कानपुर: देश की राजधानी नई दिल्ली में जिस तरह से यमुना नदी ने हाहाकार की स्थिति बना दी है. ठीक उसी तरह कानपुर में गंगा के जलस्तर में ने भी विकराल रूप धारण कर लिया है. गंगा की धारा में दिख रही रेती बढ़ते जलस्तर के बीच पूरी तरह से गायब हो गई है. बढ़ते जलस्तर के बीच जिला प्रशासन ने गंगा में नहाने पर रोक लगा दी है.
गंगा का जलस्तर बढ़ने से जलधारा का चेतावनी बिंदु 113 मीटर के करीब दिख रहा है. वहीं, कानपुर के डीएम विशाख जी का दावा है कि बाढ़ से पूरी स्थिति नियंत्रण में है. लेकिन जिस तरह से रोजाना जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है, उसे देखते हुए गंगा बैराज के समीप चैनपुरवा गांव के लोगों ने अपने घरों से पलायन करना शुरू कर दिया है. तहसील के प्रशासनिक अधिकारियों ने मुनादी कराई. इसके बाद लोगों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने को कहा है. इसके साथ ही गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी से किसी जनहानि का दावा नहीं किया गया है.
कानपुर में बिल्हौर के पीछे की ओर से गंगा की धारा शहर की ओर आती है. उसका पानी गंगा बैराज पर ही रोका जाता है. इसके बावजूद भी गंगा नदी का जलस्तर 110 मीटर से ऊपर है. ऐसे में बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं. गेट नंबर एक से लेकर 5 तक पानी का बहाव बहुत तेज है. घाट के आसपास का पूरा क्षेत्र पानी में डूब गया है. नाविक नावों को लेकर किनारों पर आ चुके हैं. बढ़ रहे इस पानी से ग्रामीण अपनी फसलों के डूबने को लेकर चिंतित हैं. वहीं, सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नरौरा से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. ऐसे में लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत है.
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