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गरीबी नहीं बनेगी खेल में अब बाधा, गरीबों के बच्चे भी अंतरराष्ट्रीय फलक पर दिखाएंगे प्रतिभा, जानिए कैसे? - मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल

कानपुर नगर के किसान, श्रमिक और सब्जी विक्रेता के बेटे अपने हुनर से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर अब अपने हुनर का प्रदर्शन कर सकेंगे. द स्पोर्ट्स हब ऐसे युवाओं को 3 माह तक निःशुल्क प्रशिक्षण देगा. ऐसे युवा खिलाड़ियो को अनुभवी कोच द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा.

निदेशक ऑपरेशंस पीके श्रीवास्तव ने बताया
निदेशक ऑपरेशंस पीके श्रीवास्तव ने बताया
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Published : Jul 21, 2023, 9:11 PM IST

निदेशक ऑपरेशंस पीके श्रीवास्तव ने बताया.

कानपुर: शहर में ऐसे कई हुनरमंद युवा अभी तक तमाम कारणों से न तो प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले पाते थे और न ही अपने हुनर का प्रदर्शन कर पाते थे. अब ऐसे युवाओं के लिए द स्पोर्ट्स हब में इकनोमिक वीकर सेक्शन के तहत 3 माह तक निःशुल्क प्रशिक्षण का मौका मिला है. साथ ही अगर वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो द स्पोर्ट्स हब की ओर से खिलाड़ियों को स्पॉन्सरशिप भी दी जाएगी. जिससे खिलाड़ी अपने हुनर का अंतरराष्ट्रीय फलक पर प्रदर्शन कर सकें और देश के साथ ही शहर का नाम रोशन कर सकें.

द स्पोर्ट्स हब में हर तीसरे माह प्रशिक्षिणः दरअसल, कानपुर नगर स्थित द स्पोर्ट्स हब के अंतर्गत में हर 3 माह में 200 से अधिक ऐसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जाता है, जो बेहद गरीब तबके से आते हैं. हालांकि, उन खिलाड़ियों का चयन तब होता है जब वह अनुभवी कोच द्वारा कराए गए ट्रायल में अपने हुनर से सफलता हासिल करते हैं.

खिलाड़ियों को मिलता है निःशुल्क प्रशिक्षणः टीएसएच के निदेशक ऑपरेशंस पीके श्रीवास्तव ने बताया कि द स्पोर्ट्स हब में इकनोमिक वीकर सेक्शन के अंतर्गत हम उन गरीब तबके के युवाओं को एक ऐसा मंच देना चाहते हैं. जिससे वह अपनी प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित कर सकें. इसके लिए उनका दूसरा बैच शनिवार को तैयार होगा. पहले बैच में 200 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है. यहां किसी भी खिलाड़ी से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है.

पहला खिलाड़ीः कानपुर नगर के पटेल नगर निवासी आयुष ने बताया कि उसके पिता श्रमिक हैं. कई सालों तक उसे ताइक्वांडो के लिए कोई बेहतर मंच नहीं मिला. लेकिन, जैसे ही उसे पता लगा कि शहर में द स्पोर्ट्स हब में इकनोॉमिक वीकर सेक्शन के तहत वह निःशुल्क अनुभवी कोच द्वारा प्रशिक्षण मिल सकता है. इसके बाद वह टीएसएच पहुंच गया. आयुष ने बताया कि वह ताइक्वांडों में इंटरनेशनल ओपन टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल हासिल कर रखा है.


दूसरा खिलाड़ीः शहर निवासी शीलू सैनी ने बताया कि उसके पिता सब्जी लगाने का काम करते हैं. वह ताइक्वांडों का खिलाड़ी है. इस खेल के लिए उसे कहीं अच्छी सुविधा नहीं मिल रही थी. लेकिन अब द स्पोर्ट्स हब में वह बिना किसी शुल्क के 3 माह तक प्रशिक्षण हासिल कर सकेगा. शीलू ने बताया कि यहां द स्पोर्ट्स हब की तरफ से उसे यूनिफार्म और खाने की सुविधा भी मिल रही है.


तीसरा खिलाड़ी: गुरुदेव चौराहा निवासी नमन यादव ने बताया कि उसके पिता किसान हैं. वह बैडमिंटन का माहिर खिलाड़ी है और आल इंडिया टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुका है. नमन ने बताया कि शुक्रवार को द स्पोर्ट्स हब पहुंचकर ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत हुए ट्रायल में उसने प्रतिभाग किया. अब वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए जीजान से जुट गया है.


डिप्टी सीएम भी कर चुके हैं सराहना: शहर के बेनाझाबर स्थित पालिका स्टेडियम के ठीक बगल में बने द स्पोर्ट्स हब मॉडल की सरहाना योगी सरकार के आला अफसरशाह से लेकर डिप्टी तक कर चुके हैं. सूबे के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने अपने दौरे के अगले दिन ही यह घोषणा कर दी थी कि सूबे के कई अन्य शहरों में द स्पोर्ट्स हब के मॉडल को लागू किया जाए. यही नहीं, अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी द स्पोर्ट्स हब की सुविधाओं को सराहा था.

