कानपुर: यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिहाज से झकरकटी बस अड्डे को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है. प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में बस अड्डों को मॉडल के तौर पर विकासित करने पर जोर दिया है. झकरकटी बस अड्डे को नई सुविधाओं से लैस कर विकासित करने के प्रयास साल 2020 से किए जा रहे थे, लेकिन इस काम को धार नहीं मिल पा रही थी. अब उम्मीद है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम टेंडर की प्रक्रिया शुरू करेगा और नए वित्तीय वर्ष में यहां काम शुरू पाएगा.
UP में 17 बस स्टेशन पीपीपी मॉडल पर होंगे विकसित
झकरकटी बस स्टैंड के एआरएम राजेश सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार कुल 17 बस स्टेशनों को पीपीपी (प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप) मॉडल के रूप में विकसित करने जा रही है. इसमें कई बड़े शहरों के बस अड्डे शामिल हैं, जिसमें प्रयागराज, आगरा, वाराणसी और कानपुर जैसे कई बस अड्डे शामिल हैं. इसके लिए करोड़ों का बजट आवंटित किया जाएगा. यात्रियों की सुविधाओं में इजाफा करने के उद्देश्य से झकरकटी बस अड्डे को विकसित करने के लिए कुल 166 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. बस अड्डे पर अब रेस्टोरेंट, शापिंग मॉल, बसों के प्लेटफॉर्म, मोबाइल चार्जर, वातानुकूलित यात्री प्रतीक्षालय, इलेक्ट्रॉनिक बसों की चार्जिंग और होटल स्थापित किए जाएंगे.
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झकरकटी बस अड्डा की स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब है. बस अड्डा परिसर में बिछाई गई ईंटें अब धसने लगी हैं. यहां से करीब 2,000 बसों का परिचालन किया जाता है. उस लिहाज से यहां सुविधाएं बहुत कम हैं.