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बेजुबान जानवरों को मिलेगी आवाज, IIT कानपुर ने विकसित की लेजर फेसिंग तकनीक

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Published : Aug 25, 2019, 12:00 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर आईआईटी ने जानवरों की सुरक्षा को लेकर एक ऐसी लेजर फेसिंग तकनीक विकसित की है. जिसके प्रयोग से जानवरों को न केवल दुर्घटनाओं से बचाया जा सकेगा बल्कि तस्करी और शिकार करने वालों पर भी लगाम लगाया जा सकेगा.

IIT ने विकसित की लेजर फेसिंग तकनीक.

कानपुर: आईआईटी के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग के उपयोग से जानवरों की सुरक्षा को लेकर एक ऐसी लेजर फेसिंग तकनीक विकसित की है, जो पूरे जंगल की निगरानी करेगी. इसके प्रयोग से जानवरों को न केवल दुर्घटनाओं से बचाया जा सकेगा, बल्कि तस्करी और शिकार करने वालों पर भी लगाम लगाया जा सकेगा.

लेजर फेसिंग तकनीक पर प्रोफेसर निश्छल वर्मा से खास बातचीत.

जानवरों की तस्करी पर लगेगी रोक
जानवरों की तस्करी पर लगाम लगाने वाली इस तकनीक से जंगल में घुसने वाली गाड़ी का नंबर, रफ्तार, शिकार और तस्करी करने वाले व्यक्ति को आसानी से ट्रेस किया जा सकता है. इसकी मदद से तस्करों को आसानी से पकड़ने में सफलता मिलेगी.

यह भी पढ़ें: गाजीपुर में उफानाई गंगा, जान जोखिम में डालकर बच्चे करते स्टंट, देखें वीडियो

दुर्घटनाग्रस्त होने से बचेंगे जानवर
देश के कई जंगलों और वनों से रेलवे लाइन गुजरती है, जिससे आए दिन जानवर हादसे का शिकार होते रहते हैं. अब इस टेक्नोलॉजी की मदद से इस पर भी रोक लगेगी. लेजर फेसिंग के माध्यम से जानवरों के रेलवे ट्रैक के आसपास होने की जानकारी ट्रेन संचालकों को मिलेगी, जिससे वो दुर्घटना को लेकर पहले से ही सतर्क हो जाएंगे.

वन विभाग को दिया गया डेमो
इस तकनीक में कैमरों का यूज किया गया है. जानवर या तस्कर के इसके संपर्क में आते ही कंट्रोल रूम में अलार्म बजने लगेगा, जो जंगल में हो रही गतिविधि के बारे में बताएगा. इस मशीन का डेमो वन विभाग को दे दिया गया है. जल्द ही इसको उपयोग में लाया जाएगा.

कानपुर: आईआईटी के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग के उपयोग से जानवरों की सुरक्षा को लेकर एक ऐसी लेजर फेसिंग तकनीक विकसित की है, जो पूरे जंगल की निगरानी करेगी. इसके प्रयोग से जानवरों को न केवल दुर्घटनाओं से बचाया जा सकेगा, बल्कि तस्करी और शिकार करने वालों पर भी लगाम लगाया जा सकेगा.

लेजर फेसिंग तकनीक पर प्रोफेसर निश्छल वर्मा से खास बातचीत.

जानवरों की तस्करी पर लगेगी रोक
जानवरों की तस्करी पर लगाम लगाने वाली इस तकनीक से जंगल में घुसने वाली गाड़ी का नंबर, रफ्तार, शिकार और तस्करी करने वाले व्यक्ति को आसानी से ट्रेस किया जा सकता है. इसकी मदद से तस्करों को आसानी से पकड़ने में सफलता मिलेगी.

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दुर्घटनाग्रस्त होने से बचेंगे जानवर
देश के कई जंगलों और वनों से रेलवे लाइन गुजरती है, जिससे आए दिन जानवर हादसे का शिकार होते रहते हैं. अब इस टेक्नोलॉजी की मदद से इस पर भी रोक लगेगी. लेजर फेसिंग के माध्यम से जानवरों के रेलवे ट्रैक के आसपास होने की जानकारी ट्रेन संचालकों को मिलेगी, जिससे वो दुर्घटना को लेकर पहले से ही सतर्क हो जाएंगे.

वन विभाग को दिया गया डेमो
इस तकनीक में कैमरों का यूज किया गया है. जानवर या तस्कर के इसके संपर्क में आते ही कंट्रोल रूम में अलार्म बजने लगेगा, जो जंगल में हो रही गतिविधि के बारे में बताएगा. इस मशीन का डेमो वन विभाग को दे दिया गया है. जल्द ही इसको उपयोग में लाया जाएगा.

Intro:कानपुर :- लेजर फेसिंग से जंगलों और वनों में लगेगी तस्करी में रोग ,जानवर भी बचाए जाएंगे दुर्घटनाग्रस्त होने से

आईआईटी कानपुर ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी का इजाद किया है जो वन में और जंगलों में जानवरों की ना केवल दुर्घटनाओं होने से बचाएगी बल्कि जंगल में चोरी छिपे घुसकर लकड़ियों की तस्करी एवं शिकार करने वाले अब बच नहीं पाएंगे । आईआईटी के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग का उपयोग कर एक लेजर फेसिंग की ऐसी तकनीक विकसित की है जो पूरे जंगल की निगरानी कर सकती है


Body:जंगलों और वनों में आए दिन हो रही तस्करी और जानवरों के दुर्घटनाग्रस्त होने के चलते वन विभाग में आईआईटी से इसके लिए कोई तकनीक विकसित करने के लिए कहा था जिसके चलते आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने इस लेजर फेसिंग टेक्नोलॉजी का इजात किया है । वन विभाग के सामने आईआईटी के वैज्ञानिकों ने इसका डेमो भी करके दिखाया इस तकनीक की खास बात यह है कि इससे जंगल में घुसने वाली गाड़ी का नंबर रफ्तार शिकार एवं तस्करी करने वाले व्यक्ति को आसानी से ट्रेस किया जा सकता है


Conclusion:देश के कई जंगलों और वनों से रेलवे लाइन भी गुजरी हुई है जिनमें आए दिन जानवरों के आ जाने से हादसे होते है अब इस टेक्नोलॉजी की मदद से उन पर भी रोक लगेगी लेजर फेसिंग के माध्यम से जानवरों और ट्रेन संचालकों को भी जानकारी मिलेगी जब किसी भी वन क्षेत्र जंगल की लेजर फेसिंग की जाएगी इसके संपर्क में आते ही कंट्रोल रूम में अलार्म बजेगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कैमरे उस जगह को क्या-क्या करेंगे और लेजर फेसिंग क्लास करने वाली जी व्यास शिकारी की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे घने जंगलों के बीच जाते मुख्य मार्गों और रेलवे लाइन पर अचानक बनवाने से कई बार हादसा हो जाता है लेजर फेसिंग तकनीक से इस पर लगाम लगेगी सड़क पर 30 से 50 फीट आगे आने पर तुरंत अलार्म बज उठेगा ताकि वाहन संचालक सचेत हो जाए ।

बाइट :- निश्छल वर्मा , प्रोफेसर,आईआईटी कानपुर
रजनीश दीक्षित
कानपुर ।
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