कानपुर: शहर में जब आप रेल बाजार थाना से थोड़ा पहले खड़े होंगे तो ठीक सामने घुड़सवार पुलिस लाइन का संकेतांक दिख जाएगा. यहां से अंदर पहुंचने पर बायीं ओर हार्स राइडिंग क्लब बना है. शाम को चार बजे इस क्लब के अंदर बने मैदान में घोड़ा पार्थ, हिमालय, मास्टर समेत अन्य घोड़ों पर युवा राइडिंग करते नजर आएंगे. जी हां, शहर की पुलिस ने यहां एक रोचक काम शुरू किया है, जिससे कोई भी आमजन सीधा जुड़ सकता है और अपने घुड़सवारी के शौक को पूरा कर सकता है. गौरतलब है कि फीस के तौर पर सिर्फ 200 रुपये खर्च करने पड़ेंगे.
कुछ दिनों पहले शुरू हुए इस हार्स राइडिंग क्लब के लिए अधिकतर युवा ही अपनी रुचि दिखा रहे हैं. वहीं, क्लब में जैसे ही यह राइडिंग शुरू होती है तो सभी घोड़ों को निर्देश देने वाले निरीक्षक अरविंद मिश्रा की एक आवाज में घोड़े चलते हैं. वह जैसे ही कहते हैं कि एक सीध में चलो तो सभी घोड़े एक सीध में चलने लगते हैं. इसी तरह जब वह कहते हैं कि दो-दो के जोड़े में चलो तो फौरन ही सभी घोड़े दो-दो के जोड़े में चलने लगते हैं.
अरविंद मिश्रा ने कहा कि पूर्व पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत यहां कराई थी. दावा किया कि प्रदेश के किसी भी जिले में पुलिस की ओर से यह घुड़सवारी कहीं नहीं सिखाई जाती. उन्होंने बताया कि एक राइड का 200 रुपये लिया जाता है, जिसमें कोई भी सीखने वाला 2 घंटे तक घुड़सवारी सीख सकता है.
19 अलग-अलग प्रजातियों के हैं घोड़े
पुलिस लाइन में 19 अलग-अलग प्रजातियों के घोड़े हैं. इनमें काठियावाड़, मारवाड़ी समेत अन्य नस्ल शामिल हैं. इन घोड़ों को यहां खाने के लिए जौ, चना और चोकर का मिश्रण भोजन के रूप में दिया जाता है. साथ ही सभी स्वस्थ रहें इसके लिए रोजाना सुबह इनकी मालिश की जाती है. एक रोचक बात यह है कि अधिकतर घोड़े अपने स्थान से (जहां उन्हें बांधा जाता है) हार्स राइडिंग क्लब स्थल तक खुद ही पहुंच जाते हैं.
कानपुर में पुलिस की ओर शुरू किए गए हार्स राइडिंग क्लब को लेकर आमजन का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. कोई भी आमजन वहां जाकर एक आवेदन कर सकता है और घुड़सवारी सीख सकता है. इससे पुलिस और पब्लिक के बीच एक अच्छा संवाद भी स्थापित हो रहा है.
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