कानपुर: शहर के जीएसवीेएम मेडिकल कॉलेज के ठीक सामने बने एलएलआर अस्पताल में 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाए जाने के मामले पर बुधवार सुबह जहां कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर तंज कसा था. वहीं, इस मामले में दोपहर को ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. संजय काला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर करारा जवाब दिया. प्राचार्य ने कहा कि फर्जी जानकारी पर ट्वीट क्यों कर दिया.
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डबल इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
यूपी के कानपुर में एक सरकारी अस्पताल में थैलीसीमिया के 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे इन बच्चों को HIV AIDS और हेपेटाइटिस B, C जैसी चिंताजनक बीमारियाँ हो गई हैं।
ये गंभीर लापरवाही शर्मनाक है।…
">डबल इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 25, 2023
यूपी के कानपुर में एक सरकारी अस्पताल में थैलीसीमिया के 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे इन बच्चों को HIV AIDS और हेपेटाइटिस B, C जैसी चिंताजनक बीमारियाँ हो गई हैं।
ये गंभीर लापरवाही शर्मनाक है।…डबल इंजन सरकार ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को डबल बीमार कर दिया है।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 25, 2023
यूपी के कानपुर में एक सरकारी अस्पताल में थैलीसीमिया के 14 बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिससे इन बच्चों को HIV AIDS और हेपेटाइटिस B, C जैसी चिंताजनक बीमारियाँ हो गई हैं।
ये गंभीर लापरवाही शर्मनाक है।…
उन्होंने कहा कि हमारे मेडिकल कॉलेज व एलएलआर अस्पताल के रिकार्ड में तो साल 2019 के बाद से कोई भी एचआईवी, एचसीवी, एचएसबीजी और थैलीसीमिया संक्रमित मरीज आया ही नहीं. उन्होंने इस संबंध में अपनी ओर से सारे रिकार्ड भी मुहैया कराए. प्राचार्य डॉ. संजय काला ने कहा कि पूरे मामले की जानकारी सूबे के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को दे दी गई है. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया में बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार आर्या की ओर से जो जानकारी दी गई, वह पूरी तरह से गलत है. अब उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि अब सच्चाई सामने आने के बाद नेता अपनी सियासी रोटियां न सेकें.
साल 2014 में एचआईवी का एक मरीज पॉजिटिव मिला था: प्राचार्य डॉ. संजय काला ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में साल 2014 में एक मरीज एचआईवी पॉजिटिव मिला था. इसी तरह साल 2019 में एक एचआईवी पॉजिटिव मरीज की स्क्रीनिंग की गई थी. इनका कहीं दूसरे शहरों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन हो रहा था. उन्होंने कहा कि केवल 11 बच्चों का मामला कुछ दिनों पहले सामने आया था. इनमें लगातार ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जा रहा था. उन्हीं बच्चों को एलएलआर अस्पताल में उनके परिजन लाए थे. सभी का यहां पर सही उपचार किया गया. हमारे अस्पताल की ओर से न तो संक्रमित खून चढ़ाया गया, न ही यहां बच्चों में किसी तरह का संक्रमण सामने आया.