कानपुर : इंश्योरेंस का प्रीमियम जमा करने के नाम पर साइबर फ्रॉड करने वाले गैंग का क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक यह गैंग चंदौसी और दिल्ली में अपना कॉल सेंटर चलाकर लोगों के साथ फ्रॉड कर रहा था. अब तक गैंग ने करीब 3 करोड़ की साइबर ठगी को अंजाम दिया है. क्राइम ब्रांच की टीम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से काफी संख्या में लोगों का डाटा और ठगी करने में इस्तेमाल किये गये 19 मोबाइल फोन और एक लैपटॉप भी बरामद किया गया है.
थाना कल्याणपुर इलाके में रहने वाले शत्रुघ्न महतो वाटर सप्लाई और कैटरिंग का काम करते हैं. महतो ने 2019 में एक लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से पॉलिसी ली थी. 14 सितंबर को उनके पास इंश्योरेंस का प्रीमियम भरने के लिये कॉल सेंटर से फोन आया. फोन करने वाले ने प्रीमियम जमा करने पर 10 प्रतिशत छूट दिलाने का झांसा दिया. साइबर ठग के झांसे में आये शत्रुघ्न महतो ने किश्त के 47,950 रुपये ऑनलाइन जमा कर दिये. शत्रुघ्न महतो ने रसीद की मांग तो फोन कर झांसा देने वाले साइबर फ्रॉड ने कुछ और पैसों की मांग की. इसके बाद शत्रुघ्न महतो को अपने साथ ठगी का अहसास हुआ. उन्होंने कल्याणपुर थाने में जाकर इस बारे में शिकायत की.
साइबर ठगी के बारे में शिकायत मिलते ही क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू कर दी. जांच के दौरान सामने आया कि यह गैंग चंदौसी से संचालित हो रहा है. जांच टीम ने आरोपी अतुल कुमार को संभल जिले के चंदौसी थाना इलाके से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक अतुल गरीब लोगों को लालच देकर उनका अकाउंट नंबर और एटीएम नंबर ले लेता था. इसके बदले में उन्हें कुछ पैसे भी देता था. पूछताछ के दौरान अतुल ने दर्शन का नाम बताया. बदायूं जिले का रहने वाला दर्शन अपने ही घर से कॉल सेंटर का संचालन कर रहा था.
दिल्ली के रहने वाले रघुवीर से दर्शन ने संपर्क साधा. रघुवीर दिल्ली में एक कॉल सेंटर चलाता है. दर्शन ने रघुवीर को कुछ पैसे देकर कई इंश्योरेंस कंपनियों के पॉलिसीधारकों का डाटा हासिल कर लिया था. क्राइम ब्रांच की टीम ने साइबर ठगी के मामले में तीनों को गिरफ्तार कर लिया है. अभी एक और आरोपी की तलाश में टीम छापेमारी कर रही है, जिसके खाते में पैसे ट्रांसफर किये गये थे.
साइबर फ्रॉड का यह गैंग पब्लिसिटी वेबसाइट से भी लोगों का डाटा चुरा लिया करता था. आरोपियों के पास से 19 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, अलग-अलग बैंकों के 28 एटीएम कार्ड और करीब एक हजार लोगों का डाटा भी बरामद हुआ है.
आरोपी कॉल सेंटर से उन लोगों को फोन किया करते थे, जिनका डाटा इनके पास मौजूद होता था. फोन करके लोगों को प्रीमियम का भुगतान करने में दस फीसदी छूट देने, कम ब्याज पर लोन दिलाने का झांसा दिया करते थे. इनके झांसे में आने वाले लोग साइबर ठगी का शिकार हो जाते थे. पुलिस के मुताबिक करीब 1000 से अधिक लोगों को यह गैंग अपना शिकार बना चुका है.
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