कानपुरः उत्तर पूर्वी अर्फीका का सबसे बड़ा देश सूडान पिछले 13 दिनों से गृह युद्ध में घिरा हुआ. सेना और अर्द्धसैनिक बलों के बीच चल रही इस जंग में अब तक 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. सूडान में भारतीय समुदाय की भी एक बड़ी आबादी रहती है, जो इस गृह युद्ध के चलते अपनी जान बचाकर वहां से निकलने को मजबूर हैं. स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने ऑपरेशन कावेरी के जरिए सूडान में फंसे भारतीयों को रेस्क्यू करना शुरू किया. ऑपरेशन कावेरी के तहत अब तक भारतीय वायु सेना और नौ सेना ने मिलकर 1000 भारतीयों की स्वेदश वापसी कराई है. इनमें उत्तर प्रदेश के लोग भी शामिल हैं. गुरुवार तक कानपुर में 27 और गोरखपुर-बस्ती मंडल के 31 नागरिकों की घर वापसी हुई.
कानपुर के सचेंडी थाना के अंतर्गत सूडान से लौटे भारतीय दल का एसीपी पनकी निशांक शर्मा की मौजूदगी में स्वागत किया गया. यहां एसीपी ने इन लोगों को जलपान कराया. इसके बाद उन्हें उनके घर भेजने की व्यवस्था की गई. वहीं, गोरखपुर-बस्ती मंडल के 31 नागरिकों में देवरिया के 12, कुशीनगर के 13, गोरखपुर के 5 और सिद्धार्थनगर के एक नागरिक गुरुवार को अपने घर लौटे.
सूडान से लौटे भारतीयों ने बयां किया अपना दर्द: सूडान में गृहयुद्ध की विभीषिका झेल कर स्वेदश लौटे भारतीयों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि गृहयुद्ध के कारण वहां पर सब अस्त-व्यस्त है. हमने जो भी कमाया था. सब हमसे लूट लिया गया. शुक्र है ऊपर वाले का और मोदी जी और योगी जी का जिनकी वजह से हम सुरक्षित वापस अपने देश लौट आए. कुछ दिन और वहां पर रहते तो भूखे ही मर जाते. वहीं, एसीपी निशांक शर्मा ने बताया कि भारतीय नागरिकों का एक दल गुरुवार को कानपुर पहुंचा है. इनमें कानपुर के अलावा रायबरेली, उन्नाव, बनारस के लोग है. सूडान से वापस आये लोगों ने बताया कि उन्हें यहां भारतीय दूतावास ने पोर्ट सूडान से, नेवी, आर्मी, और एयरफोर्स के माध्यम से भेजा है.
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