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स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में 8 पायदान नीचे फिसला कानपुर नगर निगम, यूपी के इन जिलों ने बनाई टॉप 5 में बनाई जगह

कानपुर नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में 8 पायदान नीचे फिसल गया है. रैकिंग जारी होने के बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी बोले कि रिपोर्ट देखने के बाद जो भी चूक हुई है उसमें सुधार की जाएगी.

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स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग
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Published : Oct 4, 2022, 9:07 PM IST

कानपुर: वैसे तो कानपुर को अब स्मार्ट सिटी कहा जाता है, पर हकीकत इसके विपरीत है. कानपुर नगर निगम के अफसर के दावे भी सच्चाई से कोसों दूर है. शहर में जगह-जगह गंदगी का अंबार है. इसकी पुष्टि पिछले दिनों जारी स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग के आंकड़े कर रहे हैं. साल 2021 में कानपुर की रैंकिंग 21वीं थी, जो इस साल 8 पायदन नीचे खिसककर 29वें स्थान पर पहुंच गई. जिम्मेदार अफसर अब आगे के लिए और बेहतर प्रयास कर शहर को साफ-सुथरा करने के लिए प्लानिंग बना रहे हैं.

गाजियाबाद को मिला है पहला स्थान: नगर निगम के एक आला अफसर ने बताया कि रैंकिंग में गाजियाबाद को पहला स्थान मिला है. जहां एक लाख से 10 लाख की आबादी है. वहीं, अलीगढ़ दूसरे स्थान पर है. इसके अलावा मथुरा तीसरा और फिरोजबाद को चौथा स्थान मिला है. क्षेत्रफल के नजरिए से छोटे शहरों में शामिल गोंडा को पांचवा स्थान मिला है.

पिछले पांच सालों में कानपुर की रैंकिंग
साल/रैंकिंग

  • 2018 65वीं
  • 2019 63वीं
  • 2020 25वीं
  • 2021 21वीं
  • 2022 29वीं

अफसरों की बड़ी फौज, पर 30 फीसद वार्डों में उठ रहा कूड़ा: नगर निगम में अफसरों की एक बड़ी फौज काम करती है. बावजूद इसके अभी शहर के कुल 110 वार्डों में से महज 30 फीसद में घर-घर कूड़ा उठाया जा रहा है. यही नहीं साफ-सफाई को लेकर हर साल करोड़ों रुपये बजट खानापूर्ति के नाम पर फूंका जाता हैं. लेकिन, शहर में जहां निगाह फेरिए, वहां कूड़े का ढेर साफ नजर आता है.

कई स्थानों पर अब भूमिगत कूड़ा डंपिंग ग्राउंड स्टेशन: नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अमित सिंह ने बताया कि शहर की रैंकिंग पिछले साल की अपेक्षा आठ स्थान नीचे फिसली है. इसके लिए अब पूरी रिपोर्ट देखेंगे, कि आखिर कहां चूक हो गई. उन्होंने आगे कहा कि अब प्रयास होगा कि शहर को साफ-सुथरा बनाएं. वहीं, बताया कि शहर में तमाम स्थानों पर अब भूमिगत कूड़ा डंपिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं.

कानपुर: वैसे तो कानपुर को अब स्मार्ट सिटी कहा जाता है, पर हकीकत इसके विपरीत है. कानपुर नगर निगम के अफसर के दावे भी सच्चाई से कोसों दूर है. शहर में जगह-जगह गंदगी का अंबार है. इसकी पुष्टि पिछले दिनों जारी स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग के आंकड़े कर रहे हैं. साल 2021 में कानपुर की रैंकिंग 21वीं थी, जो इस साल 8 पायदन नीचे खिसककर 29वें स्थान पर पहुंच गई. जिम्मेदार अफसर अब आगे के लिए और बेहतर प्रयास कर शहर को साफ-सुथरा करने के लिए प्लानिंग बना रहे हैं.

गाजियाबाद को मिला है पहला स्थान: नगर निगम के एक आला अफसर ने बताया कि रैंकिंग में गाजियाबाद को पहला स्थान मिला है. जहां एक लाख से 10 लाख की आबादी है. वहीं, अलीगढ़ दूसरे स्थान पर है. इसके अलावा मथुरा तीसरा और फिरोजबाद को चौथा स्थान मिला है. क्षेत्रफल के नजरिए से छोटे शहरों में शामिल गोंडा को पांचवा स्थान मिला है.

पिछले पांच सालों में कानपुर की रैंकिंग
साल/रैंकिंग

  • 2018 65वीं
  • 2019 63वीं
  • 2020 25वीं
  • 2021 21वीं
  • 2022 29वीं

अफसरों की बड़ी फौज, पर 30 फीसद वार्डों में उठ रहा कूड़ा: नगर निगम में अफसरों की एक बड़ी फौज काम करती है. बावजूद इसके अभी शहर के कुल 110 वार्डों में से महज 30 फीसद में घर-घर कूड़ा उठाया जा रहा है. यही नहीं साफ-सफाई को लेकर हर साल करोड़ों रुपये बजट खानापूर्ति के नाम पर फूंका जाता हैं. लेकिन, शहर में जहां निगाह फेरिए, वहां कूड़े का ढेर साफ नजर आता है.

कई स्थानों पर अब भूमिगत कूड़ा डंपिंग ग्राउंड स्टेशन: नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अमित सिंह ने बताया कि शहर की रैंकिंग पिछले साल की अपेक्षा आठ स्थान नीचे फिसली है. इसके लिए अब पूरी रिपोर्ट देखेंगे, कि आखिर कहां चूक हो गई. उन्होंने आगे कहा कि अब प्रयास होगा कि शहर को साफ-सुथरा बनाएं. वहीं, बताया कि शहर में तमाम स्थानों पर अब भूमिगत कूड़ा डंपिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं.

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