कानपुर: आमतौर पर बेहद शांत और हंसमुख स्वभाव से जनता की शिकायतों का निस्तारण करने वाले कानपुर डीएम विशाख जी अपने अधीनस्थ अफसरों से नाराज हो गए हैं. इसका मुख्य कारण है, जनसुनवाई के मामलों में विभागीय अफसरों के लचर रवैये से जनता का उन्हें नकारना. अब ऐसी स्थिति में पहली बार कानपुर के डीएम ने 106 अधीनस्थ अफसरों को नोटिस दिया. साथ ही 3 दिनों का समय देकर जवाब भी मांगा है. इस मामले की चर्चा पूरे शहर में जोरों पर हैं.
दरअसल, पिछले कई माह से डीएम को यह रिपोर्ट मिल रही थी कि जनसुनवाई के मामलों में कई विभागीय अफसर समय से मामलों का निस्तारण नहीं कर रहे हैं. जब इंतहा हो गयीं तो डीएम ने सभी के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए 100 से अधिक अफसरों को नोटिसें भेज दीं. इस मामले में सबसे बड़ी खास बात यह है कि जिन अफसरों को नोटिसें दी गयीं, उनमें डीएम स्तर से लेकर एसडीएम स्तर तक के अफसर शामिल हैं.
32 अफसरों के खिलाफ निगेटिव रिपोर्ट: डीएम ने जिन अफसरों को नोटिसें भेजी हैं, उनमें 32 अफसर तो ऐसे हैं जिनके खिलाफ जनता ने अपनी निगेटिव रिपोर्ट दी है. यानी वो अफसर जनसुनवाई के प्रकरणों का समाधान करने में पूरी तरह असफल रहे. हैरान करने वाली बात यह भी है, कि जब अफसर विभागीय समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहे हैं, तो सोचिये उनके विभाग कि क्या स्थिति होगी. हर अफसर को काम करना होगा. सभी की अपने काम के प्रति जवाबदेही है. जो नोटिसें जारी की गयीं हैं, उनका जवाब मिलने के बाद कार्रवाई होगी.
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