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कानपुर राजकीय बालिका संरक्षण गृह मामले में योगी सरकार सख्त, जांच शुरू

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Published : Jun 23, 2020, 7:59 PM IST

कानपुर में सोमवार को सामने आए राजकीय बालिका संरक्षण गृह मामले में योगी सरकार ने जांच शुरू कर दी है. मामले की जांच करने के लिए योगी सरकार ने राज्य बाल अधिकार संरक्षण की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी को कानपुर भेजा है. उन्होंने बताया कि सीएम योगी इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं और मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

kanpur
फाइल फोटो.

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में सोमवार को राजकीय बालिका संरक्षण गृह में 57 लड़कियों (संवासिनियों) में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी. इसके साथ ही संरक्षण गृह में रह रहीं 7 नाबालिग लड़कियां गर्भवती मिली थीं, जिनमें से 5 कोरोना पॉजिटिव हैं. इस मामले को उत्तर प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद राज्य बाल अधिकार संरक्षण की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी कानपुर पहुंचीं. उन्होंने बालिका संरक्षण गृह से सम्बंधित घटना के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली.

डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने राजकीय बालिका संरक्षण गृह मामले में दी जानकारी.

मीडिया से बात करते हुए डॉ. शुचिता ने बताया कि मामले की जांच के लिए उन्हें भेजा गया है. उन्होंने बताया कि सीएम योगी का सख्त आदेश है कि जिस किसी से भी चूक हुई है उस पर कार्रवाई कर दंडित किया जाए. डॉ. शुचिता का कहना है कि अगर इन बच्चियों को पहले ही कहीं क्वारंटाइन कर लिया जाता तो स्थिति बेहतर होती. उन्होंने बताया कि एक महिला कर्मचारी भी पॉजिटिव पाई गई. यह महिला कर्मचारी गर्भवती लड़कियों को लेकर अस्पताल जाया-आया करती थी. डिलिवरी के समय भी साथ थी. अस्पताल के चक्कर लगाने के चलते यह कोरोना संक्रमित हुई. बाद में बालिका गृह आकर भी यह लड़कियों के साथ रही थी. वहीं से संक्रमण फैला, अगर इस मामले में पहले ही रोकथाम की जाती तो मामला इतना न बढ़ता.

उनका कहना है कि जहां पर लड़कियों को क्वारंटाइन किया गया है, वहां की स्थिति संतोसजनक है. उनसे बात कर फीडबैक भी लिया गया है. वे सभी सुरक्षित महसूस कर रही हैं. डॉ. शुचिता का कहना है कि अभी बच्चियों का सैम्पल लिया गया है. अभी कंफर्म नहीं है कि सभी 57 बच्चियां कोरोना संक्रमित हैं.

बालिका गृह की बढ़ाई जाएगी क्षमता
बालिका संरक्षण गृह में कम क्षमता होने के मामले पर भी उन्होंने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का एक आदेश आया था, जिसमें पास्को से जुड़ी बच्चियों को बालिका संरक्षण गृह में रखने का आदेश दिया गया था. पहले बालिका गृह में उन बच्चियों को रखा जाता था जो अपने माता-पिता द्वारा उत्पीड़ित की जाती थीं या जिनके माता-पिता नहीं होते थे. कुछ ऐसे भी मामले थे जहां माता-पिता किसी वजह से बच्चियों को छोड़ देते थे, उन्हें भी बालिका गृह में रखा जाता था. पास्को से जुड़ी लड़कियों को भी बालिका गृह में रखा जाने लगा. इसलिए यहां संख्या बढ़ गई. बालिका गृह की क्षमता बढ़ाने के लिए जल्दी व्यवस्था की जाएगी.

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में सोमवार को राजकीय बालिका संरक्षण गृह में 57 लड़कियों (संवासिनियों) में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी. इसके साथ ही संरक्षण गृह में रह रहीं 7 नाबालिग लड़कियां गर्भवती मिली थीं, जिनमें से 5 कोरोना पॉजिटिव हैं. इस मामले को उत्तर प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद राज्य बाल अधिकार संरक्षण की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी कानपुर पहुंचीं. उन्होंने बालिका संरक्षण गृह से सम्बंधित घटना के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली.

डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने राजकीय बालिका संरक्षण गृह मामले में दी जानकारी.

मीडिया से बात करते हुए डॉ. शुचिता ने बताया कि मामले की जांच के लिए उन्हें भेजा गया है. उन्होंने बताया कि सीएम योगी का सख्त आदेश है कि जिस किसी से भी चूक हुई है उस पर कार्रवाई कर दंडित किया जाए. डॉ. शुचिता का कहना है कि अगर इन बच्चियों को पहले ही कहीं क्वारंटाइन कर लिया जाता तो स्थिति बेहतर होती. उन्होंने बताया कि एक महिला कर्मचारी भी पॉजिटिव पाई गई. यह महिला कर्मचारी गर्भवती लड़कियों को लेकर अस्पताल जाया-आया करती थी. डिलिवरी के समय भी साथ थी. अस्पताल के चक्कर लगाने के चलते यह कोरोना संक्रमित हुई. बाद में बालिका गृह आकर भी यह लड़कियों के साथ रही थी. वहीं से संक्रमण फैला, अगर इस मामले में पहले ही रोकथाम की जाती तो मामला इतना न बढ़ता.

उनका कहना है कि जहां पर लड़कियों को क्वारंटाइन किया गया है, वहां की स्थिति संतोसजनक है. उनसे बात कर फीडबैक भी लिया गया है. वे सभी सुरक्षित महसूस कर रही हैं. डॉ. शुचिता का कहना है कि अभी बच्चियों का सैम्पल लिया गया है. अभी कंफर्म नहीं है कि सभी 57 बच्चियां कोरोना संक्रमित हैं.

बालिका गृह की बढ़ाई जाएगी क्षमता
बालिका संरक्षण गृह में कम क्षमता होने के मामले पर भी उन्होंने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का एक आदेश आया था, जिसमें पास्को से जुड़ी बच्चियों को बालिका संरक्षण गृह में रखने का आदेश दिया गया था. पहले बालिका गृह में उन बच्चियों को रखा जाता था जो अपने माता-पिता द्वारा उत्पीड़ित की जाती थीं या जिनके माता-पिता नहीं होते थे. कुछ ऐसे भी मामले थे जहां माता-पिता किसी वजह से बच्चियों को छोड़ देते थे, उन्हें भी बालिका गृह में रखा जाता था. पास्को से जुड़ी लड़कियों को भी बालिका गृह में रखा जाने लगा. इसलिए यहां संख्या बढ़ गई. बालिका गृह की क्षमता बढ़ाने के लिए जल्दी व्यवस्था की जाएगी.

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