कानपुर : शहर में मयूर समूह के कई ठिकानों पर आयकर अफसरों ने जो छापेमारी की थी, उसमें शुक्रवार को अफसरों को छोटे नोटों की लाखों रुपये की गड्डियां मिल गई हैं. आयकर अफसरों का कहना है कि फिलहाल जांच जारी है. वहीं दस्तावेजों के अलावा अफसरों की टीमों ने घर व कार्यालयों में रखे सभी लैपटॉप, मोबाइल व कंप्यूटरों को जब्त कर लिया गया है और कंपनी के लेखा-जोखों की जानकारी हासिल की जा रही हैं.
बताया जा रहा है कि आयकर अफसरों को कंपनियों के कई ऐसे रिकार्ड मिले हैं, जो पूरी तरह से फर्जी दिख रहे हैं. मालिकों ने कई दस्तावेज अपने नौकरों के नाम पर बना रखे हैं. हालांकि, आयकर अफसर अभी कंपनियों को लेकर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. आयकर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लाखों रुपये कैश बरामद हुआ है. अन्य दस्तावेजों को जब तक पूरी तरह नहीं जांच लेंगे, तब तक कुछ कह पाना संभव होगा. उम्मीद है कि लैपटॉप व मोबाइल से हमें कुछ और सटीक जानकारियां मिल सकें.
घर और आफिस में खड़ी कारों के बोनट देखे, अलमारियां भी खंगाली : जिस तरह फिल्मों में आयकर अफसरों की टीमें छापा मारती हैं कानपुर में कुछ उसी तर्ज पर आयकर की टीम काम करती दिखी. अफसरों ने अलमारियां खंगाली और घर व आफिसों में खड़ी कारों की तलाशी के दौरान बोनट खोलकर चेक किए गए. शहर के उद्यमियों का कहना है कि चार दिनों के अंदर मयूर समूह पर आयकर की ओर से कार्रवाई तीसरी बार की गई है. इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी बताई जा रही है कि समूह दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार संगठन (साफ्टा) की नीतियों का गलत प्रयोग करके करोड़ों रुपये का वारे-न्यारे करने में फंस गया है. इसमें यह तथ्य भी सामने आया कि आयकर विभाग पिछले काफी समय से समूह की आमदनी का आकलन कर रहा था. गड़बड़ियों के साक्ष्य मिलते ही अफसरों ने छापा मार दिया.
दो चमड़ा कारोबारियों के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी, गेट बंद कराकर खंगाले दस्तावेज