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शर्मनाक! नौकरी का झांसा देकर फोड़ीं आंखें, तोड़े हाथ-पैर, 70 हजार में भिखारी गैंग को बेचा

कानपुर से मानव तस्करी का मामला सामने आया है. नौकरी की तलाश में घूम रहे सुरेश मांझी नाम के युवक की आरोपी ने आंखों में केमिकल डालकर अंधा कर दिया. फिर उसे दिल्ली के एक भिखारी गैंग के लीडर को 70 हजार रुपये में बेच दिया. पढ़िए पूरी खबर.

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Published : Nov 4, 2022, 9:47 AM IST

Updated : Nov 4, 2022, 7:22 PM IST

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर से मानव तस्करी का मामला सामने आया है. 6 महीने पहले यहां नौकरी की तलाश में घूम रहे सुरेश मांझी नाम के युवक को उसके परिचित ने ही बंधक बनाकर हाथ-पैर तोड़ दिए और उसके आंखों में केमिकल डालकर अंधा कर दिया. आरोपी ने उसे गर्म एसिड से कई बार जलाया. जब सुरेश विकलांग हो गया उसे दिल्ली के एक भिखारी गैंग के लीडर के पास में बेच दिया. वहां भिखारियों के गैंग चलाने वाले ने उसे दूसरे गैंग से 70 हजार रुपये बेच दिया.

दिल्ली में एसिड से हुए जख्म के कारण जब सुरेश मांझी की हालत बिगड़ गई तो भीख मंगवाने वाले गैंग के लीडर ने उसे दोबारा कानपुर लाकर छोड़ दिया. शुक्रवार को स्थानीय पार्षद प्रशांत शुक्ला की उस पर नजर पड़ी तो पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ. इसके बाद सुरेश ने स्थानीय पार्षद की मदद से नौबस्ता थाने में तहरीर दी और अपनी कहानी बताई. एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय ने कहा कि पुलिस ने मामले जांच शुरू कर दी है. पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने भी जल्द ही भीख मंगवाने वाले गैंग का खुलासा करने का दावा किया है.

कहानी के दो विलेन : 1. सुरेश मांझी की दर्दभरी कहानी का पहला विलेन उसका परिचित मछरिया गुलाबी बिल्डिंग निवासी विजय है. शिकायत के अनुसार विजय ने ही 6 महीने पहले झकरकटी पुल के नीचे उसे बंधक बनाया फिर पीट-पीटकर हाथ-पैर के पंजे तोड़ दिए. आंखों में केमिकल डालकर अंधा कर दिया. इस दौरान शरीर को कई जगह दागा भी.

2. सुरेश मांझी के दर्द को बढ़ाने वाला दूसरा विलेन दिल्ली में रहने वाला राज नामक शख्स है. शिकायत के अनुसार, आरोपी विजय ने एसिड से जलाने और हाथ-पैर तोड़ने के बाद सुरेश को 70 हजार रुपये में राज नाम के युवक को बेच दिया था. वह दिल्ली में सुरेश से भीख मंगवा रहा था. राज ने भी एसिड से उसे जलाया और किसी भीख मांगने वाले दूसरे गैंग को 70 हजार में बेच दिया.

दिल्ली में क्या हुआ : दिल्ली नें राज ने जिस व्यक्ति के पास सुरेश को बेचा था. उसने सुरेश मांझी की हालत देखी तो डॉक्टर के पास इलाज के लिए ले गया. जहां डॉक्टर ने सुरेश के इलाज का खर्च 37 हजार रुपये बताया. जिसके बाद दिल्ली के उस व्यक्ति ने राज को फोन किया कि जिस व्यक्ति को 70 हजार रुपये में बेचा है. उसके इलाज में 37 हजार रुपये का खर्च आ रहा है. उस भिखारी गैंग के लीडर ने राज से सुरेश को ले जाने और बदले में दूसरे व्यक्ति को देने की डिमांड की. इसके बाद राज ने सुरेश को दोबारा कानपुर लाकर छोड़ दिया

कानपुर में मिले मददगार : कानपुर में नौबस्ता थाना एरिया में शुक्रवार को राहगीरों की नजर अंधे हो चुके सुरेश मांझी पर पड़ी. लोगों ने इसकी जानकारी स्थानीय पार्षद प्रशांत शुक्ला और एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय को दी. प्रशांत शुक्ला ने नौबस्ता थाने में कंपलेंट दिलवाई.