यह भी पढ़ें- देखिए वीडियो : जानिए कब तक टीम इंडिया में वापसी कर सकते हैं विकेट कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत


यह भी पढ़ें- भाई ने चापड़ से काट दिया बहन का सिर, हाथ में लेकर घूमता रहा, देखने वालों की कांप गई रूह

निदेशक ऑपरेशंस पीके श्रीवास्तव ने बताया.

कानपुर: शहर में ऐसे कई हुनरमंद युवा अभी तक तमाम कारणों से न तो प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले पाते थे और न ही अपने हुनर का प्रदर्शन कर पाते थे. अब ऐसे युवाओं के लिए द स्पोर्ट्स हब में इकनोमिक वीकर सेक्शन के तहत 3 माह तक निःशुल्क प्रशिक्षण का मौका मिला है. साथ ही अगर वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो द स्पोर्ट्स हब की ओर से खिलाड़ियों को स्पॉन्सरशिप भी दी जाएगी. जिससे खिलाड़ी अपने हुनर का अंतरराष्ट्रीय फलक पर प्रदर्शन कर सकें और देश के साथ ही शहर का नाम रोशन कर सकें.

द स्पोर्ट्स हब में हर तीसरे माह प्रशिक्षिणः दरअसल, कानपुर नगर स्थित द स्पोर्ट्स हब के अंतर्गत में हर 3 माह में 200 से अधिक ऐसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जाता है, जो बेहद गरीब तबके से आते हैं. हालांकि, उन खिलाड़ियों का चयन तब होता है जब वह अनुभवी कोच द्वारा कराए गए ट्रायल में अपने हुनर से सफलता हासिल करते हैं.

खिलाड़ियों को मिलता है निःशुल्क प्रशिक्षणः टीएसएच के निदेशक ऑपरेशंस पीके श्रीवास्तव ने बताया कि द स्पोर्ट्स हब में इकनोमिक वीकर सेक्शन के अंतर्गत हम उन गरीब तबके के युवाओं को एक ऐसा मंच देना चाहते हैं. जिससे वह अपनी प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित कर सकें. इसके लिए उनका दूसरा बैच शनिवार को तैयार होगा. पहले बैच में 200 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है. यहां किसी भी खिलाड़ी से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है.

पहला खिलाड़ीः कानपुर नगर के पटेल नगर निवासी आयुष ने बताया कि उसके पिता श्रमिक हैं. कई सालों तक उसे ताइक्वांडो के लिए कोई बेहतर मंच नहीं मिला. लेकिन, जैसे ही उसे पता लगा कि शहर में द स्पोर्ट्स हब में इकनोॉमिक वीकर सेक्शन के तहत वह निःशुल्क अनुभवी कोच द्वारा प्रशिक्षण मिल सकता है. इसके बाद वह टीएसएच पहुंच गया. आयुष ने बताया कि वह ताइक्वांडों में इंटरनेशनल ओपन टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल हासिल कर रखा है.


दूसरा खिलाड़ीः शहर निवासी शीलू सैनी ने बताया कि उसके पिता सब्जी लगाने का काम करते हैं. वह ताइक्वांडों का खिलाड़ी है. इस खेल के लिए उसे कहीं अच्छी सुविधा नहीं मिल रही थी. लेकिन अब द स्पोर्ट्स हब में वह बिना किसी शुल्क के 3 माह तक प्रशिक्षण हासिल कर सकेगा. शीलू ने बताया कि यहां द स्पोर्ट्स हब की तरफ से उसे यूनिफार्म और खाने की सुविधा भी मिल रही है.


तीसरा खिलाड़ी: गुरुदेव चौराहा निवासी नमन यादव ने बताया कि उसके पिता किसान हैं. वह बैडमिंटन का माहिर खिलाड़ी है और आल इंडिया टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुका है. नमन ने बताया कि शुक्रवार को द स्पोर्ट्स हब पहुंचकर ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत हुए ट्रायल में उसने प्रतिभाग किया. अब वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए जीजान से जुट गया है.


डिप्टी सीएम भी कर चुके हैं सराहना: शहर के बेनाझाबर स्थित पालिका स्टेडियम के ठीक बगल में बने द स्पोर्ट्स हब मॉडल की सरहाना योगी सरकार के आला अफसरशाह से लेकर डिप्टी तक कर चुके हैं. सूबे के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने अपने दौरे के अगले दिन ही यह घोषणा कर दी थी कि सूबे के कई अन्य शहरों में द स्पोर्ट्स हब के मॉडल को लागू किया जाए. यही नहीं, अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी द स्पोर्ट्स हब की सुविधाओं को सराहा था.

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