कानपुरः कोरोना से निपटने के तरीके खोजने के लिए देश-विदेश के विशेषज्ञ लगे हुए हैं. आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ भी इस काम में पीछे नहीं हैं. खासतौर से कोरोना संबंधी रिसर्च को लेकर कानपुर आईआईटी सुर्खियों में है. कोरोना की दूसरी लहर को लेकर गणितज्ञ मॉडल के आधार पर की गई भविष्यवाणी सच साबित हुई है. वहीं, अब कोरोना को हराने और तीसरी लहर पर ब्रेक लगाने को लेकर की गई रिसर्च मील का पत्थर साबित हो सकती है.
ये बोले आईआईटी के प्रोफेसर
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव व आइआइटी कानपुर के प्रो.आशुतोष शर्मा ने कहा है कि घरों, कार्यालयों आदि में वेंटिलेशन का प्रबंध और डबल मास्क पहनने से हम काफी हद तक कोरोना को हरा देंगे. इतना ही नहीं, दिसंबर तक देश में एक ओर जहां टीकाकरण का 90 फीसद से अधिक लक्ष्य पूरा हो जाएगा, वहीं दूसरी ओर जितने लोग अभी तक संक्रमित हुए हैं, उन्हें मिलाकर करीब 70 फीसद लोगों में एंटीबॉडी तैयार हो जाएगी. यह हर्ड इम्यूनिटी का काम करेगी. इसके चलते कोरोना से सभी का बचाव हो सकेगा.
वेंटिलेशन जरूरी
उन्होंने बताया कि वेंटिलेशन इसलिए अब बहुत जरूरी हो गया है, क्योंकि जब हम एक दूसरे से कहीं मुलाकात करेंगे तो अगर कोई संक्रमित व्यक्ति, हमारे बीच होगा तो वह उस स्थान पर एक घंटे के लिए एयरोसोल छोड़ जाएगा, जिसे दूसरे व्यक्ति इंहेल कर सकते हैं. ऐसी स्थिति में वेंटिलेशन के साथ अगर लोग डबल मास्क लगाए रहेंगे तो वह पूरी तरह से बचे रहेंगे.
ऐसे तीसरी लहर की धार होगी कम
आईआईटी के प्रो.आशुतोष बताते हैं कि अगर सरकार की ठोस तैयारियां होंगी और सभी लोग सावधानियां बरतेंगे तो निश्चित तौर पर तीसरी लहर में कोरोना वायरस का प्रभाव कम होगा. उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी लहर में भयावह स्थिति इसलिए हो गई क्योंकि लोगों ने लापरवाही की थी.
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इन बातों का रखें विशेष ध्यान
डबल मास्क या एन-95 मास्क का ही उपयोग करने के साथ घर या कार्यालय के खिड़की, दरवाजे खोल कर रखने से वेंटिलेशन से संक्रमण पर वार होता है. इसके साथ ही मेज और खिड़की दरवाजों को समय-समय पर सैनिटाइज करते रहना चाहिए. वहीं, कोरोना के लक्षण प्रतीत होते ही क्वारंटीन होकर चिकित्सक के संपर्क में दवा लें, रिपोर्ट का इंतजार न करें. अधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने के साथ अच्छी गुणवत्ता वाले सैनेटाइजर का उपयोग करें. बाहर से आकर साबुन से हाथ व चेहरे को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए.