कानपुर: पूरे देश भर में वैश्विक महामारी कोरोना ने भयानक रूप ले रखा है. कोरोना की दूसरी लहर से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि इस बार की लहर में मृत्यु दर लगभग दोगुना हो गया है. वहीं संक्रमण के मामले भी बहुत तेजी के साथ बढ़े हैं, जिसने पूरे देश को हिला रखा है. कोरोना संक्रमण पर आईआईटी कानपुर ने पहले चरण से ही कई अनुमान लगाए हैं, जो अब तक सही साबित हुए हैं. कोरोना वायरस की दूसरी लहर पर भी आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक ने एक नया अनुमान लगाया है, जिसके अनुसार जुलाई तक कोरोनावायरस की लहर का असर रहेगा.
बता दें कि पूरे देश भर में कोरोना की दूसरी लहर से हड़कंप मचा हुआ है. तेजी के साथ लगातार मामले सामने आ रहे हैं. वहीं रिकॉर्ड मौतों से भी हाल बेहाल है. आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल के अनुसार, जुलाई के महीने तक कोरोना वायरस बेहद कम हो जाएगा. देश में अधिकतर जगह कोरोना अपने पीक पर है. जल्द ही इन मामलों में गिरावट देखने को मिलेगी. देश के कई राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में पीक के बाद संक्रमण अब गिरावट की ओर है. वहीं राजस्थान, छत्तीसगढ़ में इस वक्त संक्रमण पीक पर है तो कर्नाटक और तमिलनाडु में अभी पीक पर आना बाकी है.
जुलाई तक खत्म होगी कोरोना की दूसरी लहर
प्रोफेसर अग्रवाल के अनुसार, कोरोना की दूसरी लहर पूरे देश भर में जुलाई तक खात्मे की ओर होगी. सभी राज्यों में मामलों में गिरावट आ जाएगी और लोग तब राहत की सांस लेंगे. जुलाई तक कोरोना की इस लहर के खत्म होने की खबर से लोगों ने राहत ली है. वहीं, दूसरा दावा डराने वाला है क्योंकि अब तक देश के कई वैज्ञानिक यह कह चुके हैं कि कोरोना की तीसरी लहर कई गुना ज्यादा भयानक हो सकती है.
अक्टूबर से शुरू हो सकती है तीसरी लहर
प्रोफेसर अग्रवाल के अनुसार, कोरोना का डाटा एनालिसिस करने से पता चला है कि तीसरी लहर अक्टूबर से शुरू हो सकती है. हमें अभी से हर परिस्थिति से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए.
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तीसरी लहर को लेकर दिए सुझाव
उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर को कम करने के लिए भी अपने सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि सितंबर-अक्टूबर तक देश की ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जानी चाहिए. नए वेरिएंट की जल्द से जल्द पहचान कर रोका जाना चाहिए. वहीं ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.