पुलिस जांच में जुटी : एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय ने कहा कि मामले को संज्ञान में लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जाएगी. पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड का कहना है कि पुलिस भीख मंगवाने के आरोप की जांच करवा रही है. तहरीर के आधार पर पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है. आरोपियों को तलाशा जा रहा है. पीड़ित के बयानों के आधार पर तफ्तीश की जा रही है.

इसे भी पढे़ं- मानव तस्करी का मामले में अभियुक्तों की 8 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर से मानव तस्करी का मामला सामने आया है. 6 महीने पहले यहां नौकरी की तलाश में घूम रहे सुरेश मांझी नाम के युवक को उसके परिचित ने ही बंधक बनाकर हाथ-पैर तोड़ दिए और उसके आंखों में केमिकल डालकर अंधा कर दिया. आरोपी ने उसे गर्म एसिड से कई बार जलाया. जब सुरेश विकलांग हो गया उसे दिल्ली के एक भिखारी गैंग के लीडर के पास में बेच दिया. वहां भिखारियों के गैंग चलाने वाले ने उसे दूसरे गैंग से 70 हजार रुपये बेच दिया.

दिल्ली में एसिड से हुए जख्म के कारण जब सुरेश मांझी की हालत बिगड़ गई तो भीख मंगवाने वाले गैंग के लीडर ने उसे दोबारा कानपुर लाकर छोड़ दिया. शुक्रवार को स्थानीय पार्षद प्रशांत शुक्ला की उस पर नजर पड़ी तो पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ. इसके बाद सुरेश ने स्थानीय पार्षद की मदद से नौबस्ता थाने में तहरीर दी और अपनी कहानी बताई. एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय ने कहा कि पुलिस ने मामले जांच शुरू कर दी है. पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने भी जल्द ही भीख मंगवाने वाले गैंग का खुलासा करने का दावा किया है.

कहानी के दो विलेन : 1. सुरेश मांझी की दर्दभरी कहानी का पहला विलेन उसका परिचित मछरिया गुलाबी बिल्डिंग निवासी विजय है. शिकायत के अनुसार विजय ने ही 6 महीने पहले झकरकटी पुल के नीचे उसे बंधक बनाया फिर पीट-पीटकर हाथ-पैर के पंजे तोड़ दिए. आंखों में केमिकल डालकर अंधा कर दिया. इस दौरान शरीर को कई जगह दागा भी.

2. सुरेश मांझी के दर्द को बढ़ाने वाला दूसरा विलेन दिल्ली में रहने वाला राज नामक शख्स है. शिकायत के अनुसार, आरोपी विजय ने एसिड से जलाने और हाथ-पैर तोड़ने के बाद सुरेश को 70 हजार रुपये में राज नाम के युवक को बेच दिया था. वह दिल्ली में सुरेश से भीख मंगवा रहा था. राज ने भी एसिड से उसे जलाया और किसी भीख मांगने वाले दूसरे गैंग को 70 हजार में बेच दिया.

दिल्ली में क्या हुआ : दिल्ली नें राज ने जिस व्यक्ति के पास सुरेश को बेचा था. उसने सुरेश मांझी की हालत देखी तो डॉक्टर के पास इलाज के लिए ले गया. जहां डॉक्टर ने सुरेश के इलाज का खर्च 37 हजार रुपये बताया. जिसके बाद दिल्ली के उस व्यक्ति ने राज को फोन किया कि जिस व्यक्ति को 70 हजार रुपये में बेचा है. उसके इलाज में 37 हजार रुपये का खर्च आ रहा है. उस भिखारी गैंग के लीडर ने राज से सुरेश को ले जाने और बदले में दूसरे व्यक्ति को देने की डिमांड की. इसके बाद राज ने सुरेश को दोबारा कानपुर लाकर छोड़ दिया

कानपुर में मिले मददगार : कानपुर में नौबस्ता थाना एरिया में शुक्रवार को राहगीरों की नजर अंधे हो चुके सुरेश मांझी पर पड़ी. लोगों ने इसकी जानकारी स्थानीय पार्षद प्रशांत शुक्ला और एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय को दी. प्रशांत शुक्ला ने नौबस्ता थाने में कंपलेंट दिलवाई.

पुलिस जांच में जुटी : एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय ने कहा कि मामले को संज्ञान में लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जाएगी. पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड का कहना है कि पुलिस भीख मंगवाने के आरोप की जांच करवा रही है. तहरीर के आधार पर पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है. आरोपियों को तलाशा जा रहा है. पीड़ित के बयानों के आधार पर तफ्तीश की जा रही है.

इसे भी पढे़ं- मानव तस्करी का मामले में अभियुक्तों की 8 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर

Last Updated : Nov 4, 2022, 7:22 PM IST
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