कानपुर: उद्योग उपायुक्त राजेश यादव के यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा है. प्रदेश में सरकारी योजनाओं में सेंध लगाने वाले भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ इनकम टैक्स की यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. वहीं आयकर अधिकारियों के मुताबिक देशभर में 19 जगहों पर छापे की कार्रवाई की गई है. शहर में उद्योग उपायुक्त राजेश यादव विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और कार्मिक विभाग का काम देख रहे थे. कानपुर के लक्ष्मणबाग कॉलोनी में उनका आवास है. आयकर विभाग की छापेमारी से कार्यालय के अन्य अफसरों में हड़कंप मच गया है.
बता दें कि कानपुर में आयकर विभाग और सीबीआई की तरफ से लगातार छापामारी की जा रही है. कानपुर के कारोबारियों और सरकारी अफसरों के खिलाफ आयकर और सीबीआई के अधिकारियों को शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है. कुछ दिनों पहले लखनऊ आयकर के अधिकारियों ने लाटूश रोड में कारोबारी सुरेश गुप्ता की फर्म पर छापा मारा था. अब आयकर की टीम ने उद्योग उपायुक्त राजेश यादव के लक्ष्मणबाग कॉलोनी स्थित आवास पर छापा मारा है.
आयकर अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक राजेश का जुड़ाव शहर की गोल्डन बास्केट फर्म से मिला है. इस फर्म के मालिक अंचित मांगलानी के घर पर आयकर अफसरों को एक-दो दिन पहले 1.35 करोड़ रुपए नकद मिले थे, अंचित मांगलानी जिसका हिसाब नहीं दे सके थे. वहीं उद्योग विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अंचित का सप्लाई का काम है. अंचित मांगलानी यह काम राजेश यादव के साथ मिलकर देखते हैं.
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राजेश यादव पिछले कई सालों से उद्योग निदेशालय कार्यालय में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और कार्मिक विभाग का काम भी देख रहे थे. पिछले काफी दिनों से वो छुट्टी पर भी थे. आयकर की छापेमारी के बाद से उद्योग निदेशालय में अफसरों और कर्मियों के बीच हड़कंप की स्थिति है. कोई अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं है. हालांकि यह बात भी अब सामने आई है कि राजेश यादव के माध्यम से आयकर के अफसर कई अन्य अफसरों के घर पर छापा मार सकते हैं.
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