमाशों में हुई मुठभेड़ में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए थे.

जानकारी देते एसपी ग्रामीण ब्रजेश श्रीवास्तव.

इस मामले के बाद हरकत में आई यूपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरु किया. इस मामले के मुख्य आरोपी विकास दुबे को एसपी पुलिस ने एमपी उज्जैन के महाकालेश्वर से गिरफ्तार किया था. इसके बाद आरोपी को यूपी पुलिस को सौंप दिया गया था. पुलिस आरोपी को कानपुर ला रही थी, लेकिन कानपुर से कुछ पहले पुलिस एनकाउंटर में विकास दुबे की मौत हो गई. इसके बाद पुलिस ने मामले के ज्यादातर आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया.

1600 पन्नों की चार्जशीट की दाखिल
कानपुर पुलिस ने अब इस मामले में 36 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश दाखिल की है. पुलिस ने तत्कालीन एसओ रहे विनय तिवारी और बीट इंचार्ज दरोगा के. के. शर्मा के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया है. बिकरू कांड की चार्जशीट में केस डायरी और साक्ष्य को मिलाकर 1600 पन्ने का आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया गया. साथ ही इस केस के इनवेस्टिगेशन ऑफिस ने सोशल मीडिया पर वॉयरल हुई ऑडियो और फोटो को भी परीक्षण के बाद सलंग्न किया है.

एसपी ग्रामीण ब्रजेश श्रीवास्तव ने बताया सभी 36 आरोपियों को कठोर सजा दिलवाने के लिए पुलिस ने हर पहलू को विवेचना में शामिल किया है. इसमें सीडीआर, साइंटिफिक एविडेंस के साथ हर तरह के साक्ष्य में पुलिस ने अपने आरोप पत्र में शामिल किया है. इसको समय से पहले विवेचक ने चार्टशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है. हालांकि पुलिस के पास 6 अक्टूबर तक चार्जशीट दाखिल करने का पुलिस के पास समय था.

पुलिस के आरोपपत्र यानी चार्जशीट में खाकी के दामन पर लगे दाग पर मुहर लग गई है. पुलिस ने सीडीआर रिपोर्ट के आधार पर पाया कि विनय तिवारी ने दबिश की सूचना दरोगा के. के. शर्मा से विकास दुबे तक पहुंचाई थी. बिकरु कांड के समय थाना चौबेपुर के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और बीट दरोगा के. के. शर्मा पर कुख्यात विकास दुबे को न सिर्फ संरक्षण देने के आरोप तय हुए हैं. बल्कि बिकरु कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे के अपराधों पर लगातार पर्दा डालने के भी आरोप लगे हैं.

इसी के चलते विकास दुबे का नाम टॉप 10 अपराधियों की सूची से गायब था. दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ विवेचक ने पर्याप्त साक्ष्य जुटाए हैं. इतना ही नहीं तत्कालीन थानेदार विनय तिवारी को कुख्यात विकास दुबे के आपराधिक गतिविधियों और गैंग की पूरी जानकारी थी. इसकों छिपाकर एक ओर वो विकास दुबे की मदद कर रहा था. यदि वह आलाधिकारियों को समय रहते अवगत करवा देता तो 2 जुलाई की रात दबिश के दौरान मारे गए 8 पुलिस कर्मियों की जान बचाई जा सकती थी.

बता दें कि उस रात विकास और उसके गुर्गों ने सुनियोजित ढंग से ताबड़तोड़ फायरिंग कर डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्याकांड को अंजाम दिया था. इसमें 6 अन्य पुलिसकर्मी घायल भी हो गए थे. जबकि दबिश के दौरान फायरिंग के वक्त थाना चौबेपुर के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी दौरान सबसे पीछे चल रही थे जिनको पता था विकास दुबे के खतरनाक मंसूबो के बारे में पहले से ही पता था.

एसपी ने दर्ज किए आरोपियों के बयान
एसपी ग्रामीण ने दोनों पुलिसकर्मियों के बयान जेल में जाकर दर्ज किए थे. पुलिस की विवेचना के दौरान कुल 44 आरोपितों को चिन्हित किया गया था. इसमें से 36 आरोपी जेल में है जबकि विकास दुबे समेत 6 आरोपी एनकाउंटर में मार गिराए गए है. सभी 36 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने पुख्ता सबूत जुटा कर चार्जशीट दाखिल की है.

152 गवाहों के बयान किए दर्ज
1600 से 1700 पन्नों की चार्जशीट में पुलिस ने 152 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं. पुलिस अब तक अपनी चार्जशीट में चश्मदीद पुलिसकर्मियों समेत 152 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है. इन पुलिस टीम ने की विवेचना पुलिस ने बिकरू कांड की चार्जशीट में कही कोई खामी न रह जाए, इसके लिए बाकायदा 5 थानेदारों को लगाया गया है. इसमें मुख्य विवेचक की भूमिका निभाने वाले थाना रेलबाजार प्रभारी दधिबल तिवारी ने गुरुवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की.

Last Updated : Oct 1, 2020, 9:06 PM IST
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