कानपुर: शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ठीक सामने बने एलएलआर अस्पताल में रोजाना हजारों की संख्या में मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं. तो वहीं सैकड़ों की संख्या में गंभीर मरीजों का इलाज किया जाता रहता है. कॉलेज प्राचार्य डॉ.संजय काला लगातार इन मामलों की देखरेख करते हैं. शुक्रवार दोपहर को वह अपने कार्यालय में कुछ दस्तावेज देख रहे थे. तभी एक कर्मी ने उन्हें बताया कि कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड के नवाबगंज खंड से एक पत्र आया है.
जिसमें बिजली के 18.66 करोड़ रुपये बिल बकाए की बात लिखी गई है. साथ ही यह बात भी लिखी गई है कि अगर 15 दिनों में बिल न जमा हुआ तो बिजली काट दी जाएगी , जिसके जिम्मेदार प्राचार्य होंगे. यह पत्र पढ़ते ही कॉलेज प्राचार्य गुस्से से ऊबल गए और फौरन ही उन्होंने बिल के संबंध में जानकारी हासिल की. कॉलेज कर्मियों ने बताया कि केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत बिल समय से जमा हो चुका है. प्राचार्य ने कहा कि केस्को के जिस अफसर ने पत्र जारी किया, उसकी भाषा बहुत ही आहत करने वाली है.
वह एक इमरजेंसी सेवा के लिए अपना काम कर रहे हैं, जिसके संदर्भ में यह कैसे लिखा जा सकता है कि शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की लाइट काट दी जाएगी? फौरन ही कॉलेज प्राचार्य डॉ. संजय काला ने कर्मियों को निर्देश दिए कि बिल जमा संबंधी सारे साक्ष्यों के साथ केस्को के अफसर की शिकायत व धमकाने भरी भाषा का जिक्र करते हुए कमिश्नर को पत्र भेज दें. प्राचार्य डा.संजय काला ने कहा कि वह इस संबंध में केस्को एमडी व डीएम से भी अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे.
केवल संज्ञान लेने के लिए भेजा था पत्र: पूरे मामले पर अपनी सफाई देते हुए केस्को के अधिशाषी अभियंता (नवाबगंज खंड) अजय आनंद ने कहा कि पत्र केवल इसलिए जारी किया गया था कि कॉलेज प्राचार्य 18.66 करोड़ रुपये बिल का संज्ञान ले लें. धमकाने या चेतावनी देने का कोई मकसद नहीं था. वहीं, पत्र की कॉपी केस्को एमडी व डीएम को भी भेज दी गई थी.
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