बाराबंकी : जिले में कोविड अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज में मनमानी करने और वसूली करने का मामला सामने आया है. शनिवार को जिलाधिकारी के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम की छापेमारी में यह खुलासा हुआ. छापेमारी में अस्पताल में तमाम अव्यवस्थाएं सामने आईं. तमाम बिल बाउचर और अभिलेख सील कर दिए गए हैं. साथ ही दो एसडीएम पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रहे हैं.
मनमानी वसूली कर रहे अस्पताल
आपदा की इस घड़ी में मानवता त्यागकर कुछ लोग शोषण करने पर उतारू हैं. यह आपराधिक प्रवृत्ति कोविड मरीजों के इलाज के लिए चुने गए कुछ अस्पतालों के संचालकों में भी नजर आ रही है. ये अस्पताल मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी वसूली कर रहे हैं.
चिह्नित अस्पतालों में मिली खामी
जिले में मेयो, हिन्द, शेरवुड और आस्था अस्पतालों को कोविड मरीजों के इलाज के लिए चिह्नित किया गया है. इन अस्पतालों में इस समय कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है. जिला प्रशासन को पिछले कुछ दिनों से इन अस्पतालों में मनमानी वूसली की शिकायत मिल रही थी.
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छापेमारी में मिली कई विसंगतियां
जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया और एक टीम बनाकर इसकी जांच कराई. टीम ने तीन दिन पहले आस्था हॉस्पिटल में जांच की. अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों से निर्धारित दर से अधिक पर वसूली की जा रही थी. इस पर जिलाधिकारी ने इस अस्पताल में नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगाते हुए पूरे मामले की जांच शुरू करा दी है.
हिन्द और मेयो अस्पतालों में भी मिली विसंगतियां
इसी क्रम में शनिवार को डीएम की अध्यक्षता में टीम ने मेयो और हिन्द अस्पतालों में भी छापेमारी की. टीम ने मरीजों के इलाज में खर्च संबंधी अभिलेख चेक किए. टीम ने भर्ती और डिस्चार्ज मरीजों के बिल बाउचर चेक किए.
इस दौरान टीम को कई विसंगतियां मिलीं. दोनों अस्पतालों में जांच के दौरान टीम तमाम अभिलेखों को कब्जे में लेकर उनकी विस्तृत जांच कर रही है.
दो एसडीएम करेंगे मामले की जांच
इलाज के नाम पर मरीजों से की जा रही लूट-खसोट को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है. इसके लिए उन्होंने एसडीएम नवाबगंज और एसडीएम फतेहपुर को पूरे मामले की गहन जांच करने के निर्देश दिए हैं.
जिला प्रशासन के इस रुख से अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा है. जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने बताया कि टीम द्वारा अभिलेखों का गहन परीक्षण किया जा रहा है. जांच रिपोर्ट आने के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी.