कानपुर : शहर में करीब 112 करोड़ रुपये की लागत से जैसे-तैसे बनकर तैयार हुए एमएसएमई टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर में अब नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा की बात सामने आ गई है. अभ्यर्थियों ने जहां एक ओर नियुक्तियों में खेल को लेकर हाईकोर्ट में साक्ष्यों के साथ याचिका दाखिल कर दी है. वहीं जिम्मेदार अफसर कह रहे हैं कि नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से पूरा किया गया है. हालांकि इस मामले पर खुद एमएसएमई मंत्री भानु प्रताप वर्मा कुछ दिनों पहले जांच की बात कह चुके हैं. इस पूरे मामले की जानकारी सामने आने पर एमएसएमई अफसरों के बीच हड़कम्प की स्थिति बनी हुई है.
चहेतों को डाक और अन्य को ई-मेल से भेजी गई इंटरव्यू की जानकारी : शहर से अभ्यर्थी रवि कुमार ने बताया कि अफसरों ने नियुक्तियां करने के दौरान अपने चहेतों को डाक के जरिए जानकारी दी. वहीं अन्य अभ्यर्थियों को ई-मेल से सूचना देकर कैम्पस में बुलाया गया. मनचाहे अफसरों का परीक्षा बोर्ड बनाकर महाप्रबंधक आईडीटीआर जमशेदपुर से इसका सहमति पत्र भी जारी करवा लिया गया. उन्होंने एमएसएमई सचिव और विकास आयुक्त को पत्र भेजकर इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराने का अनुरोध किया है.
2016 में रखी गई थी नींव, अभी तक एक भी नियुक्ति नहीं : केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में शामिल टूल रूम की आधारशिला वर्ष 2016 में रखी गई थी. हालांकि एमएसएमई अफसरों की लापरवाह कार्यशैली के चलते अभी तक एक भी स्थाई नियुक्ति नहीं हो सकी है. बात कोर्स संचालन की करें तो वह भी केवल कागजों पर हैं. एमएसएमई राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा ने कई बार टूल रूम का निरीक्षण भी किया, लेकिन अफसरों पर वह कोई कार्रवाई नहीं कर सके. आनंद दयाल, एमडी टूल रूम का कहना है कि टूल रूम में पहले चरण के अंतर्गत 15 पदों पर नियुक्तियां होनी हैं. सभी प्रॉसेस में हैं, प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी रखा गया है. आला अफसरों की मौजूदगी में साक्षात्कार कराए गए हैं.
यह भी पढ़ें : UP Weather Updates: यूपी में अगले 5 दिनों तक गरज चमक के साथ बारिश की चेतावनी